जयपुर. राजधानी के जेके लोन अस्पताल में आईसीयू के एसी रूम में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. आग लगने से आईसीयू में उठने वाले धुंए से डेढ़ साल की एक बच्ची की मौत हो गई है. हालांकि अस्पताल प्रशासन बच्ची की मौत का कारण हार्ट फेलियर बता रहा है. वहीं आईसीयू में मौजूद 22 बच्चों को जल्द ही नर्सिंग स्टाफ ने दूसरे आईसीयू में शिफ्ट करवाया. इस पूरे घटनाक्रम में एक बड़ा हादसा होने से टल गया.
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प्रदेश के सबसे बड़े शिशु चिकित्सालय जेके लोन अस्पताल में आज सुबह करीब 3:00 बजे आईसीयू के एसी रूम में शॉर्टसर्किट से आग लग गई. जिससे आईसीयू में धुआं फैल गया. इस दौरान यहां पर तकरीबन 22 बच्चे मौजूद थे. जिन्हें नर्सिंग स्टाफ की मदद से दूसरे आईसीयू में शिफ्ट किया गया. हालांकि धुंए की चपेट में आने से डेढ़ साल की एक बच्ची की मौत हो गई. वहीं मौके पर पहुंची चार दमकल ने आग पर काबू पाया.
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई. चीफ फायर ऑफिसर से मिली जानकारी के अनुसार वहां मौजूद फायर फाइटिंग सिस्टम काम नहीं कर रहे थे. वहीं अग्निशमन यंत्र का इस्तेमाल भी नहीं किया गया. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इस आरोप को खारिज किया गया है.
हालांकि अस्पताल के इमरजेंसी इंचार्ज डॅाक्टर मनीष का कहना है कि बच्ची 8 दिनों से वेंटिलेटर पर थी. उसकी हालत बहुत नाजुक होने की वजह से हार्ट फेलियर से उसकी मौत हुई है.
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गौरतलब है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में लगातार शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटना सामने आ रही है. बावजूद इसके मेंटेनेंस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बहरहाल, आज हुई घटना में नर्सिंग स्टाफ की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होने से टल गया. लेकिन इस घटना ने कई सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं.