जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने शुक्रवार को कुलपति के आवास पर पहुंचकर सिंडिकेट सदस्यों के खिलाफ विरोध जताया. उन्होंने सिंडिकेट सदस्य विधायक अमीन कागजी और गोपाल मीणा पर शिक्षकों के पदोन्नति और नई भर्ती पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है. साथ ही कुलाधिपति के बिना संज्ञान में लाए, कुलपति पर दबाव बनाकर विश्वविद्यालय के एक्ट में परिवर्तन करने का आरोप लगाया. इस दौरान कुलपति आवास में दाखिल होने जा रहे शिक्षकों को पुलिस प्रशासन की ओर से रोका गया, जिस पर पुलिसकर्मियों और शिक्षकों के बीच कहासुनी भी हुई.
आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राजीव जैन का महज 20 दिन का ही कार्यकाल बचा है. कार्यकाल के आखिरी दिनों में कुलपति पर सिंडिकेट सदस्य भी दबाव बनाते हुए मनमानी कर रहे हैं. दरअसल, एक दिन पहले ही शिक्षकों ने कुलपति सचिवालय पहुंच यूजीसी के 2018 रेगुलेशन को ज्यों का त्यों लागू करने का विरोध किया था. इसके बाद कुलपति ने पूरे मामला नोटशीट पर लेते हुए एकेडमिक काउंसिल ने जिन संशोधनों के साथ 2018 रेगुलेशन को पास किया था. इसी अनुसार आगामी सिंडिकेट में इस प्रस्ताव को पास करने का फैसला लिया था, जिस पर सिंडिकेट के 11 में से 6 सदस्यों ने सहमति भी दी थी.
रेगुलेशन ज्यों का त्यों ही लागू करवाया : वहीं, अब शुक्रवार को सिंडिकेट सदस्य विधायक अमीन कागजी और गोपाल मीणा कुलपति आवास पर पहुंचे. दोनों विधायकों ने एक दिन पहले लिए गए फैसले का विरोध किया और 2018 रेगुलेशन को ज्यों का त्यों ही लागू करवा दिया. जब इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के शिक्षकों को मिली तो वो भी कुलपति आवास के बाहर एकत्रित हो गए और उन्होंने पूरे मामले को लेकर विरोध जताया.
संविधान में बदलाव का अधिकार सिर्फ विधानसभा को : रूटा अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने कहा कि सिंडिकेट के दोनों विधायक सदस्य लोकतांत्रित प्रक्रिया की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इस फैसले से 400 शिक्षकों को नुकसान होगा. विश्वविद्यालय के संविधान में बदलाव का अधिकार सिर्फ विधानसभा को ही है. इस पूरे मामले को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा है, ताकि राज्यपाल के संज्ञान में पूरा मामला आ सके. सिंडिकेट सदस्य विधायक अमीन कागजी ने ये कह कर बात टाल दी कि जब वो पहुंचे थे, तब तक मीटिंग खत्म हो गई थी.