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नेताजी चाहते हैं महंगाई सूचकांक की तरह ही उनके वेतन-भत्ते भी बढ़ते रहें - jaipur news

राजस्थान में विधायक चाहते हैं कि महंगाई सूचकांक के साथ उनका वेतन भत्ता भी जोड़ दिया जाए और जैसे सरकारी कर्मचारियों का वेतन बिना बहस के बढ़ जाता है, वही फॉर्मूला उनके वेतन-भत्तों को लेकर भी लागू हो.

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Published : Aug 8, 2019, 7:38 PM IST

जयपुर. प्रदेश के विधायक चाहते हैं कि महंगाई सूचकांक के साथ उनका वेतन भत्ता भी जोड़ दिया जाए और जैसे सरकारी कर्मचारियों का वेतन बिना बहस के बढ़ जाता है. ठीक उसी तरह जनप्रतिनिधियों का भी वेतन-भत्ता बिना किसी बहस और चर्चा के अपने आप बढ़ जाए.

विधायकों की इच्छा महंगाई सूचकांक के साथ बढ़े उनके वेतन भत्तें

इस संबंध में पिछले दिनों स्पीकर सीपी जोशी को विधायकों ने गुजरात और बिहार का उदाहरण देते हुए प्रस्ताव तक सौंप दिया है. प्रदेश के निर्वाचित जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि उनका भी वेतन और भत्ता महंगाई सूचकांक के साथ-साथ साथ बढ़े. साथ ही जब वेतन भत्तों में बढ़ोतरी हो तो इसकी कोई चर्चा तक ना हो और ना ही मीडिया में इस बारे में हल्ला मचे.

जी हां, मंत्री विधायकों की इसी चाहत के चलते पिछले दिनों इनके वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल बिना चर्चा के पास कर दिया गया. बावजूद इसके भाजपा विधायक कालीचरण सराफ को लगता है कि बढ़ती महंगाई के लिहाज से जनप्रतिनिधियों को मिलने वाला मानदेय बहुत कम है. क्योंकि, जनप्रतिनिधि जन सेवा करता है. इसलिए खुद के परिवार के लालन पालन के लिए उसे कोई धंधा या रोजगार करने का समय तक नहीं मिलता.

पढ़ें: कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी अब नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने, खेल क्षेत्र में नई पारी का आगाज

सराफ के मुताबिक इस संबंध में विधानसभा स्पीकर को भी प्रस्ताव पिछले दिनों सौंप दिया गया था. ऐसा नहीं है कि केवल राजस्थान के निर्वाचित विधायक और मंत्री ही यह चाहते हो बल्कि गुजरात और बिहार में तो इस तरह के फार्मूले पर पहले से ही काम शुरू हो चुका है.

अब इन्हीं दो प्रदेशों का हवाला देकर राजस्थान के विधायक भी चाहते हैं कि उनके वेतन भत्ते सरकारी कर्मचारियों की तरह महंगाई के साथ साथ बढ़ता रहे. भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार बिहार और गुजरात के इस पैटर्न पर राजस्थान में भी काम शुरू हो चुका है और ऐसा फार्मूला तैयार किया जा रहा है.

पढ़ें: अजमेर में तीन तलाक का पहला मामला...60 साल के पति पर आरोप, अब विधिक राय लेने में जुटी पुलिस

खास बात है कि इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेश के लगभग सभी विधायक एकजुट है. यहीं कारण है कि पिछले दिनों जब विधानसभा में मंत्री विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल पास किया गया तो उसमें 1 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगा और कोई बहस तक नहीं हुई.

जयपुर. प्रदेश के विधायक चाहते हैं कि महंगाई सूचकांक के साथ उनका वेतन भत्ता भी जोड़ दिया जाए और जैसे सरकारी कर्मचारियों का वेतन बिना बहस के बढ़ जाता है. ठीक उसी तरह जनप्रतिनिधियों का भी वेतन-भत्ता बिना किसी बहस और चर्चा के अपने आप बढ़ जाए.

विधायकों की इच्छा महंगाई सूचकांक के साथ बढ़े उनके वेतन भत्तें

इस संबंध में पिछले दिनों स्पीकर सीपी जोशी को विधायकों ने गुजरात और बिहार का उदाहरण देते हुए प्रस्ताव तक सौंप दिया है. प्रदेश के निर्वाचित जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि उनका भी वेतन और भत्ता महंगाई सूचकांक के साथ-साथ साथ बढ़े. साथ ही जब वेतन भत्तों में बढ़ोतरी हो तो इसकी कोई चर्चा तक ना हो और ना ही मीडिया में इस बारे में हल्ला मचे.

जी हां, मंत्री विधायकों की इसी चाहत के चलते पिछले दिनों इनके वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल बिना चर्चा के पास कर दिया गया. बावजूद इसके भाजपा विधायक कालीचरण सराफ को लगता है कि बढ़ती महंगाई के लिहाज से जनप्रतिनिधियों को मिलने वाला मानदेय बहुत कम है. क्योंकि, जनप्रतिनिधि जन सेवा करता है. इसलिए खुद के परिवार के लालन पालन के लिए उसे कोई धंधा या रोजगार करने का समय तक नहीं मिलता.

