जयपुर. प्रदेशवासियों के लिए अच्छी खबर है. अब राजस्थान में मिनिमम इनकम गारंटी कानून का अधिकार मिल गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान में मिनिमम इनकम गारंटी बिल और गिग वर्कर्स बिल पर हस्ताक्षर करते हुए मंजूरी दे दी है. राज्यपाल से बिलों को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के सामाजिक संगठनों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई राजस्थान की इन लोगों की थी जो अब पूरी हो गई है.
क्या है मिनिमम इनकम गारंटी बिल ? बता दें कि जुलाई 2023 में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार मिनिमम इनकम गारंटी बिल सदन में लेकर आई थी, जिसे बहुमत के साथ पास करवाया था. बिल सदन में पास होने के बाद राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिसे मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने हस्ताक्षर करके मंजूर कर दिया. बिल पर हस्ताक्षर होने के साथ अब प्रदेश की जनता के लिए लागू हो गया है. ये न्यूनतम आय की गारंटी का अधिकार प्रदेश के प्रत्येक 18 साल से अधिक उम्र के नागरिकों, गृहिणियों और मजदूरों को आर्थिक रूप से संबल के साथ सामाजिक सुरक्षा के रूप में न्यूनतम आय गारंटी का अधिकार देता है.
पढ़ें : गिग वर्कर्स के लिए बिल लाने वाला पहला राज्य होगा राजस्थान : सीताराम लांबा
इस कानून के अनुसार पात्र व्यक्तियों को शहरी क्षेत्रों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम के माध्यम से और ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा. इसके अलावा वृद्धावस्था/विशेष योग्यजन/विधवा/एकल महिला को पेंशन के माध्यम से न्यूनतम आय की गारंटी दी गई है. अब 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक प्रदेश के नागरिक रूप से 125 दिन ग्रामीण और 125 दिन शहर क्षेत्र में रोजगार का अधिकार मिल गया.
गिग वर्कर्स बिल क्या कहता है : प्रदेश में ऑनलाइन फूड डिलीवरी सिस्टम और अन्य सामान को डायरेक्ट घर तक पहुंचाने वाले गिग वर्कर्स के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार इसी विधानसभा में गिग वर्कर्स बिल को बहुमत के साथ पास किया था, जिसे राज्यपाल कलराज मिश्र ने हस्ताक्षर करके मंजूरी दे दी. गिग वर्कर्स जिसे पंजीकरण और कल्याण विधेयक 2023 भी कहा जाता है. ये बिल देश का पहला ऐसा बिल है जहां गिग वर्कर्स को कानून के दायरे में लाया गया है और ये गिग श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगा.
बिल के अनुसार अगर कोई इस गिग वर्कर्स एक्ट का उल्लंघन करेगा तो 5 से 50 लाख तक जुर्माना लगेगा. गिग वर्कर्स का समूहक अगर रजिस्टर्ड गिग वर्कर्स के लिए बने कानून का पालन नहीं करता है तो राज्य सरकार उस पर पहली बार 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाएगी. यह राशि 50 लाख रुपये तक हो सकता है.