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पीपलू का शंकर मीणा हत्याकांड, वारदात में शामिल बजरी रॉयल्टी नाके के आठ कर्मचारी गिरफ्तार

टोंक जिले के पीपलू इलाके में बजरी खनन को लेकर ट्रैक्टर (SIT reveals Shankar Meena murder case) चालक शंकर मीणा की हत्या के मामले का आज एसआईटी ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में बजरी रॉयल्टी नाके के आठ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है.

SIT of Rajasthan Police reveals,  SIT reveals Shankar Meena murder case
पीपलू का शंकर मीणा हत्याकांड.
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Published : Jul 4, 2023, 7:30 PM IST

Updated : Jul 4, 2023, 9:51 PM IST

जयपुर. टोंक जिले के पीपलू इलाके में बजरी खनन को लेकर ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले का मंगलवार को इस मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में एसआईटी ने बजरी रॉयल्टी नाके के आठ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में टीमों का गठन किया गया है. साथ ही रॉयल्टी नाकों के मालिक, मैनेजर और लीजधारकों की घटना में क्या भूमिका रही, इसे लेकर भी एसआईटी अनुसंधान कर रही है. डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर 2 जून को इस प्रकरण की जांच पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी.

एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने बताया कि 27 जून की रात करीब 10:30 बजे टोंक जिले में पीपलू थाना इलाके के गाता-डोडवाडी रोड पर ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की हत्या कर दी गई. दो दिन धरना-प्रदर्शन के बाद 29 जून को घटनास्थल पर ही मृतक के भाई पिंटू मीणा की रिपोर्ट पर पीपलू थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच एएसपी राकेश बैरवा को सौंपी गई. मामले के खुलासे के लिए आईजी प्रफुल्ल कुमार के सुपरविजन में एसआईटी गठित की गई.

पढ़ेंः पीपलू का शंकर मीणा हत्याकांड : सरकार ने बनाई SIT, सीआईडी-सीबी के अधिकारी करेंगे जांच

जिसमें एएसपी नेम सिंह, आशाराम चौधरी व राजेश मलिक, पुलिस निरीक्षक हनुमान सिंह, रविंद्र यादव व राम सिंह, एएसआई रामकरण और कांस्टेबल रतीराम शामिल थे. एसआईटी ने तकनीकी अनुसंधान कर आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी सुनिश्चित की. साथ ही एसआईटी ने मामले का खुलासा करते हुए नीमकाथाना निवासी सागरमल चौधरी, राकेश उर्फ शेरा जाट, सुरेंद्र गुर्जर, राजेंद्र उर्फ मुकेश जाट, अभिषेक कुमावत, जोबनेर निवासी महेंद्र सिंह, बानसूर निवासी मुकेश तंवर और सीकर निवासी सतवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है.

अवैध रूप से करते हैं धरपकड़ और गश्तः एडीजी दिनेश एमएन के अनुसार जांच में सामने आया है कि पकड़े गए सभी आरोपी रॉयल्टी नाकों के प्राइवेट कर्मचारी हैं, जो क्षेत्र में अवैध रूप से गश्त और धरपकड़ करते हैं. घटना के समय रॉयल्टी नाका पर बजरी के चार ट्रैक्टर आने की सूचना पर सागरमल चौधरी ने अलग-अलग रॉयल्टी नाकों से अपने कर्मचारियों को बुलाया और सभी एक बिना नंबरी बोलेरो और दो बोलेरो कैंपर लेकर गाता-डोड़वाड़ी रोड पहुंचे.

पढ़ेंः टोंक में 36 घंटे बाद भी नहीं उठाया मृतक युवक का शव, हनुमान बेनीवाल ने दी यह चेतावनी

सूचना मिलने पर शंकर ने खाली कर दी बजरीः एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि 27 जून की रात करीब 10:30 बजे शंकर मीणा और एक अन्य लोग अपने ट्रैक्टर की लाइट बंद कर चल रहे थे. इस बीच शंकर के दोस्त शक्ति सिंह ने उसे कॉल कर आगाह किया कि आगे रॉयल्टी नाके के आदमी खड़े हैं. इस पर शंकर ने ट्रैक्टर से बजरी खाली कर दी और खाली ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ा.

लाठियों से पीट-पीटकर हत्याः शंकर अपना खाली ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ रहा था तभी साइड से रॉयल्टी नाका कार्मिकों ने शंकर के ट्रैक्टर को टक्कर मारी. इससे उसका ट्रैक्टर घूम कर सड़क के नीचे खेत में सीमेंट के पोल और कांटेदार बाड़ से टकरा कर रुक गया. आरोपियों ने शंकर मीणा को ट्रैक्टर से नीचे उतारा और उसकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी ट्रैक्टर को घुमा कर वापस सड़क पर लाए और घटनास्थल से दूर खड़ा कर दिया. इसके बाद अपने वाहन भी वहां खड़े कर दिए.

राजनीतिक दबाव में प्राथमिकी दर्ज करने का आरोपः शंकर मीणा हत्याकांड में बजरी कारोबारी मेघराज सिंह सहित कई लोगों पर राजनीतिक दबाव में प्राथमिकी दर्ज करने का आरोप लगाते हुए राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने डीजीपी उमेश मिश्रा से मुलाकात की. उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. समाज के लोगों ने डीजीपी को एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें बताया गया है कि मेघराज सिंह को पीपलू थाने में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किया गया है, जो पूरी तरह से राजनीतिक दबाव से प्रेरित है. ज्ञापन में लिखा है कि जिस तरह से सार्वजनिक मंचों से मेघराज सिंह के लिए सार्वजनिक मंच से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. तभी से इस बात का अंदेशा था कि उनके खिलाफ कोई साजिश हो सकती है. राजपूत समाज की ओर से दिए ज्ञापन में दावा किया गया है कि जिस जगह शंकर मीणा की अप्राकृतिक मौत का हवाला दिया गया है. वह मेघराज सिंह का खनन क्षेत्र नहीं है न ही उस जगह उनका कोई बजरी रॉयल्टी का ठेका है.

