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विजयदशमी 2023 पर आरएसएस ने शस्त्र पूजन के बाद शहर में 37 स्थानों पर किया पथ संचलन

जयपुर में विजयदशमी 2023 के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शस्त्र पूजन किया. इसके साथ ही शहर के 37 स्थानों पर पथ संचलन का आयोजन किया गया.

RSS Path Sanchalan in 37 places in Jaipur
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शस्त्र पूजन किया
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 24, 2023, 4:30 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 10:53 PM IST

आरएसएस ने 37 स्थानों पर निकाला पथ संचलन

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से विजयदशमी के अवसर पर राजधानी में पथ संचलन का आयोजन किया गया. राजधानी के 27 नगरों में 37 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस बार जयपुर के ब्रह्मपुरी स्थित पौंडरीक नगर में बस्तीसह पथ संचलन निकाला गया. जबकि अन्य नगरों में नगर का संचालन निकाला गया. प्रत्येक संचलन में करीब 150 से 500 स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरे. वहीं घोष (आरएसएस का बैंड) की स्वर लहरियों ने स्थानीय लोगों को भी अपनी और आकर्षित किया. विभिन्न मोहल्ला विकास समितियों और संगठनों की ओर से पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शस्त्र पूजन के बाद करीब 37 स्थानों पर पथ संचलन निकाला गया. स्वयंसेवक संपूर्ण गणवेश में इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए देश में एकत, अखंडता का संदेश देते हैं. स्वयंसेवकों ने वर्ष भर चलने वाले शारीरिक कार्यक्रम दंड, योग, सूर्य नमस्कार और नियुद्ध का प्रदर्शन भी किया. कार्यक्रम में संघ से जुड़े वरिष्ठ प्रचारक और कार्यकर्ताओं का संबोधन भी हुआ. जिसमें उग्रवाद, आतंकवाद समेत अन्य देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिए समाज को हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिया गया. इसके बाद जयपुर महानगर क्षेत्र की अलग-अलग नगर इकाइयों में स्वयंसेवकों ने कदम ताल मिलाते हुए पंथ संचलन निकाला.

पढ़ें: सरगुजा में संघ प्रमुख मोहन भागवत, दस हजार स्वयं सेवकों ने निकाला पथ संचलन

पथ संचलन में स्वयंसेवक संघ की गणवेश में कदमताल मिलाते हुए नजर आए. पंथ संचलन में सनातन धर्म के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही बताया गया कि स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में शारीरिक और मानसिक विकास होता है. अनुशासन सीखने को मिलता है, जिससे समाज का विकास करने में भी योगदान देने में काफी अच्छा है. पोंडरिक नगर में सुबह 7 बजे शारीरिक प्रदर्शन, शस्त्र पूजन और संघ की शाखाओ में होने वाले दंड, सूर्य नमस्कार, नियुद्ध का प्रदर्शन किया गया.

पढ़ें: आसमान से बारिश और मुख्य मार्गों पर पुष्प वर्षा के बीच राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने किया पथ संचलन

इसके अलावा तोपखाना संघ स्थान, गोवर्धन पुरी, हिदा की मोरी, लक्ष्मण डूंगरी, जयसिंहपुरा खोर, आनंदपुरी, सरस्वती विद्यालय, अहिंसा पार्क, श्री राम शाखा, टीबे वाले हनुमान जी मंदिर परिसर, लक्ष्मीबाई पार्क, जौहरी मैरिज गार्डन मांगयावास रोड, हेमू कालानी पार्क विजयपथ मध्यम मार्ग, बाबा रामदेव मंदिर पार्क किरण पथ, चेतन शाखा, भगत सिंह शाखा, शिवाजी शाखा, तलाई वाले बालाजी, बजरंग संघ स्थान काली माता मंदिर रोड, नीलकंठ तलाई, आदर्श विद्या मंदिर, गोकुलपुरा, तिरुपति नगर, मुरलीपुरा, अग्रसेन पार्क, शिव पार्क नगर निगम, पारीक कॉलेज समेत अन्य जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.

नावां में भी पथ संचलन: नावां शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में विजयादशमी उत्सव एवं विराट पथ संचलन का आयोजन किया गया. आदर्श विद्या मंदिर में पथ संचलन से पहले शस्त्र पूजा की गई. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के शांति प्रसाद ने कहा कि वर्षों तक हम खंडित भारत माता की पूजा कर रहे हैं, आज हमें संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम सभी भारतीयों को मिलकर अखंड भारत के निर्माण में अपनी सहभागीता सुनिश्चित करनी है. उन्होंने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना के समय डॉ हेडगेवार ने विश्व गुरु भारत का सपना देखा था, आज वह पूर्ण होता दिखाई दे रहा है.

