ETV Bharat / state

Rajasthan RTH Bill:अनशन पर बैठी डॉ नीलम की तबीयत बिगड़ी, रविवार को बच्चे भी उतरेंगे सड़क पर

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल पर गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. डॉक्टर और सरकार दोनों अड़े हुए हैं. वहीं राजधानी जयपुर में 4 दिन से आमरण अनशन बैठी महिला डॉक्टर नीलम खंडेलवाल की हालत बिगड़ती जा रही है.

rajasthan right to health bill
अनशन पर बैठी डॉ नीलम की तबीयत बिगड़ी
author img

By

Published : Apr 1, 2023, 4:47 PM IST

अनशन पर बैठी डॉ नीलम की तबीयत बिगड़ी

जयपुर. राजस्थान में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल के विरोध में उतरे प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के आंदोलन को शनिवार को 14 दिन हो गए. इस आंदोलन के समर्थन में पांच डॉक्टर्स क्रमिक तो एक डॉक्टर आमरण अनशन पर बैठी हैं. 4 दिन से अनशन कर रही कोटा की डॉ. नीलम खंडेलवाल अब खुद पेशेंट बनती जा रही हैं. उनके शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ रही है. जबकि बीपी और वजन डाउन होता जा रहा है. वहीं रविवार से दो अन्य डॉक्टर्स भी आमरण अनशन पर बैठने जा रहे है. RTH बिल के विरोध में रविवार को प्राइवेट डॉक्टर अपने बच्चों को भी विरोध में शामिल करेंगे. हाथों में तख्तियां लेकर डॉक्टर्स के बच्चे अपने माता-पिता के साथ सड़कों पर उतरेंगे. ये पैदल मार्च जेएमए से सुबह 11 बजे शुरू होगा.

Also Read: Right to health Bill : बिल के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता, लोगों ने लिखे पोस्टकार्ड

गंभीर होती जा रही है स्थितिः राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राज्य सरकार और डॉक्टर के बीच सुलह होती नजर नहीं आ रही. डॉक्टर्स अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के डॉ. विजय कपूर ने कहा कि स्थिति अब गंभीर और उग्र होती जा रही है. ये सरकार को सोचना है कि इसका समाधान कब, कैसे और कितनी जल्दी होगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को खुद इस राइट टू हेल्थ बिल की जानकारी नहीं है. ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया कि किस आधार पर बिल असेंबली में पारित कराया गया. प्रदेश में ये क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, सरकार क्या करना चाहती है और जो हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कड़े शब्दों में आरटीएच बिल की निंदा करते हुए कहा कि ये बिल पूरी तरह खारिज होना चाहिए इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं.

Also Read: Protest against Right to Health Bill: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर्स का विरोध जारी, कहा- बिल नहीं ये है काला कानून

बिल में संशोधन की कोई गुंजाइश नहींः आमरण अनशन पर बैठी डॉ. नीलम खंडेलवाल ने कहा कि उन्होंने पहले आरटीएच बिल के विरोध में कोटा में 4 दिन आमरण अनशन किया था, लेकिन तब जबरन उन्हें घसीटते हुए ले जाया गया और ड्रिप चढ़ाकर अनशन तुड़वाया गया. यही वजह है कि अब जयपुर में आकर वो आमरण अनशन कर रही है. जिसे भी 4 दिन हो चुके हैं. उन्होंने आरटीएच बिल को पूरी तरह डॉक्टर्स विरोधी और जनविरोधी बताते हुए कहा कि उसमें कोई संशोधन की गुंजाइश नहीं है. ये बिल पूरी तरह खत्म होना चाहिए. डॉक्टर्स ने उस बिल को पढ़ा-समझा है, लेकिन प्रदेश की जनता भोली है. जिसे बिल समझ नहीं आ रहा. खुद सरकार के मंत्रियों को बिल समझ नहीं आ रहा. फिर भी इस बिल को असेंबली में पास कर दिया गया. जनता कब समझेगी, जब चिड़िया चुग जाएगी खेत.

