जयपुर. राजस्थान में इतवार को अशोक गहलोत के समर्थन में पर्यवेक्षकों के सामने कांग्रेस विधायकों की लामबंदी (Congress legislature party meeting) के बाद आज इस्तीफे को लेकर राजनीति में नई दिशा नजर आने लगी है. अशोक गहलोत खेमे के नेता और मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के घर पर हुई लामबंदी में इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 76 के करीब बताई थी. जिसके बाद अगली सुबह पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा था कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है, फिलहाल इसे लेकर कोई साफ आंकड़ा नहीं है.
इस बीच अशोक गहलोत खेमे (Ashok Gehlot Camp) के गुर्जर नेता और मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार देर शाम अपना वक्तव्य जारी किया, जिसमें इस्तीफे की पॉलिटिक्स पर उन्होंने अपना मत (Gurjar MLA Jitendra Singh on resignation) रखा. जितेंद्र सिंह झुंझुनू के खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार में पिछले कार्यकाल के दौरान मंत्री भी रह चुके हैं. इस मर्तबा उनका गहलोत कैबिनेट में नंबर नहीं आया, परंतु तजुर्बे के आधार पर मुख्यमंत्री के छह सलाहकार विधायकों की फेहरिस्त में भी उन्हें शामिल कर लिया गया था. माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी वाले रुख के बीच ही मौजूदा सियासी घटनाक्रम को लेकर जितेंद्र सिंह ने बयान जारी किया है.
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मेरा नाम आलाकमान के खेमे में ही- अपने इस बयान को जारी करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि रविवार को हुए इस्तीफा घटनाक्रम में उनकी कोई भागीदारी (Gurjar MLA Jitendra Singh on resignation) नहीं है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे पार्टी के वफादार सिपाही हैं और जिस चेहरे पर आलाकमान की मुहर लगेगी, राजस्थान में उसी नेता की सरपरस्ती में काम करने के लिए तैयार हैं. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आलाकमान की तरफ से किए गए हर निर्णय के साथ हैं, परंतु मौजूदा दौर में की गई त्यागपत्र की पॉलिसी में उनकी दिलचस्पी नहीं है.
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दिव्या मदेरणा दिखा चुकी हैं तल्खी- ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने शुरुआत में बयान जारी करते हुए कहा था कि वह किसी गुट की नहीं है, बल्कि उनके परिवार की आस्था शुरुआत से कांग्रेस में रही है. इसलिए वह इस्तीफे की राजनीति से दूर हैं. दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए मुख्य सचेतक महेश जोशी के रुख पर भी सवाल (Divya maderna on Mahesh Joshi) खड़े किए थे और कहा था कि आगे से वह महेश जोशी की निर्देश की पालना नहीं करेंगी. गौरतलब है कि पार्टी के MLA को विधायक दल की बैठक (Congress legislature party meeting) से अलग बुलाए जाने पर राज्य प्रभारी अजय माकन ने इस कदम को पार्टी प्रोटोकॉल के मुताबिक अनुशासनहीनता से जोड़कर बताया था.
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ये कर चुकी हैं इस्तीफे से इनकार- सोमवार को जयपुर के बगरू से विधायक गंगा देवी और इंदिरा मीणा ने भी अपने वक्तव्य जारी किए थे. जिसमें गंगा देवी ने कहा था कि उन्हें इस्तीफे को लेकर कोई जानकारी नहीं है और न ही उनसे किसी कागज पर दस्तखत किए गए. वहीं, अपने एक बयान में इंदिरा मीणा ने कहा था कि उनसे किसी कागज पर साइन दिया गया, लेकिन वह त्यागपत्र था इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
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