जयपुर. श्रीकरणपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल टीटी को भजनलाल सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए निर्वाचन आयोग में इसकी शिकायत दी. कांग्रेस के आरोपों पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता जो बयान दे रहे हैं या आरोप लगा रहे हैं, वो गलत है. उन्हें संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है, इसलिए वह इस तरह की बात कर रहे हैं. सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री बनाने को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट से जोड़कर देखना गलत है.
संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं: पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं. संविधान के आर्टिकल 164 (4) के प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना निर्वाचित हुए 6 माह तक मंत्री पद धारण करने का अधिकार है. इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल की और से भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. उसके बाद 6 महीने के अंदर उसे विधानमंडल का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है.
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राठौड़ ने कहा कि संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार ली गई शपथ किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री पद पर रहते हुए दर्जनों मंत्रियों ने चुनाव लड़ा है. इसलिए सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही है. कांग्रेस इसे जबरन मॉडल कोड ऑफ कंडकट से जोड़ रही है, जो गलत है.
कांग्रेस जताई आपत्ति: बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. उसमें 22 मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिसमें राज्य मंत्री के रूप में सुरेंद्र पाल टीटी का नाम भी शामिल था. सुरेंद्र पाल टीटी करणपुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी हैं. मतदान से पहले भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए निर्वाचन आयोग में भी शिकायत दी है.