ETV Bharat / state

ढाई सौ सालों में दूसरी बार काेराेना के चलते आज नहीं हुआ रावण दहन, प्रदेश में सबसे पहले रावण दहन की रेनवाल से होती है शुरुआत

जयपुर जिले के रेनवाल में ढाई सौ साल के इतिहास में दूसरी बार सोमवार को रावण दहन और दशहरा मेले का आयाेजन नहीं हुआ. राज्य सरकार की ओर से जारी की गई कोरोना गाइनलाइन की पालना के चलते लगातार दूसरे साल भी रावण दहन और दशहरा मेले का आयोजन नहीं हो सका. प्रदेश में विजय दशमी के चार दिन पहले रेनवाल में ही रावण दहन की शुरुआत होती है.

second time in two hundred and fifty years, Ravana Dahan did not happen today due to Karena in Renwal, Jaipur.
जयपुर के रेनवाल में ढाई सौ सालों में दूसरी बार काेराेना के चलते आज नहीं हुआ रावण दहन
author img

By

Published : Oct 11, 2021, 10:15 PM IST

रेनवाल (जयपुर). कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना के चलते राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को देखते हुए रेनवाल में ढाई सौ साल के इतिहास में दूसरी बार सोमवार को रावण दहन और दशहरा मेले का आयाेजन नहीं हुआ है. प्रदेश में विजय दशमी के चार दिन पहले रेनवाल में ही रावण दहन की शुरुआत होती है.

रेनवाल में रावण दहन दशहरे से चार दिन पहले होता है. रेनवाल सहित आसपास के गांवों में अलग-अलग तिथियों में रावण दहन होता है. यहां तक की होली के बाद नांदरी गांव में दशहरा मेला और रावण दहन होता है. हांलाकि विजय दशमी के दिन पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रावण दहन किया जाता है. लेकिन रेनवाल सहित आसपास के कई गांवों और कस्बों में दीपावली के बाद यहां तक की होली के बाद भी दशहरा मनाकर रावण दहन किया जाता रहा है.

पढ़ें. REET Paper Leak : मास्टरमाइंड बत्तीलाल ने किए बड़े खुलासे, SOG ने आगरा से दबोचे तीन और आरोपी

यह प्रथा सैंकड़ों सालों से चलती आ रही है. रावण विजय दशमी को नहीं मरता बल्कि होली के बाद तक रावण जिंदा रहता है. रेनवाल कस्बे में दो दिन रावण दहन होता है. किशनगढ़ का नवरात्र की छठ को और रेनवाल खास में नवरात्री की अष्टमी को रावण दहन किया जाता रहा है. लगातार दूसरे वर्ष आयोजक मेला कमेटी सहित आमजन सैंकड़ों साल से चली आ रही परंपरा टूटने से निराश हैं.

रेनवाल (जयपुर). कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना के चलते राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को देखते हुए रेनवाल में ढाई सौ साल के इतिहास में दूसरी बार सोमवार को रावण दहन और दशहरा मेले का आयाेजन नहीं हुआ है. प्रदेश में विजय दशमी के चार दिन पहले रेनवाल में ही रावण दहन की शुरुआत होती है.

रेनवाल में रावण दहन दशहरे से चार दिन पहले होता है. रेनवाल सहित आसपास के गांवों में अलग-अलग तिथियों में रावण दहन होता है. यहां तक की होली के बाद नांदरी गांव में दशहरा मेला और रावण दहन होता है. हांलाकि विजय दशमी के दिन पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रावण दहन किया जाता है. लेकिन रेनवाल सहित आसपास के कई गांवों और कस्बों में दीपावली के बाद यहां तक की होली के बाद भी दशहरा मनाकर रावण दहन किया जाता रहा है.

पढ़ें. REET Paper Leak : मास्टरमाइंड बत्तीलाल ने किए बड़े खुलासे, SOG ने आगरा से दबोचे तीन और आरोपी

यह प्रथा सैंकड़ों सालों से चलती आ रही है. रावण विजय दशमी को नहीं मरता बल्कि होली के बाद तक रावण जिंदा रहता है. रेनवाल कस्बे में दो दिन रावण दहन होता है. किशनगढ़ का नवरात्र की छठ को और रेनवाल खास में नवरात्री की अष्टमी को रावण दहन किया जाता रहा है. लगातार दूसरे वर्ष आयोजक मेला कमेटी सहित आमजन सैंकड़ों साल से चली आ रही परंपरा टूटने से निराश हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.