दो धड़ों में बंटे रेजिडेंट डॉक्टरः प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर्स 2 धड़ों में बंट गए हैं. जहां जार्ड ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है. वहीं जार्ड से टूट कर बनी जार्ड ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. जिसका असर प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिला. जहां मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए. वहीं आउटडोर सीनियर डॉक्टर्स के हवाले चलता दिखा. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्ठा ने विभागाध्यक्षों से अनुपस्थित चल रहे रेसिडेंट्स का रिकॉर्ड मांगा है, ताकि अनुपस्थित चल रहे रेजिडेंट्स पर सख्ती बरती जा सके.

अनशन पर बैठी डॉ नीलम की तबीयत बिगड़ी

जयपुर. राजस्थान में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल के विरोध में उतरे प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के आंदोलन को शनिवार को 14 दिन हो गए. इस आंदोलन के समर्थन में पांच डॉक्टर्स क्रमिक तो एक डॉक्टर आमरण अनशन पर बैठी हैं. 4 दिन से अनशन कर रही कोटा की डॉ. नीलम खंडेलवाल अब खुद पेशेंट बनती जा रही हैं. उनके शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ रही है. जबकि बीपी और वजन डाउन होता जा रहा है. वहीं रविवार से दो अन्य डॉक्टर्स भी आमरण अनशन पर बैठने जा रहे है. RTH बिल के विरोध में रविवार को प्राइवेट डॉक्टर अपने बच्चों को भी विरोध में शामिल करेंगे. हाथों में तख्तियां लेकर डॉक्टर्स के बच्चे अपने माता-पिता के साथ सड़कों पर उतरेंगे. ये पैदल मार्च जेएमए से सुबह 11 बजे शुरू होगा.

Also Read: Right to health Bill : बिल के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता, लोगों ने लिखे पोस्टकार्ड

गंभीर होती जा रही है स्थितिः राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राज्य सरकार और डॉक्टर के बीच सुलह होती नजर नहीं आ रही. डॉक्टर्स अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के डॉ. विजय कपूर ने कहा कि स्थिति अब गंभीर और उग्र होती जा रही है. ये सरकार को सोचना है कि इसका समाधान कब, कैसे और कितनी जल्दी होगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को खुद इस राइट टू हेल्थ बिल की जानकारी नहीं है. ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया कि किस आधार पर बिल असेंबली में पारित कराया गया. प्रदेश में ये क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, सरकार क्या करना चाहती है और जो हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कड़े शब्दों में आरटीएच बिल की निंदा करते हुए कहा कि ये बिल पूरी तरह खारिज होना चाहिए इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं.

Also Read: Protest against Right to Health Bill: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर्स का विरोध जारी, कहा- बिल नहीं ये है काला कानून

बिल में संशोधन की कोई गुंजाइश नहींः आमरण अनशन पर बैठी डॉ. नीलम खंडेलवाल ने कहा कि उन्होंने पहले आरटीएच बिल के विरोध में कोटा में 4 दिन आमरण अनशन किया था, लेकिन तब जबरन उन्हें घसीटते हुए ले जाया गया और ड्रिप चढ़ाकर अनशन तुड़वाया गया. यही वजह है कि अब जयपुर में आकर वो आमरण अनशन कर रही है. जिसे भी 4 दिन हो चुके हैं. उन्होंने आरटीएच बिल को पूरी तरह डॉक्टर्स विरोधी और जनविरोधी बताते हुए कहा कि उसमें कोई संशोधन की गुंजाइश नहीं है. ये बिल पूरी तरह खत्म होना चाहिए. डॉक्टर्स ने उस बिल को पढ़ा-समझा है, लेकिन प्रदेश की जनता भोली है. जिसे बिल समझ नहीं आ रहा. खुद सरकार के मंत्रियों को बिल समझ नहीं आ रहा. फिर भी इस बिल को असेंबली में पास कर दिया गया. जनता कब समझेगी, जब चिड़िया चुग जाएगी खेत.

दो धड़ों में बंटे रेजिडेंट डॉक्टरः प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर्स 2 धड़ों में बंट गए हैं. जहां जार्ड ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है. वहीं जार्ड से टूट कर बनी जार्ड ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. जिसका असर प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिला. जहां मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए. वहीं आउटडोर सीनियर डॉक्टर्स के हवाले चलता दिखा. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्ठा ने विभागाध्यक्षों से अनुपस्थित चल रहे रेसिडेंट्स का रिकॉर्ड मांगा है, ताकि अनुपस्थित चल रहे रेजिडेंट्स पर सख्ती बरती जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.