जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक रेडियोग्राफर भर्ती 2023 की चयन प्रक्रिया में अपात्रों को शामिल करने पर चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार से जवाब तलब किया है. जस्टिस गणेशराम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश दिलशाद अहमद व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने पूछा है कि क्यों न चयन प्रक्रिया से अपात्र अभ्यर्थियों को बाहर कर याचिकाकर्ताओं का चयन कर लिया जाए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 31 मई को सहायक रेडियोग्राफर के 1067 पदों के लिए भर्ती निकाली. जिसमें रेडियोग्राफर डिप्लोमा के अंकों के साथ ही अनुभव के अंकों के आधार पर चयन किया जाना है. अभ्यर्थियों को अनुभव के आधार पर अधिकतम तीस अंक दिए गए. वहीं, भर्ती प्रक्रिया के दौरान शॉर्टलिस्ट किए अभ्यर्थियों के गत 22 अगस्त व 23 अगस्त को दस्तावेज सत्यापन किए गए. जिसमें याचिकाकर्ता सहित अन्य अभ्यर्थियों को शामिल किया गया.
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याचिका में कहा गया की दस्तावेज सत्यापन में कई अपात्र अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया. इनमें से कई अभ्यर्थियों ने प्रदेश के बाहर से फर्जी तरीके से रेडियोग्राफर का डिप्लोमा लिया है. वहीं कुछ अभ्यर्थियों के डिप्लोमा को पैरामेडिकल कौंसिल ने मानने से इनकार कर दिया. इसके अलावा कई अभ्यर्थियों ने ऊपरी आयु सीमा पार कर ली. इसके साथ ही कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी दस्तावेज सत्यापन में शामिल किए गए, जिनके पास वास्तविक रूप से अनुभव प्रमाण पत्र ही नहीं हैं. इसके बावजूद भी ऐसे अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए गए. याचिका में गुहार की गई है कि इन अपात्र अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जाए और याचिकाकर्ता का सहायक रेडियोग्राफर पद पर चयन किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.