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Rajasthan High Court: सीएस शपथ पत्र पेश कर बताएं सफाई, अतिक्रमण, यातायात और पार्किंग सुधार के लिए क्या किया ? - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर शहर की सफाई, अतिक्रमण, (Hearing on cleaning system of Jaipur city) यातायात आदि से जुड़े मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र पेश करके उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा है.

Rajasthan High Court,  Chief Secretary to submit an affidavit
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Jan 31, 2023, 8:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि उन्होंने शहर की सफाई, अतिक्रमण, यातायात, पार्किंग और आवारा पशुओं के संबंध में सुधार के लिए क्या कार्रवाई की?. वहीं अदालत ने नगर निगम को हिदायत देते हुए कहा कि वह अदालत में शपथ पत्र पेश करने से पहले उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर ले. ऐसा नहीं हो की तथ्य गलत हो और कोर्ट संबंधित अधिकारी पर हर्जाना लगाए. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर दिए.

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर में सफाई की सही व्यवस्था नहीं है. वहीं नगर निगम की ओर से एएजी अनिल मेहता ने कहा कि हर एक किमी की दूरी पर एक सफाईकर्मी लगा दिया है और शहर में मशीन से सफाई करवा रहे हैं. वहीं सफाईकर्मियों पर निगरानी के लिए हर वार्ड में एक निरीक्षक भी तैनात किया है और नगर निगम आयुक्त भी शहर के इलाकों में आकस्मिक दौरा कर रहे हैं. एएजी की ओर से इन तथ्यों के साथ अदालत में शपथ पत्र भी पेश करना चाहा.

पढ़ेंः Jaipur News: सफाई को लेकर युद्ध स्तर पर अभियान, गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ दर्ज कराया जाएगा मुकदमा

इस पर अदालत ने पहले शपथ पत्र के तथ्यों की सत्यता की जांच करने की बात कही. वहीं अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि गांधी नगर को छोड़कर कहीं पर्याप्त सफाई नहीं है. वहीं ट्रेफिक का हाल ऐसा है कि वीआईपी तो निकल जाता है, लेकिन आम आदमी घंटों जाम में फंसा रहता है. एएजी उनके साथ चलकर देखें कि वास्तविक हालात क्या हैं?. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने नगर निगम को कहा था कि वह शहर की सड़कों पर मशीन से होने वाली सफाई दिन के साथ-साथ रात में भी कराए. नगर निगम को हिदायत भी दी थी कि शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर भी नहीं होने चाहिए. अदालत ने कहा कि क्या सारा काम कोर्ट के आदेश पर ही किया जाएगा और सरकार के साथ-साथ शहरवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि उन्होंने शहर की सफाई, अतिक्रमण, यातायात, पार्किंग और आवारा पशुओं के संबंध में सुधार के लिए क्या कार्रवाई की?. वहीं अदालत ने नगर निगम को हिदायत देते हुए कहा कि वह अदालत में शपथ पत्र पेश करने से पहले उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर ले. ऐसा नहीं हो की तथ्य गलत हो और कोर्ट संबंधित अधिकारी पर हर्जाना लगाए. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर दिए.

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर में सफाई की सही व्यवस्था नहीं है. वहीं नगर निगम की ओर से एएजी अनिल मेहता ने कहा कि हर एक किमी की दूरी पर एक सफाईकर्मी लगा दिया है और शहर में मशीन से सफाई करवा रहे हैं. वहीं सफाईकर्मियों पर निगरानी के लिए हर वार्ड में एक निरीक्षक भी तैनात किया है और नगर निगम आयुक्त भी शहर के इलाकों में आकस्मिक दौरा कर रहे हैं. एएजी की ओर से इन तथ्यों के साथ अदालत में शपथ पत्र भी पेश करना चाहा.

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इस पर अदालत ने पहले शपथ पत्र के तथ्यों की सत्यता की जांच करने की बात कही. वहीं अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि गांधी नगर को छोड़कर कहीं पर्याप्त सफाई नहीं है. वहीं ट्रेफिक का हाल ऐसा है कि वीआईपी तो निकल जाता है, लेकिन आम आदमी घंटों जाम में फंसा रहता है. एएजी उनके साथ चलकर देखें कि वास्तविक हालात क्या हैं?. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने नगर निगम को कहा था कि वह शहर की सड़कों पर मशीन से होने वाली सफाई दिन के साथ-साथ रात में भी कराए. नगर निगम को हिदायत भी दी थी कि शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर भी नहीं होने चाहिए. अदालत ने कहा कि क्या सारा काम कोर्ट के आदेश पर ही किया जाएगा और सरकार के साथ-साथ शहरवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.

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