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मोबाइल ऐप से स्टाम्प बेचने का विरोध, स्टाम्प वेंडर्स ने दी सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

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Published : Apr 17, 2023, 5:10 PM IST

मोबाइल ऐप से स्टाम्प बेचने के राज्य सरकार के पायलट प्रोजेक्ट का स्टाम्प वेंडर्स ने विरोध किया है. वेंडर्स ने इसे लेकर 18 अप्रैल को हड़ताल की चेतावनी दी है.

Stamp sell from mobile app opposed by vendors, warning of strike on April 18
मोबाइल ऐप से स्टाम्प बेचने का विरोध, स्टाम्प वेंडर्स ने दी सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने का विरोध कर रहे स्टांप वेंडर्स

जयपुर. प्रदेशभर के 20 हजार स्टांप वेंडर 18 अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगे. ये स्टांप वेंडर्स मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने का विरोध कर रहे हैं. स्टाम्प वेंडर्स ने इस संबंध में सोमवार को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा. स्टाम्प वेंडर्स ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, तो वे अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे.

दरअसल राजस्थान सरकार ने जनवरी माह से स्टांप विक्रेताओं को मोबाइल ऐप से स्टाम्प बेचने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. स्टांप वेंडर्स इस योजना का विरोध कर रहे हैं. पहले भी कई जिलों में स्टांप वेंडर्स मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने के पायलट प्रोजेक्ट के विरोध में कार्य बहिष्कार कर चुके हैं. राजस्थान लाइसेंस्ड स्टांप वेंडर्स एसोसिएशन की ओर से यह हड़ताल की जाएगी.

पढ़ेंः अलवर तहसील में स्टांप विक्रेता और रीडर ने रखी हड़ताल, आम लोगों को हुई परेशानी

एसोसिएशन के सचिव महेश झालानी ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के उपमहानिरीक्षक और वित्त विभाग के सचिव एवं अतिरिक्त सचिव के साथ स्टांप वेंडर्स एसोसिएशन की मीटिंग हो चुकी है, लेकिन सरकार ने अभी तक हमारी मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. झालानी ने बताया कि सरकार के निर्णय से 20 हजार स्टांप वेंडर्स पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है और ये सभी परिजन और बच्चों के भविष्य को लेकर भी संशय में है. उन्होंने कहा कि पहले दिन 18 अप्रैल को राजस्थान के सभी 20 हजार स्टांप वेंडर्स एक दिन की हड़ताल करेंगे. यदि सरकार ने इनकी सुनवाई नहीं की, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

पढ़ेंः जयपुर: राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 में किए संशोधन को निरस्त करने की मांग

झालानी ने बताया कि मोबाइल ऐप से स्टांप बेचना राज्य सरकार और जनता के हित में नहीं है. यह केवल एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि हमारे बीच में से इस कंपनी की मध्यस्था को हटा दिया जाए. इस तरह से स्टांप बेचने से समय भी ज्यादा लगता है. हम हमारा स्टांप बेचने का रजिस्टर भी पूरी तरह से मेंटेन कर रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से हमें मोबाइल ऐप के माध्यम से ही स्टांप बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. झालानी ने बताया कि स्टांप वेंडर के हड़ताल पर जाने से आम जनता को स्टांप नहीं मिलेंगे और रजिस्ट्रियां भी नहीं हो पाएंगी. इसका असर राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व पर भी पड़ेगा. सरकार को 1 दिन में 18 से 20 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा.

पढ़ेंः स्टांप ड्यूटी पर 10 फीसदी सरचार्ज बढ़ाने का विरोध, कालीचरण सराफ ने बताया जनविरोधी निर्णय

स्टांप वेंडर्स की तीन प्रमुख मांगेः

  1. प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से लागू मुद्रांक विक्रेताओं के द्वारा मोबाइल ऐप से स्टाम्प विक्रय करने के पायलट प्रोजेक्ट को लागू नहीं किया जाए.
  2. प्रदेश के स्टांप विक्रेताओं द्वारा अर्जित स्टांप कर की राशि सीधे राजकोष में जमा कराई जाए.
  3. जिस तरीके से फिजिकल स्टाम्पों में कमीशन काटकर राशि जमा कराई जाती है, उसी तरह से ई ग्रास में भी कमीशन काटकर राजकोष में राशि जमा कराई जाए.

मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने का विरोध कर रहे स्टांप वेंडर्स

जयपुर. प्रदेशभर के 20 हजार स्टांप वेंडर 18 अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगे. ये स्टांप वेंडर्स मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने का विरोध कर रहे हैं. स्टाम्प वेंडर्स ने इस संबंध में सोमवार को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा. स्टाम्प वेंडर्स ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, तो वे अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे.

दरअसल राजस्थान सरकार ने जनवरी माह से स्टांप विक्रेताओं को मोबाइल ऐप से स्टाम्प बेचने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. स्टांप वेंडर्स इस योजना का विरोध कर रहे हैं. पहले भी कई जिलों में स्टांप वेंडर्स मोबाइल ऐप से स्टांप बेचने के पायलट प्रोजेक्ट के विरोध में कार्य बहिष्कार कर चुके हैं. राजस्थान लाइसेंस्ड स्टांप वेंडर्स एसोसिएशन की ओर से यह हड़ताल की जाएगी.

पढ़ेंः अलवर तहसील में स्टांप विक्रेता और रीडर ने रखी हड़ताल, आम लोगों को हुई परेशानी

एसोसिएशन के सचिव महेश झालानी ने बताया कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के उपमहानिरीक्षक और वित्त विभाग के सचिव एवं अतिरिक्त सचिव के साथ स्टांप वेंडर्स एसोसिएशन की मीटिंग हो चुकी है, लेकिन सरकार ने अभी तक हमारी मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. झालानी ने बताया कि सरकार के निर्णय से 20 हजार स्टांप वेंडर्स पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है और ये सभी परिजन और बच्चों के भविष्य को लेकर भी संशय में है. उन्होंने कहा कि पहले दिन 18 अप्रैल को राजस्थान के सभी 20 हजार स्टांप वेंडर्स एक दिन की हड़ताल करेंगे. यदि सरकार ने इनकी सुनवाई नहीं की, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

पढ़ेंः जयपुर: राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 में किए संशोधन को निरस्त करने की मांग

झालानी ने बताया कि मोबाइल ऐप से स्टांप बेचना राज्य सरकार और जनता के हित में नहीं है. यह केवल एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि हमारे बीच में से इस कंपनी की मध्यस्था को हटा दिया जाए. इस तरह से स्टांप बेचने से समय भी ज्यादा लगता है. हम हमारा स्टांप बेचने का रजिस्टर भी पूरी तरह से मेंटेन कर रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से हमें मोबाइल ऐप के माध्यम से ही स्टांप बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. झालानी ने बताया कि स्टांप वेंडर के हड़ताल पर जाने से आम जनता को स्टांप नहीं मिलेंगे और रजिस्ट्रियां भी नहीं हो पाएंगी. इसका असर राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व पर भी पड़ेगा. सरकार को 1 दिन में 18 से 20 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा.

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स्टांप वेंडर्स की तीन प्रमुख मांगेः

  1. प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से लागू मुद्रांक विक्रेताओं के द्वारा मोबाइल ऐप से स्टाम्प विक्रय करने के पायलट प्रोजेक्ट को लागू नहीं किया जाए.
  2. प्रदेश के स्टांप विक्रेताओं द्वारा अर्जित स्टांप कर की राशि सीधे राजकोष में जमा कराई जाए.
  3. जिस तरीके से फिजिकल स्टाम्पों में कमीशन काटकर राशि जमा कराई जाती है, उसी तरह से ई ग्रास में भी कमीशन काटकर राजकोष में राशि जमा कराई जाए.
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