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तीस रुपए की उधारी के विवाद में हुआ झगड़ा, पिता-पुत्रों को सात साल की सजा

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Published : Aug 3, 2023, 7:11 PM IST

एससी, एसटी मामलों की विशेष अदालत ने तीस रूपए की (sentenced 7 years imprisonment) उधारी के विवाद में पिता और दो बेटों को सात साल की सजा सुनाई है.

Special court for SC ST,  sentenced 7 years imprisonment
तीस रुपए की उधारी के विवाद में हुआ झगड़ा,.

जयपुर. एससी,एसटी मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने तीस रुपए की उधारी के चलते हुए विवाद में भाइयों को गंभीर रूप से घायल करने वाले पिता फकरुद्दीन उर्फ मुन्ना भाई उसके बेटे इमरान और गुलफाम उर्फ गुफरान को सात साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने तीनों अभियुक्तों पर 48 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने तीस रुपए की उधारी की मामूली बात को लेकर पीड़ित पक्ष के लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. ऐसे में हत्या का प्रयास करने वाले अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 30 नवंबर, 2012 की रात नौ बजे गिरधर कुमार अपने भाई मुकेश के साथ घर आ रहा था. रास्ते में मेहनत नगर के पास मुन्ना की दुकान पर कुरकुरे लेने के लिए रुके, जब मुकेश ने कुरकुरे मांगे तो मुन्ना ने पहले की तीस रुपए की उधारी चुकाने के लिए कहा. इस बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया. इस दौरान तीनों अभियुक्त मुकेश से मारपीट करने लगे. इस दौरान गिरधर के भाई मुकेश और कमल बचाने आए तो अभियुक्तों ने उनसे भी मारपीट करना शुरू कर दी.

पढ़ेंः उधारी के रुपए मांगने पर बड़े भाई ने की मारपीट, दंपती घायल

मारपीट के दौरान अभियुक्तों ने धारदार हथियारों और ईट-पत्थरों से उसके भाइयों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. पीड़ितों के शोर मचाने पर अभियुक्त उन्हें छोड़कर भाग गए. इसके बाद पीड़ितों को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया. जहां गिरधर ने सोडाला थानाधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराई. वहीं अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि उन्हें प्रकरण में फंसाया गया है. ऐसे में उन्हें बरी किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाई है.

जयपुर. एससी,एसटी मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने तीस रुपए की उधारी के चलते हुए विवाद में भाइयों को गंभीर रूप से घायल करने वाले पिता फकरुद्दीन उर्फ मुन्ना भाई उसके बेटे इमरान और गुलफाम उर्फ गुफरान को सात साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने तीनों अभियुक्तों पर 48 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने तीस रुपए की उधारी की मामूली बात को लेकर पीड़ित पक्ष के लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. ऐसे में हत्या का प्रयास करने वाले अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 30 नवंबर, 2012 की रात नौ बजे गिरधर कुमार अपने भाई मुकेश के साथ घर आ रहा था. रास्ते में मेहनत नगर के पास मुन्ना की दुकान पर कुरकुरे लेने के लिए रुके, जब मुकेश ने कुरकुरे मांगे तो मुन्ना ने पहले की तीस रुपए की उधारी चुकाने के लिए कहा. इस बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया. इस दौरान तीनों अभियुक्त मुकेश से मारपीट करने लगे. इस दौरान गिरधर के भाई मुकेश और कमल बचाने आए तो अभियुक्तों ने उनसे भी मारपीट करना शुरू कर दी.

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मारपीट के दौरान अभियुक्तों ने धारदार हथियारों और ईट-पत्थरों से उसके भाइयों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. पीड़ितों के शोर मचाने पर अभियुक्त उन्हें छोड़कर भाग गए. इसके बाद पीड़ितों को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया. जहां गिरधर ने सोडाला थानाधिकारी को रिपोर्ट दर्ज कराई. वहीं अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि उन्हें प्रकरण में फंसाया गया है. ऐसे में उन्हें बरी किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाई है.

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