जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि वह आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव (Adarsh Credit Society refund case) सोसायटी के जमाकर्ता याचिकाकर्ताओं के मामले में रिफंड के संबंध में पेश अभ्यावेदनों का छह सप्ताह में निपटारा करे. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की एकलपीठ ने यह आदेश कल्पना मेहता व 31 अन्य की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए दिए हैं.
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र शाह और अधिवक्ता प्रज्ञा सेठ ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में अपनी सारी जमा पूंजी निवेश कर दी थी. वहीं सोसायटी का घोटाला सामने आ गया और तय अवधि पूरी होने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को जमा राशि और ब्याज नहीं लौटाया गया. इस पर याचिकाकर्ताओं ने कई बार केन्द्र सरकार को प्रार्थना पत्र पेश कर सोसायटी या लिक्विीडेटर को निर्देश देने की गुहार लगाई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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याचिका में कहा गया कि मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटीज एक्ट की धारा 122 के तहत केन्द्र सरकार ऐसे मामलों में दखल देकर संबंधित सोसायटी को निर्देश देने के लिए बाध्य है. इसके बावजूद केन्द्र सरकार मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में केन्द्र सरकार को छह सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन तय करने को कहा है.