जयपुर. टोंक जिले के पीपलू इलाके में बजरी खनन को लेकर ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले का मंगलवार को इस मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में एसआईटी ने बजरी रॉयल्टी नाके के आठ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में टीमों का गठन किया गया है. साथ ही रॉयल्टी नाकों के मालिक, मैनेजर और लीजधारकों की घटना में क्या भूमिका रही, इसे लेकर भी एसआईटी अनुसंधान कर रही है. डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर 2 जून को इस प्रकरण की जांच पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी.

एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने बताया कि 27 जून की रात करीब 10:30 बजे टोंक जिले में पीपलू थाना इलाके के गाता-डोडवाडी रोड पर ट्रैक्टर चालक शंकर मीणा की हत्या कर दी गई. दो दिन धरना-प्रदर्शन के बाद 29 जून को घटनास्थल पर ही मृतक के भाई पिंटू मीणा की रिपोर्ट पर पीपलू थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच एएसपी राकेश बैरवा को सौंपी गई. मामले के खुलासे के लिए आईजी प्रफुल्ल कुमार के सुपरविजन में एसआईटी गठित की गई.

पढ़ेंः पीपलू का शंकर मीणा हत्याकांड : सरकार ने बनाई SIT, सीआईडी-सीबी के अधिकारी करेंगे जांच

जिसमें एएसपी नेम सिंह, आशाराम चौधरी व राजेश मलिक, पुलिस निरीक्षक हनुमान सिंह, रविंद्र यादव व राम सिंह, एएसआई रामकरण और कांस्टेबल रतीराम शामिल थे. एसआईटी ने तकनीकी अनुसंधान कर आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी सुनिश्चित की. साथ ही एसआईटी ने मामले का खुलासा करते हुए नीमकाथाना निवासी सागरमल चौधरी, राकेश उर्फ शेरा जाट, सुरेंद्र गुर्जर, राजेंद्र उर्फ मुकेश जाट, अभिषेक कुमावत, जोबनेर निवासी महेंद्र सिंह, बानसूर निवासी मुकेश तंवर और सीकर निवासी सतवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है.

अवैध रूप से करते हैं धरपकड़ और गश्तः एडीजी दिनेश एमएन के अनुसार जांच में सामने आया है कि पकड़े गए सभी आरोपी रॉयल्टी नाकों के प्राइवेट कर्मचारी हैं, जो क्षेत्र में अवैध रूप से गश्त और धरपकड़ करते हैं. घटना के समय रॉयल्टी नाका पर बजरी के चार ट्रैक्टर आने की सूचना पर सागरमल चौधरी ने अलग-अलग रॉयल्टी नाकों से अपने कर्मचारियों को बुलाया और सभी एक बिना नंबरी बोलेरो और दो बोलेरो कैंपर लेकर गाता-डोड़वाड़ी रोड पहुंचे.

पढ़ेंः टोंक में 36 घंटे बाद भी नहीं उठाया मृतक युवक का शव, हनुमान बेनीवाल ने दी यह चेतावनी

सूचना मिलने पर शंकर ने खाली कर दी बजरीः एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि 27 जून की रात करीब 10:30 बजे शंकर मीणा और एक अन्य लोग अपने ट्रैक्टर की लाइट बंद कर चल रहे थे. इस बीच शंकर के दोस्त शक्ति सिंह ने उसे कॉल कर आगाह किया कि आगे रॉयल्टी नाके के आदमी खड़े हैं. इस पर शंकर ने ट्रैक्टर से बजरी खाली कर दी और खाली ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ा.

लाठियों से पीट-पीटकर हत्याः शंकर अपना खाली ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ रहा था तभी साइड से रॉयल्टी नाका कार्मिकों ने शंकर के ट्रैक्टर को टक्कर मारी. इससे उसका ट्रैक्टर घूम कर सड़क के नीचे खेत में सीमेंट के पोल और कांटेदार बाड़ से टकरा कर रुक गया. आरोपियों ने शंकर मीणा को ट्रैक्टर से नीचे उतारा और उसकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी ट्रैक्टर को घुमा कर वापस सड़क पर लाए और घटनास्थल से दूर खड़ा कर दिया. इसके बाद अपने वाहन भी वहां खड़े कर दिए.

राजनीतिक दबाव में प्राथमिकी दर्ज करने का आरोपः शंकर मीणा हत्याकांड में बजरी कारोबारी मेघराज सिंह सहित कई लोगों पर राजनीतिक दबाव में प्राथमिकी दर्ज करने का आरोप लगाते हुए राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने डीजीपी उमेश मिश्रा से मुलाकात की. उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. समाज के लोगों ने डीजीपी को एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें बताया गया है कि मेघराज सिंह को पीपलू थाने में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किया गया है, जो पूरी तरह से राजनीतिक दबाव से प्रेरित है. ज्ञापन में लिखा है कि जिस तरह से सार्वजनिक मंचों से मेघराज सिंह के लिए सार्वजनिक मंच से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. तभी से इस बात का अंदेशा था कि उनके खिलाफ कोई साजिश हो सकती है. राजपूत समाज की ओर से दिए ज्ञापन में दावा किया गया है कि जिस जगह शंकर मीणा की अप्राकृतिक मौत का हवाला दिया गया है. वह मेघराज सिंह का खनन क्षेत्र नहीं है न ही उस जगह उनका कोई बजरी रॉयल्टी का ठेका है.

Last Updated : Jul 4, 2023, 9:51 PM IST
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