जयपुर. सौम्या गुर्जर ने शनिवार को पदभार ग्रहण कर लिया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनको डीएलबी की ओर से नोटिस भी मिल गया है. सौम्या को 18 नवंबर तक नोटिस का जवाब डीएलबी को देना होगा. महापौर के पदभार ग्रहण करने के साथ ही डीएलबी की ओर से जारी किए गए नोटिस को लेकर एक कांस्टेबल पहुंच गया. महापौर सौम्या ने नोटिस पर अपनी रिसीविंग भी दी.
न्यायिक जांच की सत्यापित प्रतिलिपि लेने के लिए एक महीने तक डीएलबी के चक्कर काटे. करवा चौथ की मेहंदी भी डीएलबी (Soumya Gurjar on DLB) में बैठकर लगाई लेकिन हार नहीं मानी. इसलिए क्योंकि देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा यकीन था. ये कहना है ग्रेटर नगर निगम में 2 साल में तीसरी बार महापौर का पदभार संभालने वाली डॉ. सौम्या गुर्जर का. 10 नवंबर को उपचुनाव के बीच हाईकोर्ट से उनकी बर्खास्तगी का ऑर्डर रद्द किए जाने के बाद शनिवार को सौम्या गुर्जर ने आधिकारिक (Soumya Gurjar took over mayor charge) तौर पर पदभार ग्रहण किया.
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इस दौरान उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट (Soumya Gurjar post few lines on Twitter) की अपनी कविता को दोहराते हुए कहा कि 'संघर्ष भरा जीवन तेरा, संघर्षों से घबराना नहीं. जब रात हो काली तो समझो, होने वाली है दिवाली. साथ ही कहा कि ये षड्यंत्र कारियों के लिए जवाब है. षड्यंत्र करने वाले पहले भी हारे हैं और आगे भी हारेंगे.
10 नवंबर को आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद डॉ. सौम्या गुर्जर ने शनिवार को एक बार फिर पदभार ग्रहण किया. इस दौरान ग्रेटर नगर निगम के अधिकतर बीजेपी पार्षद और कांग्रेस पार्षद भी महापौर को बधाई देने के लिए पहुंचे. हालांकि यहां बीजेपी का कोई भी विधायक मौजूद नहीं रहने की वजह से कई सवाल भी खड़े हुए. इस दौरान महापौर भी खुलकर बोलीं उन्होंने कहा कि षड्यंत्र करने वाले पहले भी हारे हैं, अभी भी हारे हैं और आगे भी हारेंगे. ये जयपुर की जनता की जीत है. जयपुर की जनता का विश्वास है. सत्य और ईमानदारी से जो व्यक्ति लड़ता है, उसको जीत मिलती है. आगे भी संघर्ष जारी रहेगा.
इस दौरान विधायकों की अनुपस्थिति पर महापौर ने कहा कि सबका अपना-अपना कार्यक्षेत्र है. सब अपना काम कर रहे हैं. आगे 2023 में ये मुद्दा जनता के जनता के सामने ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये षड्यंत्र कारियों के लिए जवाब है. जो षड्यंत्र रचते हैं वह अपने हारते हैं. ये सरकार भले ही षड्यंत्र रच रही है लेकिन लोकतंत्र के विश्वास, जनता के प्यार और स्नेह की वजह से आज वो तीसरी बार कुर्सी पर बैठी हैं. सरकार का ये छलावा उनके साथ ही नहीं, बल्कि शहर की जनता के साथ हुआ है जिसका जवाब 2023 में जनता देगी.
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उन्होंने अपने संघर्ष को बयां करते हुए कहा कि उन्हें सत्यापित प्रतिलिपि, दस्तावेज और न्यायिक जांच की कॉपी के लेने के लिए 1 महीने तक डीएलबी के चक्कर लगाने पड़े. पांच से छः घंटे वहां पर बैठी रहीं. करवा चौथ की मेहंदी भी डीएलबी में बैठकर लगाई है. इससे ये स्पष्ट है कि उन्हें न्यायालय में जाने से भी रोका जा रहा था, लेकिन उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था. उन्हें फिर नोटिस देंगे तो फिर जवाब देंगे, चूंकि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.
बीजेपी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार षड्यंत्र पूर्वक इस बोर्ड को डिस्टर्ब करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सत्य विचलित हो सकता है, पराजित नहीं होता. अंत में सत्य की विजय होती है. वहीं इस दौरान विधायकों के नहीं पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले सौम्या गुर्जर सोमवार को पदभार ग्रहण करने वाली थी, लेकिन अचानक शनिवार को ही पद ग्रहण कर लिया. इस दौरान सौम्या गुर्जर के साथ बर्खास्त हुए तीनों पार्षद भी यहां पहुंचे. इनमें से एक बर्खास्त पार्षद पारस जैन ने कहा कि 15 अगस्त को हाईकोर्ट से उन्हें भी न्याय मिलेगा. जबकि ग्रेटर नगर निगम की समिति चेयरमैन और अन्य पार्षदों ने कहा कि सरकार के मंसूबों पर पानी फिर चुका है. अब ग्रेटर नगर निगम में सिर्फ विकास की बयार बहेगी.