जयपुर. पेपर आउट माफिया शेरसिंह मीणा के साथ वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर का सौदा कर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा की करोड़ों रुपए की संपत्ति पर एसओजी की नजर है. प्रारंभिक तौर पर उसकी उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में करोड़ों रुपए की संपत्ति होने की जानकारी एसओजी के हाथ लगी है. एसओजी ने देर शाम बाबूलाल कटारा के डूंगरपुर स्थित आवास से 51 लाख कैश औऱ 541 ग्राम सोना जब्त किया है.
RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा, उसके चालक गोपाल सिंह और भांजे विजय डामोर को गिरफ्तार कर एसओजी ने 29 अप्रैल तक रिमांड पर लिया है. अब उनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है. इस पूछताछ में तीनों की काली कमाई से अर्जित संपत्तियों को लेकर भी एसओजी जानकारी जुटा रही है.
बाबूलाल कटारा के घर से 51.20 लाख रुपए और 541 ग्राम सोने के आभूषण जब्त
एसओजी ने गुरुवार को RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा के डूंगरपुर स्थित घर से बड़ी मात्रा में नकदी और सोने के आभूषण जब्त किए हैं. एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि बाबूलाल कटारा के डूंगरपुर स्थित घर से 51.20 लाख रुपए जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही 541 ग्राम सोने के आभूषण भी जब्त किए गए हैं. इसी तरह बाबूलाल कटारा के भांजे विजय डामोर के बागदरी स्थित घर से सोने का कड़ा भी जब्त किया गया है. यह कड़ा उसे पेपर आउट मामले के आरोपी अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा ने दिया था.
उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा में करोड़ों की संपत्ति की जानकारी
एसओजी की प्रारंभिक पूछताछ में बाबूलाल कटारा की उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में करोड़ों रुपए की संपत्ति की जानकारी मिलने के साथ ही चालक गोपाल सिंह और भांजे विजय डामोर की संपत्तियों की भी पड़ताल करने में एसओजी जुटी है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बाबूलाल कटारा की संपत्ति में उदयपुर शहर के सेक्टर-14 में सीए सर्किल के पास आलिशान मकान, डूंगरपुर में सुभाष नगर में दो मंजिल का मकान और तीन मंजिला व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स होने की जानकारी एसओजी को मिली है. इसके अलावा बांसवाड़ा में भी बड़ी संपत्ति बताई जा रही है. जबकि विजय डामोर का उसके गांव वागदरी में बड़ा मकान होने की जानकारी मिली है. यह मकान उसने हाल ही में बनवाया है.
नए कानून में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान
राजस्थान में गहलोत सरकार पिछले साल मार्च में नया नकल विरोधी बिल विधानसभा में लाई थी. जो विधानसभा से पास हो गया है. इसमें नकल गिरोह से जुड़े पाए जाने पर सजा और जुर्माने के साथ ही काली कमाई से अर्जित संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है. नकल गिरोह से जुड़े बदमाशों को दस साल की सजा और अधिकतम 10 करोड़ रुपए के जुर्माने का इस कानून में प्रावधान किया गया है. जबकि काली कमाई से अर्जित संपत्ति जब्त करने का भी इसमें प्रावधान है. ऐसे में इस कानून के तहत कार्रवाई की कवायद एसओजी ने शुरू कर दी है.
भूपेंद्र सारण के कोचिंग सेंटर और मकान पर कार्रवाई
वरिष्ठ अध्यापक पेपर आउट मामले में बेंगलुरू से गिरफ्तार भूपेंद्र सारण के गुर्जर की थड़ी स्थित कोचिंग सेंटर पर पिछले दिनों कार्रवाई की गई थी. इस कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया था. इसी तरह उसके अजमेर रोड स्थित मकान पर भी कार्रवाई की गई थी. इसी की तर्ज पर अब RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा और अन्य आरोपियों की संपत्ति पर भी कार्रवाई हो सकती है.
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अभी भी 10 से ज्यादा लोग और हो सकते हैं गिरफ्तार
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ का कहना है कि अब तक मिली जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर आउट गिरोह का सरगना शेरसिंह मीणा है और उसने RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा से 60 लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था. इन दोनों के अलावा कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. फरार चल रहे सुरेश ढाका को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उनका कहना है कि इस मामले में करीब 10 लोगों की और गिरफ्तारी हो सकती है.
नए कानून के प्रावधान के तहत होगी कार्रवाई: एडीजी राठौड़
नए नकल विरोधी कानून में नकल या पेपर आउट गिरोह से जुड़े लोगों की काली कमाई से अर्जित संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है. बाबूलाल कटारा व अन्य आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. इसमें संपत्ति की जानकारी भी जुटाई जा रही है. आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.