जयपुर. पेपर लीक के आरोपों में घिरी गहलोत सरकार की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को आईटी डिपार्टमेंट में 5000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दर्ज कराई है. किरोड़ी लाल मीणा की शिकायत पर अब जल्द ही ईडी कार्रवाई शुरू कर सकती है. मीणा का आरोप है कि घोटाले में आईटी विभाग के अधिकारी शामिल हैं. जांच में घोटालों के तार सीएम हाउस तक जाएंगे.
5000 करोड़ का घोटाला : सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया कि ये कोई आरोप नहीं है. आईटी डिपार्टमेंट में करोड़ों के अलग-अलग घोटालों के तथ्य हैं. इन सब सबूतों को ईडी के अधिकारियों को दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि आईटी विभाग में नियम विरुद्ध कई काले काम हुए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तेदार भी शामिल हैं. मीणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आईटी विभाग में डॉट स्क्वायर कंपनी के जरिए फर्जी भुगतान उठाया है. इसके अलावा वाईफाई घोटाले में 5470 वाईफाई डिवाइस लगाने की एवज में 72 करोड़ के स्थान पर 156 करोड़ भुगतान किया गया.
एसओजी के जांच अधिकारी भी लिप्त : उन्होंने दावा किया कि पोस मशीन चाइना से खरीदी गई, जो कि नियम विरुद्ध है. आरोप है कि पोस मशीनों की खरीद के नाम पर 135 करोड़ रुपए का बिल पास किया गया, जबकि वास्तविकता में मशीन 34 करोड़ से भी कम की खरीदी गई थी. इसके अलावा मैनपावर घोटाले में प्रति व्यक्ति 4 लाख रुपए का भुगतान करने का आरोप भी मीणा ने लगाया है. उन्होंने कहा कि आईटी विभाग के कई अधिकारी इन घोटालों में शामिल हैं. उप निदेशक स्तर के 4 से 5 अधिकारी भी लिप्त हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया कि आईटी डिपार्टमेंट में अलग-अलग मामलों में करीब 5000 करोड़ का घोटाला हुआ है. पूरा मामला 2019 से चला आ रहा है, जिसमें एसओजी के जांच अधिकारी भी लिप्त पाए जाएंगे.
घोटालों के तार सीएमओं से जुड़े : मीणा ने कहा कि राज्य में आईटी विभाग में करोड़ों के घोटाले के मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने लाया गया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मामले से संबंधित लोगों के खिलाफ शिकायत दी गई है. मीणा ने आरोप लगाया कि दो फाइलों की जांच के लिए एसीबी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने अनुमति नहीं दी. इसके दस्तावेज भी आज ईडी को उपलब्ध कराए गए हैं.
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राजकॉम के मैनेजर पर घोटाले का आरोप : मीणा ने कहा कि कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि चुनावी साल में घोटालों के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन ये आरोप कोई राजनीतिक द्वेष से नहीं है. उन्होंने दावा किया कि इन सबके सबूत हैं. आईटी विभाग और गृह विभाग का भी जिम्मा मुख्यमंत्री के पास है, ऐसे में जांच निष्पक्ष होना तो दूर जांच की अनुमति तक नहीं दी गई. मीणा का आरोप है कि सीएमओ और सीएमआर में आईटी का काम संभाल रहे राजकॉम के मैनेजर राजेश सैनी ने करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान उठाया है. ईडी की जांच में कोई अड़चन नहीं आई तो सीएमओं में बैठे कई अधिकारी और नेता जांच के दायरे में आएंगे.
जेल जाने से डर नहीं लगता : सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं जनहित के मुद्दों को उठाता हूं. अगर मेरे इन मुद्दों को उठाने से कांग्रेस को मैं अपराधी दिखता हूं तो बेशक मैं अपराधी बनने को तैयार हूं. अगर मुझे कांग्रेस सरकार आम जनता के जुड़े मुद्दों को लेकर जेल में डालना चाहे तो मैं जेल में जाने को भी तैयार हूं. मीणा ने कहा कि मैं मुझे किसी बात का डर नहीं है. सरकार जो करना चाहें, कर लें.