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2 फरवरी से अनिवार्य रूप से पहननी होगी नई School Uniform, करीब 30 हजार छात्र अब भी महरूम

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार 2 फरवरी से विद्यार्थियों को नई यूनिफॉर्म पहन स्कूल आने को कहा गया है. हालांकि हकीकत ये है कि प्रदेश के 30 हजार विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म नहीं मिल पाई है.

school uniform mandatory from 2nd February
2 फरवरी से अनिवार्य रूप से पहननी होगी नई यूनिफॉर्म
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Published : Jan 31, 2023, 4:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी किए गए आदेश अब ना केवल शिक्षा विभाग के अधिकारियों बल्कि विद्यार्थियों के लिए परेशानी बन गए हैं. परिषद ने 2 फरवरी से विद्यार्थियों को नई यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल आने के निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक करीब प्रदेश के 30 हजार छात्र नई यूनिफॉर्म से महरूम हैं.

राज्य सरकार की बजट घोषणा 2021-22 के मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को एक जैसी यूनिफार्म उपलब्ध कराई जानी थी. हालांकि इसमें 2 साल का समय बीत जाने के बाद घोषणा को मूर्त रूप दिया गया, लेकिन अभी भी तकरीबन 30 हजार छात्र यूनिफॉर्म से वंचित हैं. अब 2023-24 का बजट अनाउंस होना है. ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा गया है कि वो अगले तीन दिन में सभी पात्र विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरण करना सुनिश्चित करवाएं. इतना ही नहीं अगले सप्ताह से विभाग के अधिकारी स्कूलों में योजना का सघन निरीक्षण करेंगे. यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: विंटर वेकेशन के बाद 6 जनवरी से पहननी होगी नई यूनिफॉर्म, खातों में अब तक नहीं आए सिलाई के ₹200

विभागीय निर्देश के अनुसार अधिकारी ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाए. हर पीईईओ/यूसीईईओ क्षेत्र से जिनके स्कूल में यूनिफॉर्म वितरण शेष रह गया है, उनके स्कूलों में नामाांकन के आधार पर यूनिफॉर्म मंगवाकर ब्लॉक स्तर पर विद्यालयवार कमी की पूर्ति करें. साथ ही ब्लॉक पर बची यूनिफॉर्म की सूचना जिला कार्यालय को भेजे. जिससे कमी वाले ब्लॉक को यूनिफॉर्म दी जा सके.

पढ़ें: स्कूल यूनिफॉर्म वितरण योजना में गड़बड़ी की शिकायत, लाहोटी ने सीएस से की कार्रवाई की मांग

वहीं आयुक्त मोहन लाल यादव ने निर्देश दिए हैं कि यूनिफॉर्म की रेट एक समान है. ऐसे में जहां बड़ी कक्षाओं के छात्र कम हैं, वहां उन यूनिफार्म के फैब्रिक को छोटी कक्षाओं के छात्रों को भी दिए जा सकते हैं. इसके साथ ही निर्देश दिए हैं कि जिन विद्यार्थियों के जन आधार खाते में कमी है, उसे सही करवाकर सभी स्टूडेंट्स के डाटा सत्यापन करवाया जाए. जिन स्टूडेंट्स का जन आधार प्रमाणीकरण नहीं हुआ है, उनका सत्यापन दो दिन में करवाना होगा. इतना ही नहीं बुधवार तक सिलाई राशि का बिल बनाकर कोष कार्यालय भी भेजने होंगे.

पढ़ें: स्कूल यूनिफॉर्म के बयान पर घिरे गहलोत...बीजेपी बोली- वो दर्जी है, आपका आलाकमान नहीं

आपको बता दें कि 29 नवंबर, 2022 को प्रदेश में यूनिफॉर्म वितरण योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के पहली से 8वीं तक के सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के दो सेट निशुल्क दिए जा रहे हैं. सिलाई के लिए 200 रुपए सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा किए जाने हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 के बजट भाषण में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. सरकार इस योजना पर तकरीबन 500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

जयपुर. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी किए गए आदेश अब ना केवल शिक्षा विभाग के अधिकारियों बल्कि विद्यार्थियों के लिए परेशानी बन गए हैं. परिषद ने 2 फरवरी से विद्यार्थियों को नई यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल आने के निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक करीब प्रदेश के 30 हजार छात्र नई यूनिफॉर्म से महरूम हैं.

राज्य सरकार की बजट घोषणा 2021-22 के मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को एक जैसी यूनिफार्म उपलब्ध कराई जानी थी. हालांकि इसमें 2 साल का समय बीत जाने के बाद घोषणा को मूर्त रूप दिया गया, लेकिन अभी भी तकरीबन 30 हजार छात्र यूनिफॉर्म से वंचित हैं. अब 2023-24 का बजट अनाउंस होना है. ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा गया है कि वो अगले तीन दिन में सभी पात्र विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म वितरण करना सुनिश्चित करवाएं. इतना ही नहीं अगले सप्ताह से विभाग के अधिकारी स्कूलों में योजना का सघन निरीक्षण करेंगे. यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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विभागीय निर्देश के अनुसार अधिकारी ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाए. हर पीईईओ/यूसीईईओ क्षेत्र से जिनके स्कूल में यूनिफॉर्म वितरण शेष रह गया है, उनके स्कूलों में नामाांकन के आधार पर यूनिफॉर्म मंगवाकर ब्लॉक स्तर पर विद्यालयवार कमी की पूर्ति करें. साथ ही ब्लॉक पर बची यूनिफॉर्म की सूचना जिला कार्यालय को भेजे. जिससे कमी वाले ब्लॉक को यूनिफॉर्म दी जा सके.

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वहीं आयुक्त मोहन लाल यादव ने निर्देश दिए हैं कि यूनिफॉर्म की रेट एक समान है. ऐसे में जहां बड़ी कक्षाओं के छात्र कम हैं, वहां उन यूनिफार्म के फैब्रिक को छोटी कक्षाओं के छात्रों को भी दिए जा सकते हैं. इसके साथ ही निर्देश दिए हैं कि जिन विद्यार्थियों के जन आधार खाते में कमी है, उसे सही करवाकर सभी स्टूडेंट्स के डाटा सत्यापन करवाया जाए. जिन स्टूडेंट्स का जन आधार प्रमाणीकरण नहीं हुआ है, उनका सत्यापन दो दिन में करवाना होगा. इतना ही नहीं बुधवार तक सिलाई राशि का बिल बनाकर कोष कार्यालय भी भेजने होंगे.

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आपको बता दें कि 29 नवंबर, 2022 को प्रदेश में यूनिफॉर्म वितरण योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के पहली से 8वीं तक के सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के दो सेट निशुल्क दिए जा रहे हैं. सिलाई के लिए 200 रुपए सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा किए जाने हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 के बजट भाषण में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. सरकार इस योजना पर तकरीबन 500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

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