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Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान की ये 15 हॉट सीट रही चर्चा में, यहां जानिए किसे कहां से मिली जीत - BJP returns in Rajasthan

Rajasthan vidhan sabha chunav assembly election Result 2023 राजस्थान विधानसभा के हालिया चुनाव परिणाम जितने दिलचस्प रहे, उतना ही दिलचस्प हॉट सीट्स के परिणाम रहे. प्रदेश भर की इन 15 विधानसभा सीटें शुरुआत से चर्चा में रही हैं. आइये जानते हैं कि किस सीट पर कौन जीता है.

Rajasthan Assembly Election Result 2023
राजस्थान में बीजेपी की बंपर जीत
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 3, 2023, 9:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र रही 15 हॉट सीट पर परिणाम सामने आ चुके हैं. इन विधानसभा सीटों में नेताओं के साथ-साथ पार्टियों की किस्मत तय हो गई है. इस बार के परिणाम में राजस्थान को राजनीति के लिहाज से नए चेहरे भी दिए हैं, तो पुराने चेहरों की मजबूती को कायम रखा है. आइये जानते हैं कि राजस्थान की 15 हॉट सीट पर क्या रहा है परिणाम.

सरदारपुरा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह सीट 1998 से प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री दे चुकी है. इस सीट पर सीएम गहलोत कांग्रेस की उम्मीद को कायम रखने और रिवाज तोड़ने के दावे को सही साबित करने में नाकामयाब रहे हैं. उनके सामने भाजपा से महेंद्र सिंह राठौड़ ने इस बार गहलोत की जीत के अंतर को करीब बीस हजार वोटों तक कम किया है.

पढ़ें:Rajasthan Assembly Election Result 2023 : गहलोत सरकार के हार गए 17 मंत्री, जानें कहां से किसे मिली शिकस्त

झालरापाटन: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से साल 2003 से लगातार विधायक रहीं हैं. उनके सामने कांग्रेस के रामलाल चौहान को शिकस्त मिली है. राजे एक बार फिर हाड़ौती अंचल की इस सीट से एकतरफा जीतने में कामयाब रही हैं.

टोंक: पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यहां से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी लगातार दूसरी जीत हासिल की है, हालांकि इस बार उनके सामने बीजेपी से पूर्व विधायक अजीत मेहता थे , जिन्होंने बीते चुनाव की तरह इस बार उनकी राह को आसान नहीं रखा. करीब तीस हजार वोट से यहां पायलट जीतने में कामयाब रहे.

कोटा उत्तर: काफी विवादों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी और मंत्री रहे शांति धारीवाल को यहां से टिकट मिला था. धारीवाल बेहद नजदीकी मुकाबले में बीजेपी के प्रहलाद गुंजल से जीत हासिल कर सके. पीएम मोदी ने लगातार धारीवाल को अपने भाषणों में निशाने पर रखा था.

नागौर: इस सीट पर कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा जीतने में कामयाब रहे हैं, उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा से था. मुकाबले को निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान ने त्रिकोणीय बना दिया था पर हरेन्द्र पर इसका असर नजर नहीं आया.

पढ़ें:Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान में कायम रहेगा रिवाज, BJP को मिला बहुमत,गहलोत ने स्वीकारी हार

शिव: इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला था, जहां युवा चेहरे और बीजेपी में शामिल होने के चंद दिनों बाद बागी हुए रविन्द्र सिंह भाटी ने जीत हासिल की. भाटी के सामने दिग्गज मुस्लिम चेहरे अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा थे.

धौलपुर: यहां से रिश्ते में जीजा-साली के बीच मुकाबला था, जहां साली ने जीत हासिल की है. भाजपा की ओर से शिवचरण कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से शोभारानी कुशवाह चुनाव मैदान में थे. खास बात है कि दोनों प्रत्याशी 2018 के चुनाव वाले अपने दलों को बदलकर कर लड़ रहे थे.

लक्ष्मणगढ़: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का मुकाबला पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा में आ गए सुभाष महरिया से था. रोचक लड़ाई में मतगणना के आखिरी दौर में डोटासरा ने जीत हासिल की और लक्ष्मणगढ़ से लगातार चौथी जीत हासिल करने वाले विधायत बने.

