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सावन के दूसरे सोमवार को ताड़केश्वर महादेव के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जयपुर में सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा. बम बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज उठे. ऐसे में छोटी काशी के ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भी शिव भक्तों ने शिवलिंग का अभिषेक किया.

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Published : Jul 29, 2019, 2:02 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 3:44 PM IST

जयपुर. छोटी काशी का ताड़केश्वर महादेव मंदिर मुख्य बाजार में स्थित महादेव का यह मंदिर जहां पहले कभी श्मशान की भूमि हुआ करती थी. माना जाता है कि बहुत समय पहले अंबिकेश्वर मंदिर के व्यास, सांगानेर जा रहे थे. यहां से गुजरते वक्त विश्राम करने के लिए वह यहां कुछ क्षण रुके भी थे. तभी पहली बार उन्होंने यहां एक शिवलिंग देखा. जयपुर की जब नींव रखी जा रही थी. उस वक्त रियासत के वास्तुविद विद्याधर की बेटी ने इस मंदिर को भव्य रुप दिया. भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाने पर वह 51 किलो दूध-घी से जलाभिषेक किया जाता है.

ताड़केश्वर महादेव के मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पढ़ें: पीएम मोदी अब जंगल में इस अवतार में आएंगे नजर, शो के होस्ट ने ट्वीट कर दी जानकारी

जानकारी के अनुसार ताड़केश्वर महादेव को पहले ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था. पौराणिक मान्यता यह है कि यह शिवलिंग स्वयंभू स्थापित है. यहीं कारण है कि इनमें लोगों की गहरी आस्था है. सावन जैसे पवित्र महीने में भक्तों का हुजूम उमड़ा रहता है और भक्तों की मांगी गई मुरादों भी पूरी होती है. दूसरे सोमवार को कई शुभ संयोग बनने की वजह से यहां और भी भक्तों का जत्था उमड़ा हुआ हैं. इस सोमवार को सोम प्रदोष, प्रदोष व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संकेत बन रहा है. जिसके चलते मंदिरों में भक्त, दान,योग, ध्यान, मंत्र, साधना करते नजर आ रहे है.

जयपुर. छोटी काशी का ताड़केश्वर महादेव मंदिर मुख्य बाजार में स्थित महादेव का यह मंदिर जहां पहले कभी श्मशान की भूमि हुआ करती थी. माना जाता है कि बहुत समय पहले अंबिकेश्वर मंदिर के व्यास, सांगानेर जा रहे थे. यहां से गुजरते वक्त विश्राम करने के लिए वह यहां कुछ क्षण रुके भी थे. तभी पहली बार उन्होंने यहां एक शिवलिंग देखा. जयपुर की जब नींव रखी जा रही थी. उस वक्त रियासत के वास्तुविद विद्याधर की बेटी ने इस मंदिर को भव्य रुप दिया. भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाने पर वह 51 किलो दूध-घी से जलाभिषेक किया जाता है.

ताड़केश्वर महादेव के मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पढ़ें: पीएम मोदी अब जंगल में इस अवतार में आएंगे नजर, शो के होस्ट ने ट्वीट कर दी जानकारी

जानकारी के अनुसार ताड़केश्वर महादेव को पहले ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था. पौराणिक मान्यता यह है कि यह शिवलिंग स्वयंभू स्थापित है. यहीं कारण है कि इनमें लोगों की गहरी आस्था है. सावन जैसे पवित्र महीने में भक्तों का हुजूम उमड़ा रहता है और भक्तों की मांगी गई मुरादों भी पूरी होती है. दूसरे सोमवार को कई शुभ संयोग बनने की वजह से यहां और भी भक्तों का जत्था उमड़ा हुआ हैं. इस सोमवार को सोम प्रदोष, प्रदोष व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संकेत बन रहा है. जिसके चलते मंदिरों में भक्त, दान,योग, ध्यान, मंत्र, साधना करते नजर आ रहे है.

Intro:जयपुर में सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ा. बम बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज उठे. ऐसे में छोटी काशी के ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भी शिव भक्तों ने शिवलिंग का अभिषेक किया. वही इस मंदिर का क्या इतिहास रहा है...देखिए स्पेशल रिपोर्ट


Body:एंकर : छोटी काशी जयपुर में सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर मंदिरों में भोले के जयकारे गूंज रहे है. भक्तो शिवालयों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक कर रहे हैं. हर साल सावन के प्रत्येक सोमवार के अवसर पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है, लेकिन इस बार सावन के दूसरे सोमवार का महत्व कई मायनो में अलग है. ऐसे में ईटीवी भारत आपको एक ऐसे मंदिर के दर्शन करा रहा है जिसका इतिहास कुछ हट कर है.

छोटी काशी का ताड़केश्वर महादेव मंदिर...मुख्य बाजार के चौड़ा रास्ते में बना ये महादेव का मंदिर जो कि श्मशान की भूमि हुआ करती थी. मान्यता तो यह है कि एक बार अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के व्यास सांगानेर जाते वक्त यहां पर रुके थे और सबसे पहले उन्होंने यहां शिवलिंग देखा. जिसके बाद जयपुर स्थापना के समय मंदिर को भव्य रुप दिया गया. रियासत के वास्तुविद विद्याधर की बेटी ने भी मंदिर का निर्माण कराया. खास बात ये है कि किसी भक्त की जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वह यहां आकर 51 किलो दूध-घी से जलेहरी भरता है.

जानकारी के अनुसार ताड़केश्वर महादेव को पहले ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था. कहा जाता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है. इनकी किसी ने स्थापना नहीं कि. यही वजह है कि छोटी काशी के वासियो में गहरी आस्था है. ऐसे में सावन के सोमवार में भक्त सच्चे दिल से मुराद लेकर महादेव के दरबार मे पहुंचते है और मुराद पूरी भी होती है. आज भी सावन दूसरे सोमवार को मंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए यहां लंबी कतारें लगी रही.

सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर कई शुभ संयोग बने है जो भक्तो को उनकी पूजा और श्रद्धा का लाभ भरपूर दिलाने वाले है. इस बार सावन के दूसरे सोमवार को सोम प्रदोष, प्रदोष व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का महत्व रहा है. जिसके चलते शिवालयों में भक्त दान,योग,ध्यान,मंत्र सिद्धि करते नजर आए.

वॉकथ्रु- विशाल शर्मा, संवाददाता, जयपुर


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Last Updated : Jul 29, 2019, 3:44 PM IST
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