जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीस जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें एक जुलाई से होने वाली वेतन वृद्धि का लाभ दिया है. साथ ही अदालत ने संबंधित कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की गणना कर एरियर भी देने को कहा है. जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश विजय सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाओं में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता अलग-अलग वर्षो में तीस जून को रिटायर हुए हैं. सिविल सेवा संशोधित नियम 2008 में कर्मचारी को एक साल की सेवा पूरी करने के बाद एक जुलाई को वेतन वृद्धि देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से हर साल कर्मचारियों को एक जुलाई को दी जाने वाली वेतन वृद्धि संबंधित कर्मचारी से एक साल काम लेने के बाद दी जाती है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने भी तीस जून तक सेवा में रहकर पूरे साल अपनी सेवाएं दी हैं. ऐसे में उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित नहीं रखा जा सकता.
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का हकदार मान चुका है. इसलिए याचिकाकर्ताओं को भी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. वेतन वृद्धि के लिए यह नहीं देखा जा सकता कि एक जुलाई को कर्मचारी सेवा में है या नहीं, क्योंकि यह वेतन वृद्धि अग्रिम न होकर एक साल काम करने के बाद दी जाती है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एक जुलाई को कर्मचारी सेवा में ही नहीं है और वह पूर्व में रिटायर हो चुका है तो उसे वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने तीस जून को को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का हकदार मानते हुए याचिका मंजूर कर ली है.