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राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिक अंक लाने वाले दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब - तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022

Rajasthan High Court sought answers, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 लेवल द्वितीय में ओबीसी वर्ग के दिव्यांग अभ्यर्थी के अधिक अंक लाने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court sought answers
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 16, 2023, 10:45 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 लेवल द्वितीय में ओबीसी वर्ग के दिव्यांग अभ्यर्थी के अधिक अंक लाने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव सहित अन्य से पूछा है कि क्यों न याचिकाकर्ता को शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए. वहीं, अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश कुमार की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थी के तौर पर ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था. उसके 45 फीसदी से अधिक दिव्यांगता है. शिक्षक भर्ती में उसके 210 अंक आए हैं. जबकि ओबीसी की कट ऑफ 209 अंक रही है. विभाग की ओर से उसका पुन: मेडिकल कराया गया, जिसमें उसकी दिव्यांगता 40 फीसदी से कम कर दी गई.

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वहीं, इसी आधार पर उसका चयन निरस्त कर दिया गया. जबकि वह ओबीसी वर्ग से अधिक अंक रखता है. ऐसे में यदि उसे दिव्यांग नहीं माना जा रहा तो ओबीसी वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंकों को आधार पर उसे नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद रिक्त रखने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

इसे भी पढ़ें - डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 लेवल द्वितीय में ओबीसी वर्ग के दिव्यांग अभ्यर्थी के अधिक अंक लाने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव सहित अन्य से पूछा है कि क्यों न याचिकाकर्ता को शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए. वहीं, अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश कुमार की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थी के तौर पर ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था. उसके 45 फीसदी से अधिक दिव्यांगता है. शिक्षक भर्ती में उसके 210 अंक आए हैं. जबकि ओबीसी की कट ऑफ 209 अंक रही है. विभाग की ओर से उसका पुन: मेडिकल कराया गया, जिसमें उसकी दिव्यांगता 40 फीसदी से कम कर दी गई.

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वहीं, इसी आधार पर उसका चयन निरस्त कर दिया गया. जबकि वह ओबीसी वर्ग से अधिक अंक रखता है. ऐसे में यदि उसे दिव्यांग नहीं माना जा रहा तो ओबीसी वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंकों को आधार पर उसे नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद रिक्त रखने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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