विद्याधर नगर: इस सीट से भाजपा सांसद दिया कुमारी ने राजस्थान की सबसे बड़ी जीत हासिल की. उनका मुकाबला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल से था, जो एक तरफा चुनाव हार गए.

पढ़ें:Rajasthan Assembly Election Result 2023 : 'महारानी' के गढ़ में कांग्रेस ने लगाई सेंध, सुरेश गुर्जर ने 20 साल का सूखा किया समाप्त

तारानगर: नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ चूरू से सीट बदल कर तारानगर आए थे. पूरे प्रदेश की नजरें इस सीट पर थी , जहां राठौड़ ने मौजूदा विधायक नरेन्द्र बुड़ानिया से शिकस्त का सामना किया.

खींवसर: इस सीट पर राजस्थान में तीसरी ताकत का दावा करने वाले आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल की चर्चा रही. आखिरी दौर में एक हजार वोटों से पिछड़ने के बाद बेनीवाल ने बेहद नजदीकी मुकाबले में भाजपा के रेवंतराम डागा से जीत हासिल की.

तिजारा: मेवात की इस सीट पर भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ जीते हैं, यहां उनका मुकाबला बसपा की टिकट छोड़कर कांग्रेस में आए इमरान खान से था. इस सीट को राजस्थान में हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी सीट माना जा रहा था.

सवाई माधोपुर: भाजपा के चर्चित आदिवासी चेहरे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा यहां से जीत गए हैं. त्रिकोणीय समझी जा रही इस सीट पर भाजपा की बागी आशा मीणा किरोड़ी की राह में मुश्किलें पैदा कर रही थी पर अंत में डॉक्टर मीणा जीतने में कामयाब रहे.

पढ़ें:JAIPUR, Rajasthan Assembly Election Result 2023 सियासत के मैदान में 50 फीसदी डॉक्टर फेल,यहां जाने कौन हुआ पास

झोटवाड़ा: राजधानी की शहरी और ग्रामीण आबादी वाली इस सीट पर त्रिकोणिय और रोचक मुकाबला था, जहां भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी के बागी आशु सिंह इस सीट पर उनके लिए मुश्किले पैदा कर रहे थे ,पर राठौड़ में आखिर में करीब 50 हजार वोट से जीतने में कामयाब रहे.

उदयपुरवाटी: उदयपुरवाटी से 'लाल डायरी' का खुलासा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनावी समर में हार चुके हैं. इस सीट पर जातीय कार्ड के दम पर करीबी त्रिकोणीय मुकाबला था, जिसमें कांग्रेस के भगवानाराम सैनी जीतने में कामयाब रहे.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र रही 15 हॉट सीट पर परिणाम सामने आ चुके हैं. इन विधानसभा सीटों में नेताओं के साथ-साथ पार्टियों की किस्मत तय हो गई है. इस बार के परिणाम में राजस्थान को राजनीति के लिहाज से नए चेहरे भी दिए हैं, तो पुराने चेहरों की मजबूती को कायम रखा है. आइये जानते हैं कि राजस्थान की 15 हॉट सीट पर क्या रहा है परिणाम.

सरदारपुरा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह सीट 1998 से प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री दे चुकी है. इस सीट पर सीएम गहलोत कांग्रेस की उम्मीद को कायम रखने और रिवाज तोड़ने के दावे को सही साबित करने में नाकामयाब रहे हैं. उनके सामने भाजपा से महेंद्र सिंह राठौड़ ने इस बार गहलोत की जीत के अंतर को करीब बीस हजार वोटों तक कम किया है.

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झालरापाटन: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से साल 2003 से लगातार विधायक रहीं हैं. उनके सामने कांग्रेस के रामलाल चौहान को शिकस्त मिली है. राजे एक बार फिर हाड़ौती अंचल की इस सीट से एकतरफा जीतने में कामयाब रही हैं.

