जयपुर. राजधानी का रामगढ़ क्षेत्र कोरोना संक्रमित का एपीसेंटर बना हुआ है और अब यहां से कम्युनिटी प्रसार की आशंका भी बढ़ रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन ने यहां अधिक ताकत झोंकने का फैसला लिया है. वहीं सफाई कर्मचारियों पर भी सख्त होते हुए, स्वेच्छा से अनुपस्थित रहे 42 कर्मचारियों को सस्पेंड किया हैं.
पूरा प्रदेश आज कोरोना महामारी को हराने के लिए युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है. हालांकि कुछ जगह लापरवाही के दुष्प्रभाव को भी हम भुगत रहे है. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजधानी जयपुर का रामगंज क्षेत्र है. जहां बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आए हैं. इसे लेकर प्रशासन ने पूरे परकोटे में कर्फ्यू लगा रखा है.
वहीं नगर निगम प्रशासन को यहां सफाई और सैनिटाइजेशन के अतिरिक्त इंतजाम करने के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं. बावजूद इसके निगम की सक्रियता यहां कम देखने को मिल रही है. जिस पर जिला कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए निगम प्रशासक को पत्र लिख निगम अधिकारियों-कर्मचारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैए की शिकायत की. इस पर संज्ञान लेते हुए निगम प्रशासन ने शुक्रवार को बिना किसी सूचना के अपनी स्वेच्छा से अनुपस्थित चल रहे 42 सफाई कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. इनमें 17 मोती डूंगरी जोन, 12 मानसरोवर जोन, 7 सांगानेर जोन, 5 सिविल लाइन जोन और 1 कर्मचारी हवामहल पश्चिम जोन के हैं.
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वहीं, एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि रामगंज क्षेत्र में सफाई और सैनिटाइजेशन के कार्य को इंटेंसिव किया गया है. यहां जिन पतली गलियों में निगम के वाहन नहीं पहुंच सकते, वहां 8 दल में कुल 30 सैनिटाइज स्प्रे मशीन लगाई गई हैं. ताकि उस क्षेत्र के कोने कोने को सैनिटाइज किया जा सके. जबकि सफाई व्यवस्था को लेकर प्रशासन सक्रिय है. हालांकि सफाई कर्मचारियों को परकोटे के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा. जिसे लेकर उच्च स्तरीय निर्देशों का इंतजार है.
बता दें कि जिन सफाई कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है वो प्रोबेशन पीरियड में चल रहे हैं और बार-बार नोटिस के बावजूद भी उनकी ओर से जवाब प्रेषित नहीं किया गया. ऐसे में उन्हें लापरवाह मानते हुए कठोर कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है.