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अन्य सेवा से आईएएस सेवा में पदोन्नति के पद खत्म हुए तो रहेंगे याचिका के निर्णय के अधीन : हाईकोर्ट - posts for promotion in IAS service

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से IAS सेवा में पदोन्नति के मामले में गत 7 जुलाई को दिए पदोन्नति प्रक्रिया पर अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित करने से इनकार कर दिया है. साथ ही अदालत ने कहा कि यदि गैर आरएएस सेवा से आईएएस सेवा के पदोन्नति वाले पद खत्म होते हैं तो वे याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगे.

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 22, 2023, 10:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से आईएएस सेवा में पदोन्नति के मामले में गत 7 जुलाई को दिए पदोन्नति प्रक्रिया पर अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि यदि गैर आरएएस सेवा से आईएएस सेवा के पदोन्नति वाले पद खत्म होते हैं तो वे याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगे. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद की याचिका पर दिए हैं.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सत्येंद्र सिंह राघव ने केंद्र सरकार की ओर से मुख्य सचिव को भेजे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यदि अंतरिम रोक नहीं हटाई गई तो राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों को आईएएस सेवा में पदोन्नत करने की सिफारिश 31 दिसंबर, 2023 को स्वत: समाप्त हो जाएगी. वहीं, सेवा परिषद की ओर से कहा गया कि अदालत ने विस्तृत सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश दिया है और ऐसे प्रकरण में अंतिम बहस भी होनी चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि वो मामले में लगाई अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित नहीं कर रहे हैं, लेकिन यदि पदोन्नति वाले पद खत्म होते हैं तो वे इस याचिका में होने वाले निर्णय के अधीन रहेंगे.

इसे भी पढ़ें - पुलिस विभाग को पुन: नियुक्ति के आदेश जारी करने के निर्देश, रिव्यू मेरिट के बाद विभाग ने दिए थे हटाने के आदेश

याचिका में कहा गया कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व नियमों में अखिल भारतीय सेवा के 66.67 पद सीधी भर्ती और शेष आरएएस अधिकारियों की पदोन्नति से भरने का प्रावधान है. वहीं, अपवाद की स्थिति में आरएएस अधिकारियों के कोटे के पदों में से पद अन्य सेवाओं के अधिकारियों से भरे जा सकते हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने अन्य सेवाओं से आईएएस में पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है. यहां तक की पूर्व में अन्य सेवा से आईएएस में पदोन्नति हुए अधिकारी के रिटायर होने पर इस पद को गैर आरएएस से ही भरा जाता है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने छह पदों के लिए बीस अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर आरएएस से आईएएस सेवा में पदोन्नति के मामले में गत 7 जुलाई को दिए पदोन्नति प्रक्रिया पर अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि यदि गैर आरएएस सेवा से आईएएस सेवा के पदोन्नति वाले पद खत्म होते हैं तो वे याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगे. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद की याचिका पर दिए हैं.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सत्येंद्र सिंह राघव ने केंद्र सरकार की ओर से मुख्य सचिव को भेजे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यदि अंतरिम रोक नहीं हटाई गई तो राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों को आईएएस सेवा में पदोन्नत करने की सिफारिश 31 दिसंबर, 2023 को स्वत: समाप्त हो जाएगी. वहीं, सेवा परिषद की ओर से कहा गया कि अदालत ने विस्तृत सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश दिया है और ऐसे प्रकरण में अंतिम बहस भी होनी चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि वो मामले में लगाई अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित नहीं कर रहे हैं, लेकिन यदि पदोन्नति वाले पद खत्म होते हैं तो वे इस याचिका में होने वाले निर्णय के अधीन रहेंगे.

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याचिका में कहा गया कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व नियमों में अखिल भारतीय सेवा के 66.67 पद सीधी भर्ती और शेष आरएएस अधिकारियों की पदोन्नति से भरने का प्रावधान है. वहीं, अपवाद की स्थिति में आरएएस अधिकारियों के कोटे के पदों में से पद अन्य सेवाओं के अधिकारियों से भरे जा सकते हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने अन्य सेवाओं से आईएएस में पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है. यहां तक की पूर्व में अन्य सेवा से आईएएस में पदोन्नति हुए अधिकारी के रिटायर होने पर इस पद को गैर आरएएस से ही भरा जाता है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने छह पदों के लिए बीस अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे हैं.

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