ETV Bharat / state

कृष्ण मंदिरों में सजी छप्पन भोग की झांकी, देवस्थान विभाग ने भी 8 मंदिरों में कराए भव्य आयोजन - Rajasthan hindi news

जयपुर में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की व्यंजन द्वादशी पर कृष्ण मंदिरों में छप्पन भोग की झांकी (Tableaux of Chappan Bhog in Krishna temples) सजाने के साथ ही प्रसाद वितरण और कन्या भोज का आयोजन किया गया. देवस्थान विभाग की ओर से 8 मंदिरों में भव्य आयोजन कराए जा रहे हैं.

Krishna temples of Jaipur
Krishna temples of Jaipur
author img

By

Published : Dec 4, 2022, 10:42 PM IST

जयपुर. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की व्यंजन द्वादशी पर राजधानी सहित प्रदेश के कृष्ण मंदिरों में विभिन्न प्रकार (Tableaux of Chappan Bhog in Krishna temples) के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया गया. इस बार राजस्थान के देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 8 मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में छप्पन भोग की झांकी सजाने के साथ ही प्रसाद वितरण और कन्या भोज का आयोजन किया गया.

देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 8 मंदिरों में (Krishna temples of Jaipur) व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में 56 भाेग का आयाेजन किया गया. ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया गया. देवस्थान विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर रतन लाल योगी ने बताया कि देवस्थान विभाग ने जयपुर के चांदनी चौक स्थित ब्रजनिधि मंदिर, जोधपुर स्थित रसिक बिहारी मंदिर नैयनी बाई, अलवर स्थित मथुराधीश मंदिर, उदयपुर स्थित जगदीश चौक जगदीश मंदिर, कोटा के रामचंद्र जी मंदिर, बीकानेर के लक्ष्मीनाथ जी मंदिर, अजमेर किशनगढ़ के मदन मोहन जी मंदिर और भरतपुर स्थित बिहारीजी मंदिर में धूमधाम से उत्सव मनाया गया.

पढ़ें. ठाकुर जी के जन्म पर लुटाई बधाई, कृष्ण मंदिरों में मनाया गया नंदोत्सव

भोग में ये व्यंजन शामिल, बदलेगा पहनावा
ठाकुरजी को कच्चे भोग में खिचड़ी, महेरी, कढ़ी, बाजरा, मूंग, मोगर, भात, फुलका, खीर, हलवा, गजक आदि गर्म तासीर व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके अलावा दूध, हलवा, तिल बर्फी, तिल पट्टी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू आदि का भाेग लगाने की परंपरा है. ब्रज निधि मंदिर के पुजारी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि ठाकुर जी को व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके साथ ही मंदिरों में ठाकुर जी के पहनावे में भी बदलाव किया गया. ठाकुरजी को गर्म पोशाक में मफलर, जुराब और दस्ताने धारण करवाए गए. इसके साथ ही ऋतु पुष्प का शृंगार किया गया.

पढ़ें. माल खाने में 20 साल से कैद हैं भगवान श्री कृष्ण और उनके परिजनों की मूर्तियां, जानें वजह

वहीं आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर के पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा ने बताया कि श्रीमद्भागवत में बताया गया है कि गांडिर वन में भगवान श्री कृष्ण और राधा का विवाह संस्कार ब्रह्मा जी के साक्ष्य में कराया गया था. मार्गशीर्ष द्वादशी के दिन ये पाणिग्रहण संस्कार हुआ था. उस शादी की भंडारे के रूप में कृष्ण मंदिरों में व्यंजन द्वादशी मनाई जाती है. इसमें कच्चा-पक्का-सकरा सभी तरह की सामग्री ठाकुर जी को अर्पित की जाती है.

