जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को वित्त एवं विनियोग विधेयक 2023 पर चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नहीं होने की स्थिति में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधेयक पर चर्चा करते हुए गहलोत सरकार को जमकर घेरा. राठौड़ ने कहा कि जो प्रावधान बजट में किए गए हैं, उसमें 156868 करोड़ रुपए का बैलेंस कम है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि यह कहां से आएंगे. राठौड़ ने अलग-अलग बिंदुओं पर कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था बीमार होकर अब आईसीयू की ओर जा रही है. राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सदन में सबसे कम उपस्थिति का मुद्दा भी उठाया.
आईसीयू की ओर जा रही राज्य की अर्थव्यवस्था: राठौड़ ने कहा कि यह बजट काल्पनिक, आभासी और कपोल-कल्पित है. इस बजट के जरिये सरकार ने जनता को भ्रमित करने करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि वित्त विनियोग विधेयक के माध्यम से सरकार इस बजट को पास कराएगी, लेकिन 390856 करोड़ के इस बजट में सरकार के अनुमान के अनुसार 233988 करोड़ की आर्थिक व्यवस्था है. 156868 करोड़ का जो अंतर है वो कहां से आएंगे.
राठौड़ ने कहा कि स्थिति आ गई है कि आरबीआई के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. जितनी राशि की सरकार अनुमति ले रही है, वह पैसा आखिर आएगा कहां से? सरकार के लोग केंद्र को पानी पी-पीकर आरोप लगाते हैं, लेकिन उन्हें सोचना चाहिए कि खर्चे का ज्यादातर पैसा केंद्र से ही मिल रहा है. राठौड़ ने कहा कि मैंने पहली बार वसूली की नई एंट्री देखी है. यह एंट्री 12900 करोड़ रुपए की है, लेकिन वसूली होती नहीं है. बजट की साइज को बढ़ाना है, इसलिए यह नई एंट्री की गई. सीएजी की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा है कि सरकार की अर्थव्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. राठौड़ ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था बीमार होकर अब आईसीयू की ओर जा रही है. अब इसे बचाना भी असंभव है.
सीएम गहलोत की सबसे कम उपस्थिति: राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि 15वीं विधानसभा का यह सत्र राजस्थान के इतिहास में याद किया जाएगा. इस विधानसभा में सीएम गहलोत ने एक ओर भी रिकॉर्ड बनाया है. वो सबसे कम विधानसभा में उपस्थिति वाले सीएम के तौर पर इतिहास में याद किये जायेंगे. राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर रिप्लाई, बजट पढ़ने और आज बजट पर रिप्लाई करना मुख्यमंत्री की मजबूरी है, इसलिए ये सिर्फ इन्ही दिनों में सदन में उपस्थित रहे.
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सत्ता पक्ष के ढाई दर्जन विधायक खिलाफ बोले: राठौड़ ने कहा कि सत्तापक्ष के सदस्य आज किन जिलों के साबुन का गुणगान कर रहे हैं, लेकिन इसी सदन में ढाई दर्जन से ज्यादा विधायक जिन्होंने सरकार के खिलाफ बोला है. राठौड़ ने कहा कि इसी साल चुनाव होने हैं, आदर्श आचार संहिता लगने में 8 महीने से भी कम का वक्त बचा है. जो बजट घोषणा की हैं, वे वादे पूरे नहीं किए हैं, ज्यादा वक्त नहीं बचा है. श्वेत पत्र जारी होगा सरकार की बजट घोषणाओं को लेकर. राठौड़ ने चेताया कि जब आप चुनाव में जनता के बीच जाएंगे, तो आप को काले झंडे दिखाए जाएंगे. क्योंकि आपने जो जनता से वादे किये थे, उन वादों को पूरा नहीं कर पाए हैं. राठौड़ ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कहा कि मैं ओपीएस का विरोधी नहीं, लेकिन सरकार पेंशन देने के लिए पैसा कहां से लाएगी.
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इन मुद्दों पर भी घेरा: राठौड़ ने ERCP परियोजना को लेकर सदन में सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों जो घोषणा की, उसके अनुसार कार्य करने में क्या हर्ज है. लेकिन आप इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं. इसीलिए आपने कहा कि आर्थिक परियोजना 2051 में पूरी होगी. इन्होंने योजना पर 13 हजार करोड़ के व्यय की घोषणा की थी, मगर पिछले वर्ष जितना पैसा इस योजना के मद में रखा गया, उसके मुकाबले केवल 1284 करोड़ रुपए खर्च किया गया.
राठौड़ ने कहा कि संविदाकर्मियों को नियमित करने की घोषणा बजट में की थी, उसमें रूल बनाकर संविदा कर्मचारियों के साथ धोखा किया है. राठौड़ ने जवाबदेही कानून पर सरकार को घेरते हुए कहा कि चार साल बीत गए, अंतिम बजट आ गया. लेकिन सरकार के जवाबदेही कानून क्या हुआ. राठौड़ ने यहां तक कह दिया कि सिर्फ एक अफसर के कहने पर ये कानून नहीं लाया जा रहा. राठौड़ ने महात्मा गांधी स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन नीति, स्कूली बच्चों की ड्रेस, किसान कर्ज माफी, स्टाम्प ड्यूटी सहित कई मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया.