जयपुर. राजधानी सहित प्रदेश की सफाई व्यवस्था एक बार फिर भी बेपटरी हो सकती है. स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की मांग को लेकर संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के आह्वान पर मंगलवार को हेरिटेज निगम मुख्यालय पर प्रदेश भर के सफाई कर्मचारी जुटे. इस दौरान सभी ने आंदोलन की राह पर उतरने का फैसला लिया. श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि पूर्वर्ती सरकार ने दो अलग-अलग विज्ञप्ति जारी करते हुए 24 हजार 797 पद के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी. आचार संहिता खत्म होने के बाद तीन बार भर्तियों को लेकर ज्ञापन भी दिया गया है. बावजूद इसके भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई. ऐसे में सफाई श्रमिक संघ के बैनर तले जयपुर सहित प्रदेश भर के सफाई कर्मचारियों ने गुरुवार को 1 दिन का सांकेतिक धरना देने और 48 घंटे का फाइनल अल्टीमेटम देकर 23 जनवरी के बाद कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल की ओर अग्रसर होने की चेतावनी दी है.
डंडोरिया ने कहा कि जयपुर सहित प्रदेश को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए सफाई कर्मचारी लगातार प्रयास करते हैं, लेकिन स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार सफाई कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है. इसलिए सफाई कर्मचारियों की भर्ती की लगातार मांग कर रहे हैं. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि वाल्मीकि समाज से जुड़े लोग अनपढ़ हैं, यदि भर्ती में लिखित परीक्षा कराई जाती है, तो उसका भी विरोध किया जाएगा.
जल्द जारी होगी विज्ञप्ति : यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर कहा कि 18 जनवरी या इसके बाद जब भी अधिकारियों के साथ बैठेंगे, नए सिरे से सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर आवेदन मांगने का फैसला लिया जाएगा. भर्ती में प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न तरह के सफाई कार्य कराए जाएंगे, जो 80 अंक का होगा, उसके बाद शैक्षणिक योग्यता और साक्षात्कार के 20 अंक का प्रावधान रखने का विचार है, जिस पर अधिकारियों और अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ बैठकर अंतिम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने या नहीं देने का फैसला भी अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लेने की बात कही है और आगामी एक सप्ताह में भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की ओर इशारा किया.