राजधानी के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में सोमवार को व्यंजन द्वादशी मनाई जाएगी. इस दौरान ठाकुर जी को मफलर, जुराब, दस्ताने धारण कराने शुरू हो जाएंगे. गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी शुरू हो जाएगी. ठाकुर जी को कच्चे भोग में बाजरा, मूंग, मोगर, चपाती, खीर, दो तरह की चटनी का भोग लगाया जाएगा. साथ में छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से ही विभिन्न व्यंजन बनाकर ठाकुर जी को अर्पित किए जाएंगे. दोपहर 12 से 1 बजे तक विशेष झांकी के दर्शन होंगे. इसलिए सुबह राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा.

जयपुर. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की व्यंजन द्वादशी पर राजधानी सहित प्रदेश के कृष्ण मंदिरों में विभिन्न प्रकार (Tableaux of Chappan Bhog in Krishna temples) के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया गया. इस बार राजस्थान के देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 8 मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में छप्पन भोग की झांकी सजाने के साथ ही प्रसाद वितरण और कन्या भोज का आयोजन किया गया.

देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 8 मंदिरों में (Krishna temples of Jaipur) व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में 56 भाेग का आयाेजन किया गया. ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया गया. देवस्थान विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर रतन लाल योगी ने बताया कि देवस्थान विभाग ने जयपुर के चांदनी चौक स्थित ब्रजनिधि मंदिर, जोधपुर स्थित रसिक बिहारी मंदिर नैयनी बाई, अलवर स्थित मथुराधीश मंदिर, उदयपुर स्थित जगदीश चौक जगदीश मंदिर, कोटा के रामचंद्र जी मंदिर, बीकानेर के लक्ष्मीनाथ जी मंदिर, अजमेर किशनगढ़ के मदन मोहन जी मंदिर और भरतपुर स्थित बिहारीजी मंदिर में धूमधाम से उत्सव मनाया गया.

पढ़ें. ठाकुर जी के जन्म पर लुटाई बधाई, कृष्ण मंदिरों में मनाया गया नंदोत्सव

भोग में ये व्यंजन शामिल, बदलेगा पहनावा
ठाकुरजी को कच्चे भोग में खिचड़ी, महेरी, कढ़ी, बाजरा, मूंग, मोगर, भात, फुलका, खीर, हलवा, गजक आदि गर्म तासीर व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके अलावा दूध, हलवा, तिल बर्फी, तिल पट्टी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू आदि का भाेग लगाने की परंपरा है. ब्रज निधि मंदिर के पुजारी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि ठाकुर जी को व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके साथ ही मंदिरों में ठाकुर जी के पहनावे में भी बदलाव किया गया. ठाकुरजी को गर्म पोशाक में मफलर, जुराब और दस्ताने धारण करवाए गए. इसके साथ ही ऋतु पुष्प का शृंगार किया गया.

पढ़ें. माल खाने में 20 साल से कैद हैं भगवान श्री कृष्ण और उनके परिजनों की मूर्तियां, जानें वजह

वहीं आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर के पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा ने बताया कि श्रीमद्भागवत में बताया गया है कि गांडिर वन में भगवान श्री कृष्ण और राधा का विवाह संस्कार ब्रह्मा जी के साक्ष्य में कराया गया था. मार्गशीर्ष द्वादशी के दिन ये पाणिग्रहण संस्कार हुआ था. उस शादी की भंडारे के रूप में कृष्ण मंदिरों में व्यंजन द्वादशी मनाई जाती है. इसमें कच्चा-पक्का-सकरा सभी तरह की सामग्री ठाकुर जी को अर्पित की जाती है.

राजधानी के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में सोमवार को व्यंजन द्वादशी मनाई जाएगी. इस दौरान ठाकुर जी को मफलर, जुराब, दस्ताने धारण कराने शुरू हो जाएंगे. गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी शुरू हो जाएगी. ठाकुर जी को कच्चे भोग में बाजरा, मूंग, मोगर, चपाती, खीर, दो तरह की चटनी का भोग लगाया जाएगा. साथ में छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से ही विभिन्न व्यंजन बनाकर ठाकुर जी को अर्पित किए जाएंगे. दोपहर 12 से 1 बजे तक विशेष झांकी के दर्शन होंगे. इसलिए सुबह राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.