जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि संविदा पर लगे कर्मचारी को हटाकर उसके साथ पर दूसरे संविदाकर्मी को नियुक्त नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन व सचिव से जवाब मांगा है. वहीं अदालत ने मंडल में संविदा पर लगे आईटी ऑफिसर को पद से हटाने पर रोक लगाते हुए उसे मौजूदा पद पर काम करते रहने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश महेन्द्र चौधरी की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता प्रदूषण नियंत्रण मंडल में संविदा के तौर पर 5 अगस्त, 2020 को आईटी ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुआ था. इसके बाद से वह लगातार अपने पद पर काम करता आ रहा है. वहीं प्रदूषण मंडल ने गत 9 नवंबर को एक आदेश जारी कर याचिकाकर्ता के पद पर नए संविदाकर्मियों से आवेदन मांगे. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर स्थाई कर्मचारी को ही नियुक्त किया जा सकता है.
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यदि संविदाकर्मी को पद से हटाया जा रहा है, तो उसके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मी की नियुक्ति नहीं की जा सकती. ऐसे में याचिकाकर्ता के पद पर नए संविदाकर्मी को नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए याचिकाकर्ता को मौजूदा पद पर कार्य करते रहने के आदेश दिए हैं.