जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मिशन 2030 को लेकर बीते दिनों सभी विभागों ने अपने कर्मचारियों, अधिकारियों और आमजन से सुझाव मांगे थे. पुलिस मुख्यालय को मिशन 2030 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए 1,24,250 सुझाव मिले हैं. इसके लिए प्रदेश भर के करीब 3,03,471 हितधारकों से 6,460 बैठकों में विजन डॉक्यूमेंट को लेकर चर्चा की गई है. पुलिस के कर्मचारियों, अधिकारियों और आमजन ने इसे लेकर कई रोचक सुझाव भी दिए हैं. इनमें सबसे खास है चाइल्ड केयर लीव की तर्ज पर पेरेंट्स केयर लीव का सुझाव है.
दरअसल, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने यह सुझाव दिया है कि जिस तरह छोटे बच्चों की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव की व्यवस्था है. उसी तर्ज पर पेरेंट्स केयर लीव की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि कार्मिक अपने बुजुर्ग माता-पिता की सेवा कर सके. इसके साथ ही हार्ड ड्यूटी अलाउंस देने, ट्रांसफर प्रक्रिया को पुलिसकर्मियों के लिए सरल बनाने संबंधी सुझाव भी पुलिस मुख्यालय को मिले हैं. साथ ही पुलिस पर राजनीतिक दखल खत्म करने को लेकर भी आमजन ने सुझाव दिया है. इन सुझावों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने मिशन 2030 के लिए राजस्थान पुलिस का विजन डॉक्यूमेंट बनाकर गृह विभाग को भेज दिया है.
डीजी (साइबर क्राइम व तकनीकी सेवाएं) रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पुलिस विभाग ने अलग-अलग स्तर पर करीब करीब 3,03,471 लोगों से चर्चा की है. इस प्रक्रिया में 1,24,250 सुझाव आए हैं. इनमें से कई सुझाव कॉमन हैं. इन सभी सुझावों को श्रेणीवार बांटा गया और विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है. इनमें नफरी को लेकर सुझाव आए हैं. 2030 तक प्रति एक लाख लोगों पर 200 पुलिसकर्मियों की तैनाती का सुझाव दिया है. खास तौर पर अवकाश, प्रमोशन, वेतन को लेकर बड़ी संख्या में सुझाव आए हैं. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों से और आम जनता ने पुलिस से राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म करने की बात भी कही है.
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जहां ज्यादा स्टाफ, वहां सुविधाएं बढ़े - उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मेगा पुलिस थानों में स्टाफ की संख्या के साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ाने का सुझाव मिला है. प्रदेश में पुलिस कमिश्नरेट की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने का सुझाव भी आया है. इसके अलावा चालानी गार्ड्स और आर्म्ड बटालियन की नफरी बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है. एसओजी, सीआईडी और एटीएस की यूनिट्स को रेंज स्तर या जिला स्तर पर स्थापित करने का सुझाव दिया है.
सर्किल स्तर पर हो सोशल मीडिया सेल - डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि हाईवे मोबाइल टीम और सोशल मीडिया सेल को लेकर सुझाव दिए गए हैं. इसके अलावा संपूर्ण महिला थानों का सुझाव भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया गया है. पुलिस में महिलाओं की संख्या अभी 10 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 2030 तक 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है. पुलिस में साप्ताहिक अवकाश लागू करने का भी सुझाव दिया गया है.
तफ्तीश में एक्सपर्ट हायर करने की छूट - उनका कहना है कि अपराध का पैटर्न बदलने से आजकल साइबर क्राइम और फाइनेंशियल क्राइम से जुड़े मामलों की तफ्तीश काफी पेचीदा हो जाती हैं. ऐसे में कानून, वित्तीय, सूचना व प्रौद्योगिकी, साइबर और राजस्व से जुड़े विशेषज्ञों को हायर करने का पावर पुलिस को देने का भी सुझाव दिया गया है. साथ ही इस प्रक्रिया का सरलीकरण करने का भी सुझाव दिया है. दरअसल, राजस्थान पुलिस अकादमी में 15 सितंबर को मिशन 2030 के लिए सुझाव देने के लिए राज्य स्तरीय हितधारक सम्मलेन का आयोजन किया गया था. जिसमें डीजीपी उमेश मिश्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. इसके साथ ही पुलिस सेवा से रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की.
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कई स्तर पर हुए आयोजन - मिशन 2030 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए सुझाव देने के लिए पुलिस महकमे में कई स्तर पर आयोजन हुए. इसके तहत हर थाना स्तर पर और एसपी स्तर पर हितधारक सम्मलेन का आयोजन किया गया था, जिसमें आमजन के साथ ही सीएलजी सदस्यों, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक और सुरक्षा सखियों की ओर से भी सुझाव लिए गए हैं. इन सुझावों को थाने और एसपी स्तर से पुलिस मुख्यालय भिजवाया गया.
विजन डाक्यूमेंट्स की अहम बातें
- मिशन 2030 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए पुलिस मुख्यालय को 1,24,250 सुझाव मिले हैं.
- विभिन्न हितधारकों के साथ प्रदेशभर में पुलिस अधिकारियों ने 6,460 मीटिंग्स ली.
- प्रदेशभर के 3,03,471 हितधारकों से मिशन 2030 को लेकर पुलिस ने चर्चा की.
- हर जिले में एक संपूर्ण महिला स्टाफ थाना बनाने का भी सुझाव.
- महिला डेस्क की प्रभारी महिला एसआई या एएसआई को बनाने की भी सिफारिश.
- अभी फोर्स में महिलाओं की संख्या 10 फीसदी है, जिसे 2030 तक बढ़ाकर 30 फीसदी करने का लक्ष्य.