आरएसएस ने 37 स्थानों पर निकाला पथ संचलन

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से विजयदशमी के अवसर पर राजधानी में पथ संचलन का आयोजन किया गया. राजधानी के 27 नगरों में 37 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस बार जयपुर के ब्रह्मपुरी स्थित पौंडरीक नगर में बस्तीसह पथ संचलन निकाला गया. जबकि अन्य नगरों में नगर का संचालन निकाला गया. प्रत्येक संचलन में करीब 150 से 500 स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरे. वहीं घोष (आरएसएस का बैंड) की स्वर लहरियों ने स्थानीय लोगों को भी अपनी और आकर्षित किया. विभिन्न मोहल्ला विकास समितियों और संगठनों की ओर से पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.

विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शस्त्र पूजन के बाद करीब 37 स्थानों पर पथ संचलन निकाला गया. स्वयंसेवक संपूर्ण गणवेश में इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए देश में एकत, अखंडता का संदेश देते हैं. स्वयंसेवकों ने वर्ष भर चलने वाले शारीरिक कार्यक्रम दंड, योग, सूर्य नमस्कार और नियुद्ध का प्रदर्शन भी किया. कार्यक्रम में संघ से जुड़े वरिष्ठ प्रचारक और कार्यकर्ताओं का संबोधन भी हुआ. जिसमें उग्रवाद, आतंकवाद समेत अन्य देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिए समाज को हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिया गया. इसके बाद जयपुर महानगर क्षेत्र की अलग-अलग नगर इकाइयों में स्वयंसेवकों ने कदम ताल मिलाते हुए पंथ संचलन निकाला.

पढ़ें: सरगुजा में संघ प्रमुख मोहन भागवत, दस हजार स्वयं सेवकों ने निकाला पथ संचलन

पथ संचलन में स्वयंसेवक संघ की गणवेश में कदमताल मिलाते हुए नजर आए. पंथ संचलन में सनातन धर्म के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही बताया गया कि स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में शारीरिक और मानसिक विकास होता है. अनुशासन सीखने को मिलता है, जिससे समाज का विकास करने में भी योगदान देने में काफी अच्छा है. पोंडरिक नगर में सुबह 7 बजे शारीरिक प्रदर्शन, शस्त्र पूजन और संघ की शाखाओ में होने वाले दंड, सूर्य नमस्कार, नियुद्ध का प्रदर्शन किया गया.

पढ़ें: आसमान से बारिश और मुख्य मार्गों पर पुष्प वर्षा के बीच राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने किया पथ संचलन

इसके अलावा तोपखाना संघ स्थान, गोवर्धन पुरी, हिदा की मोरी, लक्ष्मण डूंगरी, जयसिंहपुरा खोर, आनंदपुरी, सरस्वती विद्यालय, अहिंसा पार्क, श्री राम शाखा, टीबे वाले हनुमान जी मंदिर परिसर, लक्ष्मीबाई पार्क, जौहरी मैरिज गार्डन मांगयावास रोड, हेमू कालानी पार्क विजयपथ मध्यम मार्ग, बाबा रामदेव मंदिर पार्क किरण पथ, चेतन शाखा, भगत सिंह शाखा, शिवाजी शाखा, तलाई वाले बालाजी, बजरंग संघ स्थान काली माता मंदिर रोड, नीलकंठ तलाई, आदर्श विद्या मंदिर, गोकुलपुरा, तिरुपति नगर, मुरलीपुरा, अग्रसेन पार्क, शिव पार्क नगर निगम, पारीक कॉलेज समेत अन्य जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया.

नावां में भी पथ संचलन: नावां शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में विजयादशमी उत्सव एवं विराट पथ संचलन का आयोजन किया गया. आदर्श विद्या मंदिर में पथ संचलन से पहले शस्त्र पूजा की गई. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के शांति प्रसाद ने कहा कि वर्षों तक हम खंडित भारत माता की पूजा कर रहे हैं, आज हमें संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम सभी भारतीयों को मिलकर अखंड भारत के निर्माण में अपनी सहभागीता सुनिश्चित करनी है. उन्होंने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना के समय डॉ हेडगेवार ने विश्व गुरु भारत का सपना देखा था, आज वह पूर्ण होता दिखाई दे रहा है.

Last Updated : Oct 24, 2023, 10:53 PM IST
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