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RSS के 6 उत्सव में शामिल वर्ष प्रतिपदा, इस दिन संघ के संस्थापक को करते हैं आद्य सरसंघचालक प्रणाम

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Published : Mar 21, 2023, 8:53 AM IST

Updated : Mar 21, 2023, 9:41 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अधिकृत तौर पर 6 उत्सवों को मनाता है. इनमें वर्ष प्रतिपदा साल का पहला उत्सव है जो चैत्र शुक्ल एकम को मनाया जाता है.

Rashtriya Swayamsevak Sangh Year
Rashtriya Swayamsevak Sangh Year
RSS के 6 उत्सव में शामिल वर्ष प्रतिपदा

जयपुर. भारतीय नव वर्ष की शुरुआत चैत्र के महीने से होती है. हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नववर्ष मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन सृष्टि की रचना भी हुई थी. इसी दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी हुआ था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाता आया है. साल में एकमात्र ये ऐसा दिन होता है जब स्वयंसेवक संघ के संस्थापक को आद्य सरसंघचालक प्रणाम करते हैं. इस बार 22 मार्च को वर्ष प्रतिपदा का कार्यक्रम होना है. अकेले जयपुर महानगर में 29 स्थानों पर ये आयोजन होगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अधिकृत तौर पर 6 उत्सवों को मनाता है. इनमें वर्ष प्रतिपदा साल का पहला उत्सव है जो चैत्र शुक्ल एकम को मनाया जाता है. इसके अलावा हिंदू साम्राज्य दिवस गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, विजयदशमी और मकर सक्रांति संघ की ओर से मनाया जाने वाले उत्सव है. संघ विचारकों के अनुसार आदिकाल से हिंदू समाज इन त्योहारों को मनाता आ रहा है. संघ ने इन्हें मनाना इसलिए शुरू किया. ताकि इन त्योहारों के जरिए लोग अपने महापुरुषों और समाज के प्रति जागरूक होकर राष्ट्रीयता की भावना हो आत्मसात करें. वहीं, भारतीय नव वर्ष पर संघ के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश पहनकर संघ स्थान पर पहुंचते हैं और यहां शाखा लगने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम कर संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को याद करते हैं. ये प्रणाम वर्ष में केवल एक बार वर्ष प्रतिपदा के दिन ही शाखाओं पर होता है.

पढ़ें : RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ FIR रद्द, पूनिया बोले, ''सरकार के षड्यंत्र का हुआ पर्दाफाश'

क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख महेंद्र सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख रूप से छह उत्सव मनाता है उन्हीं में से एक वर्ष प्रतिपदा का उत्सव भी संघ की शाखाओं में मनाया जाता है. इसी दिन संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिन भी है. इसलिए संघ की शाखा लगने से पहले वर्ष में एक बार आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया जाता है. चूंकि डॉ. हेडगेवार ने खुद कहा था कि संघ में व्यक्ति की पूजा नहीं, भगवा ध्वज लगने के बाद शाखा पर किसी व्यक्ति को प्रणाम नहीं किया जाता. इसलिए शाखा लगने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया जाता है. इस दिन संघ की शाखाओं पर शारीरिक व्यायाम और वर्ष पर्यंत संघ की शाखाओं पर काम देखने वाले कार्यकर्ताओं के दायित्वों की भी घोषणा की जाती है.

संघ के नजरिए इसलिए खास है वर्ष प्रतिपदा

  1. इसी दिन ब्रह्मा जी ने की थी सृष्टि की रचना
  2. सभी संवत्सरों का प्रारंभ
  3. भगवान राम का राज्याभिषेक
  4. वरुण अवतार भगवान झूलेलाल का जन्मदिन
  5. आर्य समाज की स्थापना
  6. संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिन
  7. राजस्थान स्थापना दिवस
  8. सबसे प्राचीन भारतीय कालगणना 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 85 हजार 121 वर्ष

RSS के 6 उत्सव में शामिल वर्ष प्रतिपदा

जयपुर. भारतीय नव वर्ष की शुरुआत चैत्र के महीने से होती है. हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नववर्ष मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन सृष्टि की रचना भी हुई थी. इसी दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी हुआ था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाता आया है. साल में एकमात्र ये ऐसा दिन होता है जब स्वयंसेवक संघ के संस्थापक को आद्य सरसंघचालक प्रणाम करते हैं. इस बार 22 मार्च को वर्ष प्रतिपदा का कार्यक्रम होना है. अकेले जयपुर महानगर में 29 स्थानों पर ये आयोजन होगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अधिकृत तौर पर 6 उत्सवों को मनाता है. इनमें वर्ष प्रतिपदा साल का पहला उत्सव है जो चैत्र शुक्ल एकम को मनाया जाता है. इसके अलावा हिंदू साम्राज्य दिवस गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, विजयदशमी और मकर सक्रांति संघ की ओर से मनाया जाने वाले उत्सव है. संघ विचारकों के अनुसार आदिकाल से हिंदू समाज इन त्योहारों को मनाता आ रहा है. संघ ने इन्हें मनाना इसलिए शुरू किया. ताकि इन त्योहारों के जरिए लोग अपने महापुरुषों और समाज के प्रति जागरूक होकर राष्ट्रीयता की भावना हो आत्मसात करें. वहीं, भारतीय नव वर्ष पर संघ के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश पहनकर संघ स्थान पर पहुंचते हैं और यहां शाखा लगने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम कर संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को याद करते हैं. ये प्रणाम वर्ष में केवल एक बार वर्ष प्रतिपदा के दिन ही शाखाओं पर होता है.

पढ़ें : RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ FIR रद्द, पूनिया बोले, ''सरकार के षड्यंत्र का हुआ पर्दाफाश'

क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख महेंद्र सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख रूप से छह उत्सव मनाता है उन्हीं में से एक वर्ष प्रतिपदा का उत्सव भी संघ की शाखाओं में मनाया जाता है. इसी दिन संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिन भी है. इसलिए संघ की शाखा लगने से पहले वर्ष में एक बार आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया जाता है. चूंकि डॉ. हेडगेवार ने खुद कहा था कि संघ में व्यक्ति की पूजा नहीं, भगवा ध्वज लगने के बाद शाखा पर किसी व्यक्ति को प्रणाम नहीं किया जाता. इसलिए शाखा लगने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया जाता है. इस दिन संघ की शाखाओं पर शारीरिक व्यायाम और वर्ष पर्यंत संघ की शाखाओं पर काम देखने वाले कार्यकर्ताओं के दायित्वों की भी घोषणा की जाती है.

संघ के नजरिए इसलिए खास है वर्ष प्रतिपदा

  1. इसी दिन ब्रह्मा जी ने की थी सृष्टि की रचना
  2. सभी संवत्सरों का प्रारंभ
  3. भगवान राम का राज्याभिषेक
  4. वरुण अवतार भगवान झूलेलाल का जन्मदिन
  5. आर्य समाज की स्थापना
  6. संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिन
  7. राजस्थान स्थापना दिवस
  8. सबसे प्राचीन भारतीय कालगणना 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 85 हजार 121 वर्ष
Last Updated : Mar 21, 2023, 9:41 AM IST
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