जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग में होम लोन के लिए मोरगेज रखे दस्तावेज और एफडी नहीं लौटाने पर एसबीआई बैंक पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.इसके साथ ही आयोग ने मानसिक संताप और परिवाद व्यय के 65000 रुपए भी अलग से अदा करने को कहा है.
वहीं आयोग ने एफडी राशि व कुल हर्जाना राशि पर 9 फ़ीसदी ब्याज भी अदा करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने यह आदेश विष्णु नारायण माथुर की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए. परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने टोंक रोड स्थित मानसिंहपुरा में प्लॉट खरीदा था. विपक्षी बैंक ने 14 अप्रैल 1981 को उस पर 55000 रुपए का होम लोन स्वीकृत किया. होम लोन की सिक्योरिटी पेटे परिवादी ने संपत्ति का मूल्य विक्रय पत्र तथा 6 लाख 92 हजार रुपए की एफडी बैंक को दे दी.
वहीं पांच नवंबर 2014 को ब्याज सहित पूरा लोन चुकाने के बाद बैंक ने 9 जनवरी 2015 को लोन चुकता का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. परिवाद में कहा गया कि बैंक ने अब तक न तो उसे प्लॉट का मूल विक्रय पत्र लौटाया और ना ही एफडी पत्र वापस किया. परिवाद में कहा गया कि इस संपत्ति का बाजार मूल्य करीब तीन करोड़ 70 लाख रुपए है, लेकिन मूल विक्रय पत्र के अभाव में इसकी कीमत अधिकतम दो करोड़ 95 लाख रुपए ही लगाई जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बैंक पर हर्जाना लगाते हुए ब्याज सहित राशि देने के आदेश दिए हैं.