पढ़ें: कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी अब नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने, खेल क्षेत्र में नई पारी का आगाज

सराफ के मुताबिक इस संबंध में विधानसभा स्पीकर को भी प्रस्ताव पिछले दिनों सौंप दिया गया था. ऐसा नहीं है कि केवल राजस्थान के निर्वाचित विधायक और मंत्री ही यह चाहते हो बल्कि गुजरात और बिहार में तो इस तरह के फार्मूले पर पहले से ही काम शुरू हो चुका है.

अब इन्हीं दो प्रदेशों का हवाला देकर राजस्थान के विधायक भी चाहते हैं कि उनके वेतन भत्ते सरकारी कर्मचारियों की तरह महंगाई के साथ साथ बढ़ता रहे. भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार बिहार और गुजरात के इस पैटर्न पर राजस्थान में भी काम शुरू हो चुका है और ऐसा फार्मूला तैयार किया जा रहा है.

पढ़ें: अजमेर में तीन तलाक का पहला मामला...60 साल के पति पर आरोप, अब विधिक राय लेने में जुटी पुलिस

खास बात है कि इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेश के लगभग सभी विधायक एकजुट है. यहीं कारण है कि पिछले दिनों जब विधानसभा में मंत्री विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल पास किया गया तो उसमें 1 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगा और कोई बहस तक नहीं हुई.

Intro:(स्पेशल)
नेताजी चाहते हैं महंगाई सूचकांक की तरह उनके भी वेतन भत्ते बढ़ते रहे

विधायक चाहते है महंगाई सूचकांक के साथ जोड़ दिया जाए उनका वेतन भत्ता

जयपुर (इंट्रो)
प्रदेश की विधायक चाहते हैं कि महंगाई सूचकांक के साथ उनका वेतन भत्ता भी जोड़ दिया जाए और जैसे सरकारी कर्मचारियों का वेतन बिना बहस के बढ़ जाता है ठीक उसी तरह जनप्रतिनिधियों का भी वेतन भत्ता बिना किसी बहस और चर्चा के अपने आप बढ़ जाए। इस संबंध में पिछले दिनों स्पीकर सीपी जोशी को विधायकों ने गुजरात और बिहार का उदाहरण देते हुए प्रस्ताव तक सौंप दिया है।

(vo1)
प्रदेश के माननीय यानी निर्वाचित जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि उनका भी वेतन और भत्ता महंगाई सूचकांक के साथ-साथ साथ बढ़े और जब वेतन भत्तों में बढ़ोतरी हो तो इसकी कोई चर्चा तक ना हो और ना ही मीडिया में इस बारे में हल्ला मचे। जी हां मंत्री विधायक को कि इसी चाहत के चलते पिछले दिनों इनके वेतन भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल बिना चर्चा के पास कर दिया गया। बावजूद इसके भाजपा विधायक कालीचरण सराफ को लगता है कि बढ़ती महंगाई के लिहाज से जनप्रतिनिधियों को मिलने वाला मानदेय बहुत कम है क्योंकि जनप्रतिनिधि जन सेवा करता है इसलिए खुद के परिवार के लालन पालन के लिए उसे कोई धंधा या रोजगार करने का समय तक नहीं मिलता। सराफ के अनुसार इस संबंध में विधानसभा स्पीकर को भी प्रस्ताव पिछले दिनों सौप दिया था।

बाईट- कालीचरण सराफ,भाजपा विधायक

(vo2) (गुजरात बिहार के फार्मूले पर राजस्थान में भी हो रहा काम- राजेन्द्र राठौड़)
ऐसा नहीं है कि केवल राजस्थान के निर्वाचित विधायक और मंत्री ही यह चाहते हो बल्कि गुजरात और बिहार में तो इस तरह के फार्मूले पर पहले से ही काम शुरू हो चुका है अब इन्हीं दो प्रदेशों का हवाला देकर राजस्थान के विधायक भी चाहते हैं कि उनके वेतन भत्ते सरकारी कर्मचारियों की तरह महंगाई के साथ साथ बढ़ता रहे भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार बिहार और गुजरात के इस पैटर्न पर राजस्थान में भी काम शुरू हो चुका है और ऐसा फार्मूला तैयार किया जा रहा है।

बाईट- राजेंद्र राठौड़, उप नेता भाजपा विधायक दल

(vo3) सभी दलों के विधायकों का है इस बारे में एकमत

महंगाई के साथ नेताजी के वेतन भत्ते बढ़ाने केस प्रस्ताव में प्रदेश के लगभग सभी विधायक एकजुट है यही कारण है पिछले दिनों जब विधानसभा में मंत्री विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़ा बिल पास किया गया तो उसमें 1 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगा और कोई बहस तक नहीं हुई।

(Edited vo pkg)










Body:(Edited vo pkg)


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