टोंक: पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यहां से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी लगातार दूसरी जीत हासिल की है, हालांकि इस बार उनके सामने बीजेपी से पूर्व विधायक अजीत मेहता थे , जिन्होंने बीते चुनाव की तरह इस बार उनकी राह को आसान नहीं रखा. करीब तीस हजार वोट से यहां पायलट जीतने में कामयाब रहे.

कोटा उत्तर: काफी विवादों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी और मंत्री रहे शांति धारीवाल को यहां से टिकट मिला था. धारीवाल बेहद नजदीकी मुकाबले में बीजेपी के प्रहलाद गुंजल से जीत हासिल कर सके. पीएम मोदी ने लगातार धारीवाल को अपने भाषणों में निशाने पर रखा था.

नागौर: इस सीट पर कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा जीतने में कामयाब रहे हैं, उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा से था. मुकाबले को निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान ने त्रिकोणीय बना दिया था पर हरेन्द्र पर इसका असर नजर नहीं आया.

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शिव: इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला था, जहां युवा चेहरे और बीजेपी में शामिल होने के चंद दिनों बाद बागी हुए रविन्द्र सिंह भाटी ने जीत हासिल की. भाटी के सामने दिग्गज मुस्लिम चेहरे अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा थे.

धौलपुर: यहां से रिश्ते में जीजा-साली के बीच मुकाबला था, जहां साली ने जीत हासिल की है. भाजपा की ओर से शिवचरण कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से शोभारानी कुशवाह चुनाव मैदान में थे. खास बात है कि दोनों प्रत्याशी 2018 के चुनाव वाले अपने दलों को बदलकर कर लड़ रहे थे.

लक्ष्मणगढ़: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का मुकाबला पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा में आ गए सुभाष महरिया से था. रोचक लड़ाई में मतगणना के आखिरी दौर में डोटासरा ने जीत हासिल की और लक्ष्मणगढ़ से लगातार चौथी जीत हासिल करने वाले विधायत बने.

विद्याधर नगर: इस सीट से भाजपा सांसद दिया कुमारी ने राजस्थान की सबसे बड़ी जीत हासिल की. उनका मुकाबला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल से था, जो एक तरफा चुनाव हार गए.

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तारानगर: नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ चूरू से सीट बदल कर तारानगर आए थे. पूरे प्रदेश की नजरें इस सीट पर थी , जहां राठौड़ ने मौजूदा विधायक नरेन्द्र बुड़ानिया से शिकस्त का सामना किया.

खींवसर: इस सीट पर राजस्थान में तीसरी ताकत का दावा करने वाले आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल की चर्चा रही. आखिरी दौर में एक हजार वोटों से पिछड़ने के बाद बेनीवाल ने बेहद नजदीकी मुकाबले में भाजपा के रेवंतराम डागा से जीत हासिल की.

तिजारा: मेवात की इस सीट पर भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ जीते हैं, यहां उनका मुकाबला बसपा की टिकट छोड़कर कांग्रेस में आए इमरान खान से था. इस सीट को राजस्थान में हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी सीट माना जा रहा था.

सवाई माधोपुर: भाजपा के चर्चित आदिवासी चेहरे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा यहां से जीत गए हैं. त्रिकोणीय समझी जा रही इस सीट पर भाजपा की बागी आशा मीणा किरोड़ी की राह में मुश्किलें पैदा कर रही थी पर अंत में डॉक्टर मीणा जीतने में कामयाब रहे.

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झोटवाड़ा: राजधानी की शहरी और ग्रामीण आबादी वाली इस सीट पर त्रिकोणिय और रोचक मुकाबला था, जहां भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी के बागी आशु सिंह इस सीट पर उनके लिए मुश्किले पैदा कर रहे थे ,पर राठौड़ में आखिर में करीब 50 हजार वोट से जीतने में कामयाब रहे.

उदयपुरवाटी: उदयपुरवाटी से 'लाल डायरी' का खुलासा करने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनावी समर में हार चुके हैं. इस सीट पर जातीय कार्ड के दम पर करीबी त्रिकोणीय मुकाबला था, जिसमें कांग्रेस के भगवानाराम सैनी जीतने में कामयाब रहे.

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