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हिंदुओं के पलायन का पोस्टर विवाद : भाजपा का गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप, कांग्रेस बोली बीजेपी की बौखलाहट - poster war in Rajasthan news

प्रदेश में हिंदुओं के पलायन के पोस्टर पर सियासी बवाल मच गया है. एक तरफ भाजपा कांग्रेस शासित गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है तो वहीं कांग्रेस इसे भाजपा की बौखलाहट करार दे रही है.

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Published : May 21, 2023, 9:55 AM IST

Updated : May 21, 2023, 1:07 PM IST

हिंदुओं के पलायन का पोस्टर विवाद

जयपुर. राजधानी के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में हिंदुओं के पलायन के पोस्टर चस्पा होने पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस मामले में जहां बीजेपी इसे गहलोत सरकार का तुष्टिकरण बता रही है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के बयानों को उनकी बौखलाहट बता रही है.

राजधानी के किशनपोल क्षेत्र के वार्ड 69 में रहने वाले ओमप्रकाश पारीक ने स्थानीय पार्षद फरीद कुरैशी के रिश्तेदार को अपना मकान बेच दिया. स्थानीय लोगों ने इसे पार्षद का दबाव बताते हुए वहां हिंदुओं का पलायन जारी के पोस्टर चस्पा कर दिए. जिसके बाद से पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. इस मामले में अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि किशनपोल ही नहीं राजस्थान के अनेक क्षेत्र में ऐसी परिस्थितियां हैं. बीते साढ़े 4 साल में अशोक गहलोत सरकार ने तुष्टिकरण किया. पूरे राज्य में जिस तरह से तुष्टिकरण हुआ है उसके अनेकों उदाहरण हैं.

उदयपुर में हुए कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड से पहले जिस तरह से राजस्थान में दंगे हुए, अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए एक मजहब विशेष के लोगों को खुश करने का प्रयास किया गया. अपने वोट बैंक को बनाने के लिए जिस तरह से मंदिरों को ढहाया गया. लगता है एक बार मुगलिया औरंगजेब के शासन का दोबारा स्मरण राजस्थान की जनता ने किया है. ये केवल किशनपोल ही नहीं इसके अलावा भी राजस्थान में कई जगह पर बहुसंख्यक समाज इन आतताइयों के डर और दबाव में है. ये दबाव वो वर्तमान सरकार के संरक्षण के चलते डाल पा रहे हैं. लोग पलायन को मजबूर हैं, लेकिन कितना भी दमन करने की कोशिश की जाए. आखिर में वो कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे.

पढ़ें बानसूर में अवैध खनन के खिलाफ पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा मुखर

बीजेपी नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरसी चौधरी ने कहा कि किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के अंदर हिंदुओं के पलायन के जो पोस्टर लगे हैं, इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से जो बयान दिए जा रहे हैं, ये उनकी बौखलाहट को दर्शा रहा है. बीजेपी जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती. वहां के विधायक की लोकप्रियता कोविड-19 के दौर के अंदर लोगों के सुख-दुख के सारथी बनकर रहे. बीजेपी और कोई मुद्दा नहीं ढूंढ पाई है. इसलिए पूरे प्रदेश में ध्रुवीकरण का कुत्सित प्रयास कर रही है.

इस तरह के पोस्टर लगाने वालों को जयपुर के सौहार्द, प्रेम, भाईचारे पर प्रहार करने वाले नफरती लोगों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. जिस भारतीय जनता पार्टी ने पेट्रोल, डीजल, गैस के माध्यम से प्रदेश की 8 करोड़ जनता की बचत पर प्रहार किया. बेरोजगारी 45 साल के चरम पर पहुंचा दी. आर्थिक असमानता की इतनी बड़ी खाई बांट दी. वहां राजस्थान की 8 करोड़ जनता महंगाई राहत कैंप के माध्यम से हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. और जन-जन के चेहरे पर मुस्कान आ रही है. जब सम्मान के साथ बढ़ता हुआ राजस्थान दिखता है. तब भारतीय जनता पार्टी का विचलित होना स्वाभाविक है.

हिंदुओं के पलायन का पोस्टर विवाद

जयपुर. राजधानी के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में हिंदुओं के पलायन के पोस्टर चस्पा होने पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस मामले में जहां बीजेपी इसे गहलोत सरकार का तुष्टिकरण बता रही है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के बयानों को उनकी बौखलाहट बता रही है.

राजधानी के किशनपोल क्षेत्र के वार्ड 69 में रहने वाले ओमप्रकाश पारीक ने स्थानीय पार्षद फरीद कुरैशी के रिश्तेदार को अपना मकान बेच दिया. स्थानीय लोगों ने इसे पार्षद का दबाव बताते हुए वहां हिंदुओं का पलायन जारी के पोस्टर चस्पा कर दिए. जिसके बाद से पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. इस मामले में अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि किशनपोल ही नहीं राजस्थान के अनेक क्षेत्र में ऐसी परिस्थितियां हैं. बीते साढ़े 4 साल में अशोक गहलोत सरकार ने तुष्टिकरण किया. पूरे राज्य में जिस तरह से तुष्टिकरण हुआ है उसके अनेकों उदाहरण हैं.

उदयपुर में हुए कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड से पहले जिस तरह से राजस्थान में दंगे हुए, अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए एक मजहब विशेष के लोगों को खुश करने का प्रयास किया गया. अपने वोट बैंक को बनाने के लिए जिस तरह से मंदिरों को ढहाया गया. लगता है एक बार मुगलिया औरंगजेब के शासन का दोबारा स्मरण राजस्थान की जनता ने किया है. ये केवल किशनपोल ही नहीं इसके अलावा भी राजस्थान में कई जगह पर बहुसंख्यक समाज इन आतताइयों के डर और दबाव में है. ये दबाव वो वर्तमान सरकार के संरक्षण के चलते डाल पा रहे हैं. लोग पलायन को मजबूर हैं, लेकिन कितना भी दमन करने की कोशिश की जाए. आखिर में वो कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे.

पढ़ें बानसूर में अवैध खनन के खिलाफ पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा मुखर

बीजेपी नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरसी चौधरी ने कहा कि किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के अंदर हिंदुओं के पलायन के जो पोस्टर लगे हैं, इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से जो बयान दिए जा रहे हैं, ये उनकी बौखलाहट को दर्शा रहा है. बीजेपी जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती. वहां के विधायक की लोकप्रियता कोविड-19 के दौर के अंदर लोगों के सुख-दुख के सारथी बनकर रहे. बीजेपी और कोई मुद्दा नहीं ढूंढ पाई है. इसलिए पूरे प्रदेश में ध्रुवीकरण का कुत्सित प्रयास कर रही है.

इस तरह के पोस्टर लगाने वालों को जयपुर के सौहार्द, प्रेम, भाईचारे पर प्रहार करने वाले नफरती लोगों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. जिस भारतीय जनता पार्टी ने पेट्रोल, डीजल, गैस के माध्यम से प्रदेश की 8 करोड़ जनता की बचत पर प्रहार किया. बेरोजगारी 45 साल के चरम पर पहुंचा दी. आर्थिक असमानता की इतनी बड़ी खाई बांट दी. वहां राजस्थान की 8 करोड़ जनता महंगाई राहत कैंप के माध्यम से हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. और जन-जन के चेहरे पर मुस्कान आ रही है. जब सम्मान के साथ बढ़ता हुआ राजस्थान दिखता है. तब भारतीय जनता पार्टी का विचलित होना स्वाभाविक है.

Last Updated : May 21, 2023, 1:07 PM IST
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