जयपुर. सफाई कर्मचारियों ने 4 दिन बाद एक बार फिर झाड़ू थामी और काम पर जुटे गए. शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ हुए समझौते में वाल्मीकि समाज को नई भर्ती में 66 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की सहमति के बाद सफाई कर्मचारियों ने शनिवार सुबह से सड़कों पर झाड़ू भी लगाई और कचरा उठाना भी शुरू किया. वहीं, जब डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर घरों पर पहुंचे तो लोगों ने राहत की सांस ली और 4 दिन का कचरा एक साथ हूपर में डाला. जिसके चलते हूपर्स को अतिरिक्त चक्कर भी लगाने पड़े.
सीएम अशोक गहलोत की ओर से घोषित 30 हजार सफाई कर्मचारियों के पदों पर भर्ती, सफाई का परंपरागत काम करने वाले वाल्मीकि समाज को 66% आरक्षण के साथ प्राथमिकता और हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने जैसे समझौते के बाद शनिवार को सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म की. सफाई कर्मचारियों ने अपना नियमित कार्य किया. महिला और पुरुष सफाई कर्मचारियों ने सड़कों पर झाड़ू लगाई. पुरुष सफाई कर्मचारियों ने कचरा भी उठाया. इसके अलावा जेसीबी और ट्रैक्टर की सहायता से रोड साइड बने ओपन कचरा डिपो को उठाया गया.
बीते 4 दिनों में कुछ लोगों ने अपने घरों से कचरे को घरों के बाहर निकालते हुए नए कचरा डिपो बना दिए थे. जिन्हें भी संग्रहित किया गया. जबकि कुछ जागरूक लोगों ने 4 दिन तक कचरा घर पर ही रखा और डोर टू डोर कचरा संग्रहण होने का इंतजार किया. ऐसे में जब शनिवार को हूपर से स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने 'जिंगल सुनाई दिया, तो लोग घरों से कचरा डालने के लिए बाहर निकले और हूपर में कचरा डालने के बाद राहत की सांस ली. इसके इतर वाल्मीकि समाज के निजी स्तर पर सफाई का कार्य करने जाने वाले लोगों ने भी हड़ताल खत्म होते ही अपने-अपने कार्यस्थल पर मोर्चा संभाला.
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बता दें कि शुक्रवार को शासन सचिवालय में स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों और वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई थी, जिसमें 5 बिंदुओं पर सहमति बनी. वार्ता में सरकार की ओर से डीएलबी सचिव डॉ. जोगाराम, डायरेक्टर हृदेश शर्मा शामिल हुए. जबकि सफाई कर्मचारियों की अगुवाई वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने की.