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Heritage Nagar Nigam : महापौर मुनेश गुर्जर को सरकार से तो मिली राहत लेकिन 'अपने' अभी भी खफा - Mayor Munesh Gurjar gets relief from state govt

हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. शुक्रवार देर रात सरकार ने मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए निलंबन का आदेश वापस ले लिया.

councillor opposes mayor munesh gurjar suspension resumption
मुनेश गुर्जर की बहाली से पार्षद खफा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 2, 2023, 12:37 PM IST

Updated : Sep 2, 2023, 12:50 PM IST

महापौर मुनेश गुर्जर की बहाली से कांग्रेस पार्षद गुटों में बंटे

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. शुक्रवार देर रात सरकार ने मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए निलंबन का आदेश वापस ले लिया. मुनेश गुर्जर को सरकार से तो राहत मिल गई लेकिन पार्टी के अपने ही लोग अभी भी उनसे खफा हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के विधायक दबी जुबां में और पार्षद खुलकर महापौर की बर्खास्तगी के मांग कर रहे हैं.

Mayor Munesh Gurjar gets relief from state government
महापौर मुनेश गुर्जर के समर्थक पार्षद

26 दिन बाद मुनेश गुर्जर के निलंबन आदेश राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं. आदेशों में कोर्ट से मिले स्टे का हवाला देते हुए आदेश वापस लेने का जिक्र किया गया है.। हालांकि अंदर खाने चर्चा ये भी है कि इस पूरे प्रकरण में प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान पर मुख्यमंत्री की खास महेश जोशी भारी पड़े हैं. हालांकि इस संबंध में विधायक अमीन कागजी ने कहा कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की सोच है और कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि राजस्थान में भ्रष्टाचार पनपे. फिर चाहे कोई किसी भी पद पर क्यों ना हो. जहां तक मुनेश गुर्जर का सवाल है तो उन्हें नोटिस दिए गए हैं. उनके प्रकरण में सभी नेता एकजुट हैं. वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है. जहां तक बात हवा महल के पार्षदों की है तो वो भी कांग्रेस के पार्षद हैं किसी व्यक्ति विशेष के पार्षद नहीं है. कांग्रेस राजस्थान भर में जिस तरह जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है उसको लेकर सभी एक प्लेटफार्म पर हैं. मंत्री महेश जोशी भी कभी नहीं चाहेंगे कि भ्रष्टाचार हो.

Councillor oppose Mayor Munesh Gurjar resumption
महापौर मुनेश गुर्जर का विरोध जताते हुए पार्षद

पढ़ें Rajasthan assembly election 2023: हेरिटेज महापौर ने खाचरियावास के सामने ठोकी ताल, फिर मांगी अपने लिए सुरक्षा

वहीं हाल ही में मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर का एक वीडियो सामने आया जिसमें सुशील गुर्जर किसी कांग्रेसी पार्षद से ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि मेयर कितनी भी अल्पमत में क्यों ना आ जाए, मुख्यमंत्री भी उन्हें नहीं हटा सकते हैं. इस ऑडियो में सुनाई दे रहे सुशील गुर्जर के बयान की निंदा करते हुए विधायक अमीन कागजी ने कहा कि जिस तरह ऑडियो सुशील गुर्जर के सामने आ रहे हैं. निश्चित तौर पर इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए एक समझदार जनप्रतिनिधि को मुख्यमंत्री को लेकर ऐसे बयान देना निंदनीय है.

पढें कोर्ट के आदेश पर मुनेश गुर्जर ने 18 दिन बाद फिर संभाली हेरिटेज मेयर की कुर्सी, डीएलबी ने दिया नोटिस

उधर, सरकार ने भले ही मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए निलंबन के आदेश वापस ले लिए हैं. लेकिन कांग्रेस पार्षद उनकी कार्यशैली को लेकर सीधे बर्खास्तगी की मांग को लेकर मुखर हैं. कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि पार्षदों ने साइन करके ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा है. ये उन्हीं की जीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर दिया गया है. यही पॉलिसी निगम में भी अप्लाई होती है. निगम में फिलहाल जो काम चल रहा है, वो बिल्कुल संतोषजनक नहीं है. इसलिए सब ने मिलकर मांग उठाई कि इस मेयर को हटाया जाए और वापस से निगम का काम सुचारू रूप से चलाया जाए. जहां तक उपमहापौर का सवाल है, तो उन्हें बदलने की भी मांग जरूर की है, लेकिन ये सारा फैसला पार्टी का होगा. पार्टी जो फैसला लेगी, वो सर्वमान्य होगा.

पढ़ें Heritage Nagar Nigam : कांग्रेस के 37 पार्षद मेयर के खिलाफ लामबंद, मुख्यमंत्री के नाम मुनेश गुर्जर की गिरफ्तारी के लिए लिखा ज्ञापन

बता दें कि जब पार्षदों ने मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए थे, तब विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान भी मौजूद थे. महापौर को हटाने को लेकर सभी की मांग है, और मेयर बदलेगा तो हो सकता है जातिगत समीकरण के आधार पर डिप्टी मेयर को भी बदलना पड़ेगा. हालांकि इस प्रकरण में रोजाना नया ड्रामा सामने आ रहा है. लेकिन जिस तरह से राज्य सरकार के आदेश सामने आए हैं, उससे लगता है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहती है.

