जयपुर. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट)-2021 पेपर आउट मामले में मुख्य आरोपी रामकृपाल मीना 27 जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में है. अब उससे दिल्ली में ईडी की एक खास टीम पूछताछ कर रही है और इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ियां जोड़ने में जुटी है. संभावना जताई जा रही है कि रामकृपाल मीना की रिमांड अवधि पूरी होने से पहले ईडी इस मामले में कुछ और गिरफ्तारी कर सकती है.
साथ ही इस पूरे मामले में कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर भी ईडी शिकंजा कस सकती है. बताया जा रहा है कि ईडी की अब तक की पूछताछ में कुछ नाम सामने आए हैं. अब इन लोगों के रीट पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से तार जुड़े होने को लेकर ईडी गहनता से पड़ताल कर रही है. संभावना जताई जा रही है की जल्द ही ईडी इस मामले में कुछ और लोगों पर शिकंजा कस सकती है. बता दें कि रामकृपाल मीना को ईडी ने 21 जून को गिरफ्तार किया था. उसे जयपुर के पीएमएलए कोर्ट में पेश कर 27 जून तक ईडी के रिमांड पर लिया है.
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दो दिन तक की थी सर्च की कार्रवाईः प्रवर्तन निदेशालय ने जून के पहले सप्ताह में प्रदेशभर के 28 ठिकानों पर दो दिन तक छापेमारी कार्रवाई की थी. रीट और वरिष्ठ अध्यापक पेपर आउट मामले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर 5 और 6 जून को ईडी ने लगातार छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट मामले में बड़े पैमाने पर धन के लेन-देन को लेकर सबूत जुटाए थे. इसके साथ ही पेपर आउट के आरोपियों की संपत्ति से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी हाथ लगने की जानकारी है. इन्हीं जानकारियों और सबूतों के आधार पर जांच एजेंसी ने पहली गिरफ्तारी रामकृपाल मीना के रूप में की थी, हालांकि अब इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
रामकृपाल ने परीक्षा से दो दिन पहले लिया पेपरः राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (रीट) का आयोजन 26 सितंबर 2021 को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से किया गया था. इस परीक्षा का पेपर परीक्षा से दो दिन पहले रामकृपाल मीना ने जयपुर में शिक्षा संकुल स्थित स्ट्रांग रूम से अन्य लोगों से मिलीभगत कर हासिल किया था. यह पेपर देने के बदले उसे 1.20 करोड़ रुपए मिले थे. 26 सितंबर को परीक्षा के बाद से ही बड़े पैमाने पर पेपर आउट होने के आरोप लगे. पहले इस मामले की जांच राजस्थान पुलिस ने की और बाद में यह मामला एसओजी को सौंपा गया. एसओजी ने 27 जनवरी 2022 को रामकृपाल मीना को गिरफ्तार कर लिया था.
1.07 करोड़ रुपए नकद किए थे जब्तः इस मामले में रामकृपाल मीना की गिरफ्तारी के बाद उसके कब्जे से एसओजी ने 1.07 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे, जबकि कई संदिग्ध खातों में जमा करीब 17 लाख रुपए की राशि फ्रीज करवाई थी. रामकृपाल मीना एसएस स्कूल व कॉलेज के नाम से एक शिक्षण संस्थान चलाता था. रीट पेपर लीक मामले में उसकी गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि उसके कॉलेज का भवन सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया है. इस पर उसकी कॉलेज के चार मंजिला भवन पर भी बुलडोजर चलाकर जमींदोज किया गया था.