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पूर्व राजपरिवार को संपत्तियों का मिला कब्जा, रामबाग स्टाफ क्वार्टस के कब्जेधारियों ने सौंपी चाबियां

एसएमएस इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्वामित्व की संपत्तियों पर कब्जे के मामले में पूर्व राज परिवार को राहत मिली है. रामबाग स्टाफ क्वार्टस के कब्जेधा​रियों ने संपत्तियों की चाबियां कॉर्पोरेशन को सौंप दी (Illegal Occupants handed over keys of property) हैं.

Rambagh Staff Quarter case: Illegal Occupants handed over keys of property
पूर्व राजपरिवार को संपत्तियों का मिला कब्जा, कब्जेधारियों ने सौंपी चाबियां
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Published : Nov 11, 2022, 9:13 PM IST

जयपुर. शहर के पूर्व राजपरिवार को रामबाग स्टाफ क्वार्टस पर सालों से हुए कब्जे के मामले में राहत मिल गई है. अवैध कब्जा खाली कराने के मामले में करीब दो दशक पहले दायर मुकदमों में कब्जेधारियों ने संपत्तियों की चाबियां वादी एसएमएस इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और राजमहल पैलेस को सौंप (Illegal Occupants handed over keys of property) दी.

अधिवक्ता रामजी लाल गुप्ता ने बताया कि वादी एसएमएस इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्वामित्व की संपत्तियों पर प्रतिवादियों का करीब सात दशक से कब्जा चला आ रहा था. जिन्हें खाली कराने एवं मिन्स प्रोफिट के लिए वर्ष 2004 में प्रतिवादी मोहन सिंह सहित अन्य कब्जाधारियों के खिलाफ एसीएमएम अदालत में अलग-अलग वाद पत्र दायर किये गये. इस मामले में 9 सितंबर को प्रतिवादी मोहन सिंह को अदालत ने अवैध कब्जा खाली करने के आदेश दिये थे.

पढ़ें: कोर्ट ने दिए पूर्व राजपरिवार की संपत्ति खाली करने के आदेश, ये है पूरा मामला

इसी तरह कब्जेदारी संपत सिंह, महावीर सिंह एवं हनुमान सिंह के कब्जों को लेकर भी अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी थी एवं प्रकरण निर्णय के लिए तय था. जिस पर चारों कब्जाधारियों ने अदालत में हाजिर होकर वादी के अधिकृत प्रतिनिधि को संपत्ति की चाबियां सौंप दीं. इसी बीच वादी कॉर्पोरेशन एवं प्रतिवादी मोहन सिंह, संपत सिंह, महावीर सिंह एवं हनुमान सिंह की ओर से अदालत में राजीनामा पेश किया गया. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने प्रकरणों का निस्तारण कर दिया.

जयपुर. शहर के पूर्व राजपरिवार को रामबाग स्टाफ क्वार्टस पर सालों से हुए कब्जे के मामले में राहत मिल गई है. अवैध कब्जा खाली कराने के मामले में करीब दो दशक पहले दायर मुकदमों में कब्जेधारियों ने संपत्तियों की चाबियां वादी एसएमएस इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और राजमहल पैलेस को सौंप (Illegal Occupants handed over keys of property) दी.

अधिवक्ता रामजी लाल गुप्ता ने बताया कि वादी एसएमएस इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्वामित्व की संपत्तियों पर प्रतिवादियों का करीब सात दशक से कब्जा चला आ रहा था. जिन्हें खाली कराने एवं मिन्स प्रोफिट के लिए वर्ष 2004 में प्रतिवादी मोहन सिंह सहित अन्य कब्जाधारियों के खिलाफ एसीएमएम अदालत में अलग-अलग वाद पत्र दायर किये गये. इस मामले में 9 सितंबर को प्रतिवादी मोहन सिंह को अदालत ने अवैध कब्जा खाली करने के आदेश दिये थे.

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इसी तरह कब्जेदारी संपत सिंह, महावीर सिंह एवं हनुमान सिंह के कब्जों को लेकर भी अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी थी एवं प्रकरण निर्णय के लिए तय था. जिस पर चारों कब्जाधारियों ने अदालत में हाजिर होकर वादी के अधिकृत प्रतिनिधि को संपत्ति की चाबियां सौंप दीं. इसी बीच वादी कॉर्पोरेशन एवं प्रतिवादी मोहन सिंह, संपत सिंह, महावीर सिंह एवं हनुमान सिंह की ओर से अदालत में राजीनामा पेश किया गया. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने प्रकरणों का निस्तारण कर दिया.

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