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उद्घाटन के इंतजार में यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी, धरने पर बैठे छात्र, दी ये चेतावनी

राजस्थान विश्वविद्यालय में बनकर तैयार सेंट्रल लाइब्रेरी आज तक शुरू नहीं हो (Rajasthan University Central Library) सकी है. इसको लेकर छात्र संघ के नेता लगातार अपना विरोध जाहिर करते रहे हैं. बावजूद इसके स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली बनी है. इस बीच शनिवार को छात्रों ने एक बार फिर सेंट्रल लाइब्रेरी के उद्घाटन की मांग को लेकर कुलपति को ज्ञापन सौंपा और फिर धरने पर बैठ गए.

Rajasthan University Central Library
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Published : Nov 13, 2022, 11:18 AM IST

Updated : Nov 13, 2022, 2:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में बनकर तैयार सेंट्रल लाइब्रेरी को शुरू करने की मांग (Rajasthan University Central Library) को लेकर शनिवार की शाम को छात्र धरने पर बैठे (Students sitting on dharna in Rajasthan University) गए. इससे पहले छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन भी किया. ऐसे में छात्रों के उग्र प्रदर्शन के आशंका के बीच पुलिस प्रशासन ने एहतियातन विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया. जिससे नाराज छात्रों ने गेट पर चढ़कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही कुलपति को ज्ञापन सौंप सालों से बंद पड़ी लाइब्रेरी को अविलंब शुरू करने की मांग की.

छात्र नेता राहुल महला की अगुवाई में प्रदर्शन के बाद छात्र धरने पर जा बैठे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में महला ने कहा कि यूनिवर्सिटी में नए एडमिशन हो चुके हैं. प्रतियोगिता चल रही हैं. लेकिन आज यहां इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद छात्र उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. महला ने कहा कि इस संबंध में यूनिवर्सिटी प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अब हम अनिश्चितकालीन धरने को मजबूर है.

धरने पर बैठे छात्र

इसे भी पढ़ें - राजस्थान विश्वविद्यालय से विदेशी छात्रों का मोहभंग, पिछले 3 सालों में एक भी प्रवेश नहीं

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें जल्द उपयुक्त आश्वासन नहीं दिया गया तो वो आगे जेएलएन मार्ग को जाम कर प्रदर्शन करेंगे. महला ने कहा कि अगर उनकी बातों को अनसुना करने किया गया तो फिर वो यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार को भी बंद कर देंगे और यह द्वार तभी खुलेगा, जब लाइब्रेरी का उद्घाटन होगा.

बता दें कि राजस्थान विश्वविद्यालय में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी का अब तक उद्घाटन नहीं हो सका है. इस स्मार्ट लाइब्रेरी को 9 महीने में तैयार करने का दावा किया गया था, लेकिन 76 महीने बाद भी ये छात्रों के लिए शुरू नहीं हो सकी. मौजूदा आलम यह है कि इस लाइब्रेरी में रखे सामान और इंफ्रास्ट्रक्चर खराब होते जा रहे हैं. बावजूद इसके कोई सुध लेने वाला नहीं है.

वहीं, छात्र संघ चुनाव के दौरान सभी छात्र नेताओं ने भी सेंट्रल लाइब्रेरी को चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन चुनाव को संपन्न हुए तीन महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली बनी है.

गौर हो कि 12 करोड़ की लागत से निर्मित इस लाइब्रेरी में करीब एक हजार छात्रों के बैठने की व्यवस्था है. यह लाइब्रेरी मौजूदा संचालित लाइब्रेरी से काफी बड़ा है. यही वजह है कि छात्रों को इस लाइब्रेरी का इंतजार है.

हालांकि बीते दिनों छात्रसंघ महासचिव अरविंद जाजड़ा ने लाइब्रेरी का ताला तोड़कर इसमें प्रवेश किया था. इसे उद्घाटन का नाम दे दिया था. वहीं, छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी भी 14 नवंबर तक लाइब्रेरी का उद्घाटन नहीं होने की सूरत में सेंट्रल लाइब्रेरी के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दे चुके हैं.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में बनकर तैयार सेंट्रल लाइब्रेरी को शुरू करने की मांग (Rajasthan University Central Library) को लेकर शनिवार की शाम को छात्र धरने पर बैठे (Students sitting on dharna in Rajasthan University) गए. इससे पहले छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन भी किया. ऐसे में छात्रों के उग्र प्रदर्शन के आशंका के बीच पुलिस प्रशासन ने एहतियातन विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया. जिससे नाराज छात्रों ने गेट पर चढ़कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही कुलपति को ज्ञापन सौंप सालों से बंद पड़ी लाइब्रेरी को अविलंब शुरू करने की मांग की.

छात्र नेता राहुल महला की अगुवाई में प्रदर्शन के बाद छात्र धरने पर जा बैठे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में महला ने कहा कि यूनिवर्सिटी में नए एडमिशन हो चुके हैं. प्रतियोगिता चल रही हैं. लेकिन आज यहां इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद छात्र उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. महला ने कहा कि इस संबंध में यूनिवर्सिटी प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अब हम अनिश्चितकालीन धरने को मजबूर है.

धरने पर बैठे छात्र

इसे भी पढ़ें - राजस्थान विश्वविद्यालय से विदेशी छात्रों का मोहभंग, पिछले 3 सालों में एक भी प्रवेश नहीं

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें जल्द उपयुक्त आश्वासन नहीं दिया गया तो वो आगे जेएलएन मार्ग को जाम कर प्रदर्शन करेंगे. महला ने कहा कि अगर उनकी बातों को अनसुना करने किया गया तो फिर वो यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार को भी बंद कर देंगे और यह द्वार तभी खुलेगा, जब लाइब्रेरी का उद्घाटन होगा.

बता दें कि राजस्थान विश्वविद्यालय में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी का अब तक उद्घाटन नहीं हो सका है. इस स्मार्ट लाइब्रेरी को 9 महीने में तैयार करने का दावा किया गया था, लेकिन 76 महीने बाद भी ये छात्रों के लिए शुरू नहीं हो सकी. मौजूदा आलम यह है कि इस लाइब्रेरी में रखे सामान और इंफ्रास्ट्रक्चर खराब होते जा रहे हैं. बावजूद इसके कोई सुध लेने वाला नहीं है.

वहीं, छात्र संघ चुनाव के दौरान सभी छात्र नेताओं ने भी सेंट्रल लाइब्रेरी को चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन चुनाव को संपन्न हुए तीन महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली बनी है.

गौर हो कि 12 करोड़ की लागत से निर्मित इस लाइब्रेरी में करीब एक हजार छात्रों के बैठने की व्यवस्था है. यह लाइब्रेरी मौजूदा संचालित लाइब्रेरी से काफी बड़ा है. यही वजह है कि छात्रों को इस लाइब्रेरी का इंतजार है.

हालांकि बीते दिनों छात्रसंघ महासचिव अरविंद जाजड़ा ने लाइब्रेरी का ताला तोड़कर इसमें प्रवेश किया था. इसे उद्घाटन का नाम दे दिया था. वहीं, छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी भी 14 नवंबर तक लाइब्रेरी का उद्घाटन नहीं होने की सूरत में सेंट्रल लाइब्रेरी के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दे चुके हैं.

Last Updated : Nov 13, 2022, 2:27 PM IST
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