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Sanjay Pandey Suicide Case: परिजनों के साथ धरने पर बैठे भाजपा नेता, राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को बताया संवेदनहीन

संजय पांडेय सुसाइड मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्य की गहलोत सरकार पर हमला किया. राठौड़ ने कहा कि उक्त मामले में सियासत के इतर सरकार को पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए, लेकिन ये सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो (Rajendra Rathore Attack on Gehlot govt) चुकी है.

Sanjay Pandey Suicide Case
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़
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Published : Apr 22, 2023, 7:05 PM IST

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

जयपुर. राजधानी जयपुर में रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले के बाद अब संजय पांडेय सुसाइड मामला भी तूल पकड़ता नजर आ रहा है. संजय पांडेय के परिजन अपनी मांगों को लेकर एसएमएस अस्पताल के मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं, परिजनों के साथ भाजपा के बड़े नेता भी धरने पर बैठ गए हैं. जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी समेत पार्टी के कई बड़े नेता धरने में शामिल हुए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी संजय पांडेय के परिजनों से मिलने धरना स्थल पहुंचे.

मौके पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संजय पांडेय ने मृत्यु पूर्व बयान दिए थे. कानून के अनुसार उस बयान को माना जाए. इस दौरान प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में यहां जंगल राज कायम है. आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह से विफल हो चुकी है. परिवार की मांगों पर उन्होंने कहा कि सरकार दोहरी नीति नहीं अपना सकती है, जिस प्रकार भरतपुर में नासिर और जुनैद के परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराई गई थी, उसी तरह मृतक संजय पांडेय के परिवार को भी मदद मिलनी चाहिए.

Sanjay Pandey Suicide Case
परिजनों संग धरने पर बैठे भाजपा नेता

इसे भी पढ़ें - Sanjay Pandey Suicide Case: एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर परिजनों के साथ धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा

राठौड़ ने कहा कि कम से कम मृतक की राहत को लेकर तुष्टीकरण नहीं होनी चाहिए. सरकार किसी एक वर्ग की नहीं होती है. ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि वो परिवार को राहत दे और किसी प्रकार का भेदभाव न करे. उन्होंने उक्त मामले में राज्य की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है. कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिन पर सियासत नहीं होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक के मृत्यु पूर्व बयान से साफ हो गया है कि आखिर दोषी कौन है, ऐसे में सरकार को तुरंत इस मामले को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

बता दें कि कानोता इलाके में बीते 19 अप्रैल को संजय पांडेय ने सुसाइड कर लिया था. वहीं, सुसाइड से पहले एक ऑडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था. जिसमें शब्बीर नाम के व्यक्ति पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. पीड़ित ने यह भी उस ऑडियो में कहा था कि ऐसे लोगों पर विधायक रफीक खान का हाथ है. साथ ही शब्बीर नाम के व्यक्ति पर गोकशी का धंधा करने का भी आरोप लगाया था. जिसके बाद गोकशी के मामला उजागर होने के बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. गौ रक्षक भी गौ हत्यारों को सजा देने की मांग कर परिजनों के साथ धरने में शामिल हो रहे हैं. परिजनों की मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही परिवार को आर्थिक मदद और एक सरकारी नौकरी दी जाए.

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

जयपुर. राजधानी जयपुर में रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले के बाद अब संजय पांडेय सुसाइड मामला भी तूल पकड़ता नजर आ रहा है. संजय पांडेय के परिजन अपनी मांगों को लेकर एसएमएस अस्पताल के मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं, परिजनों के साथ भाजपा के बड़े नेता भी धरने पर बैठ गए हैं. जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी समेत पार्टी के कई बड़े नेता धरने में शामिल हुए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी संजय पांडेय के परिजनों से मिलने धरना स्थल पहुंचे.

मौके पर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संजय पांडेय ने मृत्यु पूर्व बयान दिए थे. कानून के अनुसार उस बयान को माना जाए. इस दौरान प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में यहां जंगल राज कायम है. आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह से विफल हो चुकी है. परिवार की मांगों पर उन्होंने कहा कि सरकार दोहरी नीति नहीं अपना सकती है, जिस प्रकार भरतपुर में नासिर और जुनैद के परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराई गई थी, उसी तरह मृतक संजय पांडेय के परिवार को भी मदद मिलनी चाहिए.

Sanjay Pandey Suicide Case
परिजनों संग धरने पर बैठे भाजपा नेता

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राठौड़ ने कहा कि कम से कम मृतक की राहत को लेकर तुष्टीकरण नहीं होनी चाहिए. सरकार किसी एक वर्ग की नहीं होती है. ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि वो परिवार को राहत दे और किसी प्रकार का भेदभाव न करे. उन्होंने उक्त मामले में राज्य की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है. कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिन पर सियासत नहीं होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मृतक के मृत्यु पूर्व बयान से साफ हो गया है कि आखिर दोषी कौन है, ऐसे में सरकार को तुरंत इस मामले को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

बता दें कि कानोता इलाके में बीते 19 अप्रैल को संजय पांडेय ने सुसाइड कर लिया था. वहीं, सुसाइड से पहले एक ऑडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था. जिसमें शब्बीर नाम के व्यक्ति पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. पीड़ित ने यह भी उस ऑडियो में कहा था कि ऐसे लोगों पर विधायक रफीक खान का हाथ है. साथ ही शब्बीर नाम के व्यक्ति पर गोकशी का धंधा करने का भी आरोप लगाया था. जिसके बाद गोकशी के मामला उजागर होने के बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. गौ रक्षक भी गौ हत्यारों को सजा देने की मांग कर परिजनों के साथ धरने में शामिल हो रहे हैं. परिजनों की मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही परिवार को आर्थिक मदद और एक सरकारी नौकरी दी जाए.

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