जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को बजट पेश करने जा रहे हैं. इस बजट से जहां आम और खास, सभी वर्ग उम्मीद लगाए बैठा है, वहीं प्रदेश के कर्मचारी भी सरकार के इस आखिरी बजट से खासा आशान्वित हैं. खास करके मंत्रलायिक कर्मचारी, जो लंबे समय से समान काम, समान वेतन की मांग कर रहे हैं. अपनी इसी मांग को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार को जयपुर के शहीद स्मारक से मुख्यमंत्री निवास सिविल लाइंस फाटक तक ध्यानाकर्षण रैली निकाल सरकार का अपनी मांगों की ओर ध्यान खींचा.
राजधानी में दिखाई ताकत : सचिवालय कर्मचारियों के समान वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शुक्रवार को राजधानी जयपुर में सरकार के सामने अपनी ताकत दिखाई. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से बड़ी संख्या में मंत्रालयिक कर्मचारी शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए. इस रैली के जरिए कर्मचारियों ने सरकार को न केवल अपनी ताकत दिखाई, बल्कि यह भी संदेश दे दिया कि अगर इस बजट में सरकार ने बाबूओं की ओर ध्यान नहीं दिया तो फिर 8 महीने बाद होने वाले चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा. मंत्रलायिक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता और चयन प्रक्रिया समान है तो फिर सचिवालय कर्मचारियों से कम वेतन और सुविधा अन्य मंत्रालयिक कर्मचारी को क्यों मिल रही है.
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ये हैं प्रमुख मांगें :
- स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 3600 रुपये किया जाना.
- सचिवालय कर्मचारियों के समान वेतन भत्ता दिया जाए.
- वर्ष 2013 में किए गए प्रारंभिक वेतन 9840/- को पुनर्स्थापित कर सातवें वेतन आयोग में तदनुसार वेतन निर्धारण संबंधी आदेश जारी कराए जाएं.
- कनिष्ठ सहायक की शैक्षणिक योग्यता स्नातक निर्धारित की जाए.
- राजस्थान के समस्त संवर्गों की तरह मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए भी निदेशालय का गठन प्रशासनिक सुधार विभाग स्तर पर किया जाना.
- पदोन्नति के नियमों में संशोधन संबंधी कार्यवाही की जाए.