जयपुर. बचपन में अंडे पर तोते की पेंटिंग करने से शुरुआत करने वाली रेनू विद्यार्थी आज 400 से ज्यादा अंडों पर पेंटिंग कर देश-विदेश में करीब 35 एग्जिबिशन लगा चुकी हैं. अंडे को अपना कैनवास मानने वाली मिनिएच पेंटर रेनू विद्यार्थी पेशे से भले ही सरकारी कॉलेज में लेक्चर हैं, लेकिन आज भी नए-नए एक्सपेरिमेंट कर सीखते हुए खुद को विद्यार्थी ही मानती हैं. रेनू इस क्षेत्र में काम करते हुए एक रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं.
मोनालिसा से लेकर ऐश्वर्या राय तक और जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक की तस्वीर को अंडे पर उकेर चुकी रेनू विद्यार्थी का पेंटिंग ही पैशन है. अपनी जर्नी ईटीवी भारत के साथ साझा करते हुए रेनू ने बताया कि जब वो 6 साल की थी तब उन्होंने पहली बार मुर्गी के अंडे पर तोते की पेंटिंग की थी. इसे उन्होंने अपने बड़े भाई रजनीश विद्यार्थी को दिखाया. उन्होंने इस पेंटिंग को लेकर रेनू को प्रोत्साहित किया और इसे आगे भी बनाते रहने के लिए कहा. उनके भाई ही उनके लिए कलर्स और अंडे लाकर दिया करते थे. तभी से उन्होंने ये क्रम जारी रखा और 2003 से उन्होंने अपनी इस कला की एग्जीबिशन लगानी भी शुरू की.
दुबई में भी लगाई एग्जीबिशनः रेनू विद्यार्थी ने भारत के विभिन्न शहरों के अलावा दुबई में भी एग्जीबिशन लगाई. रेनू ने बताया कि जिस तरह किसी के लिए वॉल तो किसी के लिए क्लॉथ कैनवास होता है. उसी तरह उनके लिए अंडा कैनवास है. इस पर उन्होंने सभी तरह की आर्ट बनाई है. इसी अंडे पर उन्होंने स्केचिंग भी की है, तो वाटर कलर से पेंटिंग भी की है.
अंडे पर उकेरी कई कलाकृतियांः रेनू की खास कलाकृतियों में नो अंडों पर बनाए गए देश के प्रधानमंत्रियों की तस्वीरें हैं. उन्होंने स्केच करते हुए इन तस्वीरों को अंडों पर उकेरा है. वहीं करीब 18 साल पहले उन्होंने अंडे पर विश्व के सात अजूबे एक साथ बनाने की शुरुआत की थी. अब तक वो मुर्गी, कबूतर, चिड़िया यहां तक कि छिपकली के अंडे पर भी एक साथ सात अजूबे बना चुकी हैं. वहीं कुछ नया इनोवेशन करते हुए उन्होंने अंडे पर केमिकल लगाते हुए मूर्तियां बनाने की कोशिश की और उसमें कामयाब भी रही.
इसे भी पढ़ें - Special : पानी पर दौड़ रहे घोड़े, कैसे बन रहा स्ट्रक्चर और क्या है खासियत ? यहां जानिए
अंडे को ऐसे करती हैं पेंटिंग के लिए इस्तेमालः रेनू विद्यार्थी ने बताया कि वो आमलेट बनाने के लिए जो अंडे लेकर आती हैं, उसे बीच में से नहीं तोड़ते हुए नीचे से एक छोटा छेद करके अंडे के अंदर से यॉक निकाल लेती हैं. उसके बाद पहले पानी से और फिर केमिकल से धोने के बाद उसे पेंटिंग के लिए इस्तेमाल करती हैं. प्रमुख रूप से इस पर वाटर कलर से वो पेंटिंग करती हैं. रेनू ने बताया कि अंडे का सरफेस चिकना होता है, इस वजह से ब्रश को एक ही जगह दो से तीन बार चलाना पड़ता है. तब जाकर अंडे पर कलर दिखने लगता है. वहीं स्केच करते समय पेंसिल चलाना बहुत मुश्किल होता है, कई बार पेंसिल चलाते समय लाइन टेढ़ी हो जाती है तो कभी अंडे में छेद हो जाता है.
सरकार से मिली स्कॉलरशिपः रेनू ने बताया कि अंडे पर पेंटिंग करने के अलावा उन्हें राजस्थान सरकार से दो पेंटिंग को लेकर स्कॉलरशिप भी मिली हुई है. इनमें एक मिनिएचर कोटा शैली पेंटिंग है और दूसरी फड़ पेंटिंग है. इस पर वो अभी भी काम करती हैं. अब तक करीब 400 अंडों पर पेंटिंग कर चुकी रेनू अब अपनी इस कला को उन लोगों को भी सिखाना चाहती हैं, जो इसमें रूचि रखते हैं. साथ ही उनका लक्ष्य इस पेंटिंग के रिकॉर्ड बनाने का भी है.