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Rajasthan High Court: फायरमैन भर्ती में नियुक्ति से वंचित करने पर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन भर्ती 2021 में अधिक अंक लाने के बाद भी नियुक्ति से वंचित रखने पर स्वायत्त शासन सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  High Court seeks reply
फायरमैन भर्ती में नियुक्ति से वंचित करने पर मांगा जवाब.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 15, 2023, 9:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन भर्ती-2021 में अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित करने पर स्वायत्त शासन सचिव, स्वायत्त शासन निदेशक, कार्मिक सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि तय योग्यता और अधिक अंक होने के बावजूद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश करमजीत सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2021 में सहायक अग्निशमन अधिकारी व फायरमैन के कुल 600 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने फायरमैन पद के लिए आवेदन किया था. भर्ती विज्ञापन में शर्त थी कि आवेदन के पास दसवीं कक्षा के साथ ही छह माह का बेसिक एलिमेंट्री फायरमैन प्रशिक्षण होना चाहिए या अभ्यर्थी चयन के छह माह के भीतर यह प्रशिक्षण कर सकता है.

पढ़ेंः राज्य सरकार को हाईकोर्ट से लगा झटका: महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की नियुक्ति पर रोक

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास लिखित परीक्षा से पूर्व का फायरमैन का डिप्लोमा है, जबकि भर्ती एजेंसी उन अभ्यर्थियों को वरीयता दे रही है, जिनके पास आवेदन से पूर्व यह योग्यता है. जबकि 1999 के संशोधित सेवा नियमों के तहत यदि भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर की जा रही है तो अभ्यर्थी के पास लिखित परीक्षा से पूर्व संबंधित योग्यता होनी चाहिए. याचिकाकर्ताओं के भर्ती की लिखित परीक्षा में अधिक अंक आए हैं, इसके बावजूद भी उन्हें आवेदन से पूर्व डिप्लोमा नहीं होने के आधार पर नियुक्ति से वंचित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन भर्ती-2021 में अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित करने पर स्वायत्त शासन सचिव, स्वायत्त शासन निदेशक, कार्मिक सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि तय योग्यता और अधिक अंक होने के बावजूद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश करमजीत सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2021 में सहायक अग्निशमन अधिकारी व फायरमैन के कुल 600 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने फायरमैन पद के लिए आवेदन किया था. भर्ती विज्ञापन में शर्त थी कि आवेदन के पास दसवीं कक्षा के साथ ही छह माह का बेसिक एलिमेंट्री फायरमैन प्रशिक्षण होना चाहिए या अभ्यर्थी चयन के छह माह के भीतर यह प्रशिक्षण कर सकता है.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के पास लिखित परीक्षा से पूर्व का फायरमैन का डिप्लोमा है, जबकि भर्ती एजेंसी उन अभ्यर्थियों को वरीयता दे रही है, जिनके पास आवेदन से पूर्व यह योग्यता है. जबकि 1999 के संशोधित सेवा नियमों के तहत यदि भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर की जा रही है तो अभ्यर्थी के पास लिखित परीक्षा से पूर्व संबंधित योग्यता होनी चाहिए. याचिकाकर्ताओं के भर्ती की लिखित परीक्षा में अधिक अंक आए हैं, इसके बावजूद भी उन्हें आवेदन से पूर्व डिप्लोमा नहीं होने के आधार पर नियुक्ति से वंचित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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