जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बजट पेश किए जाने के दौरान हुई चूक को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही को दूसरी बार स्थगित किया गया. इससे पहले जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने बजट को लीक बताते हुए दोबारा से इसे पेश किए जाने की मांग की. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन के नियमों को लेकर तकरार देखने को मिली. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने कहा कि वे सदन को चलाए रखने के लिए विपक्ष और पक्ष से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं.
स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं अध्यक्ष हूं और सदन की कार्यवाही मेरी जिम्मेदारी है और इसलिए मैंने सदन से माफी मांगी फिर भी हंगामा हो रहा है. स्पीकर ने कहा कि क्या आप मेरी माफी भी नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि माफी मांगने के बाद अब भी भाजपा विधायक हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सतीश पूनिया आप पहली बार विधायक बने हैं क्या, मेरी माफी को भी नहीं मानेंगे. स्पीकर ने कहा कि आज भाजपा जो कि लोकतंत्र और सिद्धांतों की बात करती है वह खुद उसका मजाक उड़ा रही है. यह गलत परंपरा है.
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उन्होंने कहा कि सतीश पूनिया आप पार्टी के अध्यक्ष हैं और आपको इतिहास याद रखेगा. जब एक स्पीकर ने माफी मांग ली उसके बाद भी इस तरह से आप हंगामा कर रहे हैं. जो परंपरा आप डाल रहे हैं उससे आपको भी आगे परिणाम भुगतना पड़ेगा. एक अध्यक्ष का इससे ज्यादा अपमान नहीं हो सकता जो आज आप लोगों ने किया है. स्पीकर सीपी जोशी ने 15 मिनट के लिए फिर विधानसभा स्थगित की.
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विधानसभा अध्यक्ष ने मांगी माफी
विधानसभा की कार्यवाही एक दफा स्थगित होने के बाद जब दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष को विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की अगुवाई में वेल में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस बीच कटारिया ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान स्पीकर की ओर से दिए गए आदेश के मुताबिक शब्दों को हटाने का फैसला वापस ले. कटारिया ने कहा कि इस गलती के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माफी मांगें जिसके बाद डॉक्टर जोशी ने माफी मांगते हुए सदन को सुचारु रूप से चलाने के लिए विपक्ष से आह्वान किया. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने भी विपक्ष के रुख पर आपत्ति जताई. विपक्ष से नाराज होकर स्पीकर जोशी ने कहा कि आज तक सदन में विधानसभा अध्यक्ष का इतना अपमान कभी नहीं हुआ जितना आज भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने किया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी सफाई
विधानसभा में बजट भाषण के दौरान पिछले बजट के अंश पढ़े जाने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपना रुख साफ करने की कोशिश की. स्पीकर के बुलाने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि एक पन्ना गलती से इस दफा के बजट भाषण के साथ जोड़कर आ गया था. इसे बजट दिल्ली बोला जाना गलत होगा. मुख्यमंत्री को स्पीकर जोशी ने फिर से बजट पढ़ने के लिए कहा, लेकिन इस बीच सदन में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से नारेबाजी शुरू हो गई और व्यवधान के बाद कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.