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आमजन को राहत देने के लिए ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण : सीएम भजनलाल - Bhajanlal on Energy

Bhajanlal on Energy, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने कहा कि आमजन को राहत देने के लिए ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने रबी सीजन को देखते हुए किसानों को बिजली की निर्बाध आपूर्ति मिले इसको लेकर निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने ली ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने ली ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 7:20 AM IST

जयपुर. प्रदेश में हो रही बिजली समस्या को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कुछ ऊर्जा विभाग की आधिकारिक साथ में बैठक की. इस दौरान भजनलाल शर्मा ने कहा कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को राहत देने के लिए ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार के लिए जनहित सर्वोपरि है. उन्होंने रबी सीजन को देखते हुए किसानों को बिजली की निर्बाध आपूर्ति मिले इसको लेकर निर्देश दिए.

90 हजार करोड़ का ऋण : सीएम ने कहा कि वर्तमान में हमारी बिजली कम्पनियां पर लगभग 90 हजार करोड़ का ऋण है. बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस ऋण को चुकाने में जा रहा है, जबकि राज्य को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अकूत प्राकृतिक सम्पदा प्राप्त है. इस क्षेत्र में उचित नीति निर्माण और क्रियान्वयन से ऊर्जा विभाग राज्य के विकास और उज्ज्वल भविष्य के साथ वृहद स्तर पर संसाधन एवं रोजगार सृजित कर सकता है.

  • आज मुख्यमंत्री कार्यालय पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली व सम्पूर्ण प्रदेश में विद्युत आपूर्ति हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए । #आपणो_अग्रणी_राजस्थान pic.twitter.com/gvc8mXNdbK

    — Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को देखते हुए भविष्य का रोडमैप तैयार करें. विभाग का ध्यान आंकड़ों की हेर-फेर की बजाय वास्तविक एवं ठोस परिणाम देने पर केन्द्रित हो. साथ ही, वे जनता की समस्याओं को समझते हुए संवेदनशीलता के साथ कार्य करे. उन्होंने कहा कि आमजन को बिजली सस्ती दर पर और सुचारू रूप से मिले यह सुनिश्चित किया जाए. रबी की फसल को देखते हुए किसानों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्हें निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिले.

पढ़ें : पीएम मोदी की राह पर सीएम भजनलाल, मंत्रियों से कही ये बड़ी बात

कोयले की आपूर्ति होगी सुचारू, विभाग करे प्रभावी उत्पादन एवं वितरण : सीएम शर्मा ने कहा कि पिछले वर्षों में विभिन्न कारणों से छत्तीसगढ़ स्थित राजस्थान को आंवटित कोयला खदानों से आपूर्ति बाधित रही थी. अब बेहतर समन्वय के द्वारा राज्य को वहां से कोयला आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी. ऊर्जा विभाग को अपनी सभी विद्युत उत्पादक इकाईयां के प्रभावी संचालन एवं विद्युत वितरण का कार्य सुचारू रूप से करना होगा. इकाईयों के रख-रखाव एवं संचालन में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही, प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ बिजली छिजत की समस्या का भी निराकरण करना होगा.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास देश का सबसे बड़ा लैंड-बैंक है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं हैं, उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आ रहे निवेशकों को उपयुक्त माहौल और प्रोत्साहन मिलना चाहिए. साथ ही, इस क्षेत्र में होने वाले एमओयू में प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों को केन्द्र में रखा जाना चाहिए. संयत्रों में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी का निर्माण राज्य में हो. इसके लिए भी नीति निर्माण होना चाहिए.

केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे इस दिशा में कार्य होना चाहिए. राज्य में सरकारी भवनों, आवासीय बिल्डिंगों आदि की छतों पर भी सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाए, ताकि प्रदेश ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो सके एवं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले. इस दौरान उन्होंने राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच की कमी को पूरा करने एवं कारणों का विस्तृत अध्ययन करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.

जयपुर. प्रदेश में हो रही बिजली समस्या को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कुछ ऊर्जा विभाग की आधिकारिक साथ में बैठक की. इस दौरान भजनलाल शर्मा ने कहा कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को राहत देने के लिए ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार के लिए जनहित सर्वोपरि है. उन्होंने रबी सीजन को देखते हुए किसानों को बिजली की निर्बाध आपूर्ति मिले इसको लेकर निर्देश दिए.

90 हजार करोड़ का ऋण : सीएम ने कहा कि वर्तमान में हमारी बिजली कम्पनियां पर लगभग 90 हजार करोड़ का ऋण है. बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस ऋण को चुकाने में जा रहा है, जबकि राज्य को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अकूत प्राकृतिक सम्पदा प्राप्त है. इस क्षेत्र में उचित नीति निर्माण और क्रियान्वयन से ऊर्जा विभाग राज्य के विकास और उज्ज्वल भविष्य के साथ वृहद स्तर पर संसाधन एवं रोजगार सृजित कर सकता है.

  • आज मुख्यमंत्री कार्यालय पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली व सम्पूर्ण प्रदेश में विद्युत आपूर्ति हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए । #आपणो_अग्रणी_राजस्थान pic.twitter.com/gvc8mXNdbK

    — Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को देखते हुए भविष्य का रोडमैप तैयार करें. विभाग का ध्यान आंकड़ों की हेर-फेर की बजाय वास्तविक एवं ठोस परिणाम देने पर केन्द्रित हो. साथ ही, वे जनता की समस्याओं को समझते हुए संवेदनशीलता के साथ कार्य करे. उन्होंने कहा कि आमजन को बिजली सस्ती दर पर और सुचारू रूप से मिले यह सुनिश्चित किया जाए. रबी की फसल को देखते हुए किसानों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्हें निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिले.

पढ़ें : पीएम मोदी की राह पर सीएम भजनलाल, मंत्रियों से कही ये बड़ी बात

कोयले की आपूर्ति होगी सुचारू, विभाग करे प्रभावी उत्पादन एवं वितरण : सीएम शर्मा ने कहा कि पिछले वर्षों में विभिन्न कारणों से छत्तीसगढ़ स्थित राजस्थान को आंवटित कोयला खदानों से आपूर्ति बाधित रही थी. अब बेहतर समन्वय के द्वारा राज्य को वहां से कोयला आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी. ऊर्जा विभाग को अपनी सभी विद्युत उत्पादक इकाईयां के प्रभावी संचालन एवं विद्युत वितरण का कार्य सुचारू रूप से करना होगा. इकाईयों के रख-रखाव एवं संचालन में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही, प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ बिजली छिजत की समस्या का भी निराकरण करना होगा.

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पास देश का सबसे बड़ा लैंड-बैंक है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में असीम संभावनाएं हैं, उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आ रहे निवेशकों को उपयुक्त माहौल और प्रोत्साहन मिलना चाहिए. साथ ही, इस क्षेत्र में होने वाले एमओयू में प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों को केन्द्र में रखा जाना चाहिए. संयत्रों में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी का निर्माण राज्य में हो. इसके लिए भी नीति निर्माण होना चाहिए.

केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे इस दिशा में कार्य होना चाहिए. राज्य में सरकारी भवनों, आवासीय बिल्डिंगों आदि की छतों पर भी सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाए, ताकि प्रदेश ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो सके एवं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले. इस दौरान उन्होंने राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच की कमी को पूरा करने एवं कारणों का विस्तृत अध्ययन करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.

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