जयपुर. प्रदेश के जोधपुर में दो मरीजों की कांगो बुखार से मौत होने के बाद चिकित्सा विभाग पूरी तरह से सजग हो गया है.बता दें कि कांगो फीवर की जांच के लिए कुल 136 लोगों के सेम्पल लिए गए थे, जिनमें से पॉजिटिव पाए गए 2 व्यक्ति 40 वर्षीय महिला इन्द्रा और 18 वर्षीय लोकेश की मौत हो गई. वहीं बुधवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मीटिंग ली.
चिकित्सा मंत्री ने प्रदेशभर के चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सा विभाग के नेतृत्व में टीमें बनाकर प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर में सर्वे किया जा रहा है. सर्वे करने वाली टीम को टिक्स से बचाव के लिए आडोमॉस भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पशुपालन से समन्वय कर पशुओं और बाड़ों पर साइपरमेथ्रिन का स्प्रे करवाया गया.
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वहीं जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पशुपालन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक भी करवाई गई. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव पाए गए रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की 14 दिन तक मॉनिटरिंग की जाएगी और इनके सेम्पल जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजे जा रहे हैं.
क्या है कांगो फीवर
पशुओं के साथ रहने वालों को कांगो फीवर अधिक होता है. पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाला 'हिमोरल' नामक परजीवी इस रोग का वाहक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कांगो फीवर से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की मांसपेशियों में दर्द, आंखों में जलन और रोशनी से डर जैसे लक्षण पाए जाते हैं. कई लोगों को पीठ में दर्द, मितली होती है और गला बैठ जाता है.