जयपुर. राजधानी जयपुर में मंगलवार को एक और भाजपा महिला व दलित अत्याचार और बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी को भ्रष्टाचार का आधार बनाकर ’नहीं सहेगा राजस्थान’ का समापन कर रहा है. वहीं दूसरी ओर जयपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर एक यात्रा और निकल रही है. जिस पर सवार होकर गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपनी विधानसभा उदयपुर वाटी के गांव-गांव में घूम रहे हैं. गुढ़ा ने यहां कहा कि सीएम गहलोत उन्हें जेल भेजना चाहते हैं, अगर ऐसा हुआ तो उनका वही हाल होगा, जो राजे का हुआ था.
’वसुंधरा की तरह गहलोत के होंगे समाचार समाप्त’: 24 जुलाई को लाल डायरी विधानसभा में लहराने के चलते बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा से भी निष्कासित कर दिए गए, लेकिन गुढ़ा आज 1 सप्ताह बाद 1 अगस्त को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बरस रहे हैं. गुढ़ा ने अपनी विधानसभा में कहा कि अशोक गहलोत को पहचानने में उनसे भूल हुई है. जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक रोड रोकने के मामले में मुझे जेल भिजवाया, उसी तरह अब अशोक गहलोत भी मुझे मुकदमों में फंसा कर जेल भेजना चाहते हैं. गुढ़ा ने कहा कि मैं तो जेल जाकर पहले भी खड़ा हो गया और इस बार फिर खड़ा हो जाऊंगा, लेकिन जिस तरह से वसुंधरा राजे के ’समाचार समाप्त’ हुए, उसी तरह से अशोक गहलोत के भी ’समाचार समाप्त’ हो जाएंगे.
गहलोत की एक जेब में डोटासरा, दूसरी में रंधावाः बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी विधानसभा में जनता के बीच यह भी कहा कि गृह मंत्री राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. वे पूरा टाइम तो कुर्सी बचाने में लगा देते हैं, महिलाओं के लिए उनके पास समय नहीं है. उन्होंने कहा कि गहलोत ही गृहमंत्री हैं, वही वित्तमंत्री हैं और वही मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को एक जेब में रखते हैं और रंधावा को दूसरी जेब में रखते हैं. ऐसे में सारे काम जब एक ही व्यक्ति करेगा तो काम कैसे होंगे.