जयपुर. सिंघम कहे जाने वाले आईपीएस ऑफिसर दिनेश एमएन का अपराधियों में खौफ माना जाता है. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में राजस्थान के एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. दिनेश एमएन को कमान सौंपने के 48 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. हत्याकांड से पहले दिनेश एमएन छुट्टी पर गए हुए थे. हत्याकांड के दूसरे दिन दिनेश एमएन अपनी छुट्टी रद्द कर जयपुर पहुंचे थे. एसआईटी की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी दिनेश एमएन के पास थी.
राजस्थान पुलिस के 'सिंघम' माने जाने वाले आईपीएस ऑफिसर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के शूटर आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई है. छुट्टी रद्द कर जयपुर पहुंचने के 48 घंटे के भीतर दिनेश एमएन की मॉनिटरिंग में शूटर्स को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई. एडीजी क्राइम दिनेश एमएन बताया कि हरियाणा पुलिस की डीडवाना में छापेमारी हुई थी. छापेमारी की जानकारी डीडवाना एसपी ने दी थी. उसके बाद जयपुर पुलिस की टीम ने छापेमारी कर एक संदिग्ध को पकड़ा था.
पढ़ें: New ADG Crime: राजस्थान के 'सिंघम' को मिली नई जिम्मेदारी, इस बार गैंगस्टर होंगे निशाने पर
जयपुर में होटल हाइवे किंग से बस पड़कर डीडवाना पहुंचे थे. संदिग्ध से पूछताछ में सामने आया कि दोनों शूटर्स डीडवाना में टैक्सी से सुजानगढ़ पहुंचे थे. सुजानगढ़ से बस में बैठकर धारूहेड़ा दिल्ली पहुंचे थे. इसके बाद दिल्ली पुलिस का सहयोग मिला. मुखबिर तंत्र को मजबूत किया गया. आरोपियों को सहयोग करने वालों को चिन्हित किया गया. हिसार में भी कई लोगों से पूछताछ की गई. पंजाब पुलिस से भी सहयोग मिला. हिसार में दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने संयुक्त प्रयास करते हुए दो शूटर्स राहुल राठौड़ और नितिन फौजी समेत सहयोगी उदम सिंह को चंडीगढ़ से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
एसपी डीडवाना आलोक श्रीवास्तव ने दिया था इनपुट: दिनेश एमएन ने बताया कि डीजीपी की ओर से एसआईटी गठित की गई. जयपुर पुलिस कमिश्नर के साथ मिलकर हम भी इनफॉरमेशन डेवलप कर रहे थे. इस दौरान एसपी डीडवाना आलोक श्रीवास्तव का फोन आया था कि हरियाणा की पुलिस डीडवाना आई हुई है. उनके पास कुछ इनपुट है. हरियाणा पुलिस एक जगह पर रेड करना चाह रही है. हरियाणा में भी एक जानलेवा हमले के मामले में नितिन फौजी फरार चल रहा था. हरियाणा पुलिस को सूचना थी कि डीडवाना में नितिन फौजी की लोकेशन मिल सकती है.
डीडवाना एसपी आलोक श्रीवास्तव और सीकर एसपी परिस देशमुख ने टीम भेज कर रेड की. रेड के दौरान एक संदिग्ध को पकड़ा गया, जिसने बताया कि यह लोग ऑटो से भागे और फिर बस पकड़ कर आगे निकल गए थे. टैक्सी में बैठकर सुजानगढ़ पहुंचे थे. टैक्सी चालक ने बताया कि उन्हें कहां पर ड्रॉप किया गया था. सुजानगढ़ से दिल्ली जाने वाली बस में बैठकर धारूहेड़ा निकल गए थे. दिल्ली पुलिस के एडीजी क्राइम ब्रांच रविंद्र सिंह से संपर्क किया गया. दिल्ली से पता चला कि आरोपी हिसार चले गए. इसके बाद सीसीटीवी फुटेज से वेरीफाई किया गया. इसके बाद उनकी लोकेशन हिमाचल और फिर चंडीगढ़ आ रही थी. चंडीगढ़ में राजस्थान और दिल्ली पुलिस की टीम ने मिलकर आरोपियों को पकड़ लिया.
पढ़ें: सावधान! एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS दिनेश एमएन की रडार पर हैं कालाबाजारी करने वाले
दिनेश एमएन पहले भी कई मिशन संभाल चुके हैं: दिनेश एमएन पहले भी कई मिशन संभाल चुके हैं. इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर मामले में भी दिनेश एमएन का अहम रोल था. कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का सफाया किया गया. कन्हैयालाल हत्याकांड, करौली दंगा समेत अन्य कई मामलों में दिनेश एमएन ने अहम भूमिका निभाई थी. एसीबी और एसओजी में रहते हुए भी कई बड़े ऑपरेशन सफल किए. दिनेश एमएन ने हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग मामलों के भी खुलासे किए.
एसीबी में रहते हुए उन्होंने कई आईएएस, आईपीएस और आआरएस समेत बड़े अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. खनन विभाग में आईएएस अशोक सिंघवी को करोड़ों की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. बारां और अलवर जिला कलेक्टर को भी रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था. दिनेश एमएन कई अधिकारियों को रिश्वत के मामलों में जेल भेज चुके हैं. चंबल के बीहड़ में फिरौती, लूट, डकैती हत्या के मामलों में डकैतों का बोलबाला था. वर्ष 2002 में आईपीएस दिनेश एमएन ने कई डकैतों को सरेंडर करवाया था. कई डकैत इलाका छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो गए थे.
7 साल जेल में बिताए थे, बाहर आते ही अपराधियों में बनाया खौफ: दिनेश एमएन 7 साल जेल में बिताए थे. जेल से बाहर आते ही अपराधियों में अपना खौफ कायम किया. दिनेश एमएन सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 7 साल जेल में रहे थे. जेल में रहते हुए भी दिनेश एमएन हौसला नहीं हारे. उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन सच्चाई की जीत जरूर होगी. फिर 7 साल के बाद दिनेश एमएन आरोपों से मुक्त हो गए. आईपीएस दिनेश ने अपनी दबंग छवि को बरकरार रखा. 2014 में जमानत पर जेल से बाहर आए और 2017 में सर्विस के लिए बहाल हुए. एनकाउंटर मामले में बरी होने के बाद फिर से नौकरी ज्वाइन की और राजस्थान में अपराधी में खौफ पैदा किया.
दिनेश एमएन मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं. 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं. दिनेश एमएन ने बतौर एडीजी क्राइम फरवरी 2023 में बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने और अपराध को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी संभाली थी.