जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 साल करने के निर्देश दिए गए (SC stays Ayurveda doctors retirement age amendment) थे. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
एसएलपी में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2016 को एक अधिसूचना जारी कर एलोपैथी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल की थी. इस आधार पर कुछ आयुर्वेद चिकित्सकों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल करने की गुहार की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी 62 साल करने के आदेश दिए थे.
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एसएलपी में कहा गया कि प्रदेश में एलोपैथी चिकित्सकों की कमी के कारण सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया था, लेकिन आयुर्वेद चिकित्सकों की कमी नहीं है. वहीं एलोपैथी डॉक्टर्स व आयुर्वेद चिकित्सकों के सेवा नियम, नियुक्ति की शर्तें और योग्यता अलग-अलग होती है. वहीं यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है. इसके बावजूद हाईकोर्ट ने गत जुलाई माह में आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु भी बढ़ाकर 62 साल कर दी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी (Stay on increased retirement age of Ayurveda docs) है.