महापौर मुनेश गुर्जर की बहाली से कांग्रेस पार्षद गुटों में बंटे

जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. शुक्रवार देर रात सरकार ने मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए निलंबन का आदेश वापस ले लिया. मुनेश गुर्जर को सरकार से तो राहत मिल गई लेकिन पार्टी के अपने ही लोग अभी भी उनसे खफा हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के विधायक दबी जुबां में और पार्षद खुलकर महापौर की बर्खास्तगी के मांग कर रहे हैं.

Mayor Munesh Gurjar gets relief from state government
महापौर मुनेश गुर्जर के समर्थक पार्षद

26 दिन बाद मुनेश गुर्जर के निलंबन आदेश राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं. आदेशों में कोर्ट से मिले स्टे का हवाला देते हुए आदेश वापस लेने का जिक्र किया गया है.। हालांकि अंदर खाने चर्चा ये भी है कि इस पूरे प्रकरण में प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान पर मुख्यमंत्री की खास महेश जोशी भारी पड़े हैं. हालांकि इस संबंध में विधायक अमीन कागजी ने कहा कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की सोच है और कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि राजस्थान में भ्रष्टाचार पनपे. फिर चाहे कोई किसी भी पद पर क्यों ना हो. जहां तक मुनेश गुर्जर का सवाल है तो उन्हें नोटिस दिए गए हैं. उनके प्रकरण में सभी नेता एकजुट हैं. वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है. जहां तक बात हवा महल के पार्षदों की है तो वो भी कांग्रेस के पार्षद हैं किसी व्यक्ति विशेष के पार्षद नहीं है. कांग्रेस राजस्थान भर में जिस तरह जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है उसको लेकर सभी एक प्लेटफार्म पर हैं. मंत्री महेश जोशी भी कभी नहीं चाहेंगे कि भ्रष्टाचार हो.

Councillor oppose Mayor Munesh Gurjar resumption
महापौर मुनेश गुर्जर का विरोध जताते हुए पार्षद

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वहीं हाल ही में मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर का एक वीडियो सामने आया जिसमें सुशील गुर्जर किसी कांग्रेसी पार्षद से ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि मेयर कितनी भी अल्पमत में क्यों ना आ जाए, मुख्यमंत्री भी उन्हें नहीं हटा सकते हैं. इस ऑडियो में सुनाई दे रहे सुशील गुर्जर के बयान की निंदा करते हुए विधायक अमीन कागजी ने कहा कि जिस तरह ऑडियो सुशील गुर्जर के सामने आ रहे हैं. निश्चित तौर पर इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए एक समझदार जनप्रतिनिधि को मुख्यमंत्री को लेकर ऐसे बयान देना निंदनीय है.

पढें कोर्ट के आदेश पर मुनेश गुर्जर ने 18 दिन बाद फिर संभाली हेरिटेज मेयर की कुर्सी, डीएलबी ने दिया नोटिस

उधर, सरकार ने भले ही मुनेश गुर्जर को राहत देते हुए निलंबन के आदेश वापस ले लिए हैं. लेकिन कांग्रेस पार्षद उनकी कार्यशैली को लेकर सीधे बर्खास्तगी की मांग को लेकर मुखर हैं. कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि पार्षदों ने साइन करके ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा है. ये उन्हीं की जीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर दिया गया है. यही पॉलिसी निगम में भी अप्लाई होती है. निगम में फिलहाल जो काम चल रहा है, वो बिल्कुल संतोषजनक नहीं है. इसलिए सब ने मिलकर मांग उठाई कि इस मेयर को हटाया जाए और वापस से निगम का काम सुचारू रूप से चलाया जाए. जहां तक उपमहापौर का सवाल है, तो उन्हें बदलने की भी मांग जरूर की है, लेकिन ये सारा फैसला पार्टी का होगा. पार्टी जो फैसला लेगी, वो सर्वमान्य होगा.

पढ़ें Heritage Nagar Nigam : कांग्रेस के 37 पार्षद मेयर के खिलाफ लामबंद, मुख्यमंत्री के नाम मुनेश गुर्जर की गिरफ्तारी के लिए लिखा ज्ञापन

बता दें कि जब पार्षदों ने मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए थे, तब विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, अमीन कागजी और रफीक खान भी मौजूद थे. महापौर को हटाने को लेकर सभी की मांग है, और मेयर बदलेगा तो हो सकता है जातिगत समीकरण के आधार पर डिप्टी मेयर को भी बदलना पड़ेगा. हालांकि इस प्रकरण में रोजाना नया ड्रामा सामने आ रहा है. लेकिन जिस तरह से राज्य सरकार के आदेश सामने आए हैं, उससे लगता है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहती है.

Last Updated : Sep 2, 2023, 12:50 PM IST

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