जयपुर. राजधानी के बिरला सभागार में गुरुवार को आयोजित प्रदेश स्तरीय नेहरू जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रदेश में नेहरू के विचारों को लेकर सेमिनार करने की घोषणा की. साथ ही गहलोत ने कहा कि इन सेमिनारों और व्याख्यानों का खास मकसद नेहरू के विचारों को युवा पीढ़ी में बताना होगा.
सीएम गहलोत ने कहा कि वे खुद 33 जिलों में होने वाले सेमिनार में शिरकत करेंगे. साथ ही सरकार के अन्य मंत्री भी इस तरह के सेमिनार में भाग लेंगे. गहलोत ने कहा कि नेहरू पर भाजपा अटैक कर रही है, जो कि एक षड्यंत्र है. इंदिरा गांधी, महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री पर भाजपा और आरएसएस ने अटैक नहीं किया और नेहरू पर अटैक किया, जो रिसर्च का विषय है.
गहलोत ने कहा कि नेहरू साइंटिफिक सोच और विरासत के जनक रहे हैं. ऐसे में भाजपा की सोच है कि नेहरू को खत्म कर दो, सब कुछ खत्म हो जाएगा. इस दौरान गहलोत ने संघ पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार में हर जगह आरएसएस की चल रही है, मंत्री और अधिकारी सिर्फ बैठे हुए हैं.
इस दौरान गहलोत ने देश की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति पर भी जमकर हमला बोला. गहलोत ने निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि निर्मला जी को आर्थिक नीति की समझ ही नहीं है, उनके पति ने भी ब्लॉग में लिखा है. गहलोत ने कहा नेहरू की अर्थव्यवस्था को भुला दिया गया है, यदि देश को आर्थिक संकट से उभरना है तो मनमोहन की नीतियों को लागू करना होगा.
वहीं, कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी कहा कि देश को विकास की राह पर लाने में नेहरू का बड़ा योगदान रहा है. साथ ही मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि देश में कुछ मंदबुद्धि लोगों को नेहरू का योगदान दिखाई नहीं दे रहा है. कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के सहयोग की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री खुद बुलाकर शिक्षा और शिक्षकों की समस्या सुनते है.
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिक्षकों को जबरदस्ती बुलाया गया: पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कार्यक्रम को लेकर कहा कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिक्षकों को जबरदस्ती बुलाया गया है. पूर्व मंत्री के इस बयान पर मंत्री भाटी ने कहा कि ऐसा नहीं है किसी को जबरदस्ती नहीं बुलाया गया है, बल्कि सभी शिक्षक खुद आए हैं.
वहीं, कार्यक्रम में शिक्षकों ने मांग रखी कि उनको आरपीएससी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और कर्मचारी बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिले. साथ ही कार्यक्रम में प्रबोधक, प्रेरकों, पैरा टीचर्स, पंचायत सहायकों को भी नियमित करने की मांग उठाई. इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे.