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Rajasthan High Court: अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया, चिकित्सा सचिव व निदेशक को अवमानना नोटिस

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Published : Feb 3, 2023, 1:34 AM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना (Rajasthan High Court issued contempt notice) नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

Rajasthan High Court,  contempt notice to Medical Secretary
चिकित्सा सचिव व निदेशक को अवमानना नोटिस.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी नर्सिंग ऑफिसर भर्ती में एनजीओ के जरिए संविदा पर कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर को अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के मामले की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, निदेशक और सीएमएचओ जयपुर-प्रथम व द्वितीय सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने उनसे पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश नरेन्द्र रैगर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने हाल ही में नर्सिंग अधिकारी की भर्ती निकाली है. इसमें चिकित्सा विभाग की विभिन्न योजनाओं में संविदा पर काम करने वाले नर्सिंग ऑफिसर को एक साल के लिए दस अंक व तीन साल के अधिकतम तीस बोनस अंक का लाभ दिया जा रहा है. प्रार्थी भी एनजीओ के जरिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चिकित्सा अधिकारियों ने अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया.

पढ़ेंः Rajasthan Highcourt: अदालती आदेश के बावजूद ओबीसी आरक्षण नहीं देने पर अवमानना नोटिस

जिस पर हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2022 को उनकी याचिका पर विभाग को उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन अदालती आदेश के बाद भी उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए. ऐसे में अदालती आदेश की पालना कराई जाए और दोषी अफसरों को अवमानना के लिए दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, निदेशक समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी नर्सिंग ऑफिसर भर्ती में एनजीओ के जरिए संविदा पर कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर को अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के मामले की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, निदेशक और सीएमएचओ जयपुर-प्रथम व द्वितीय सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने उनसे पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश नरेन्द्र रैगर व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने हाल ही में नर्सिंग अधिकारी की भर्ती निकाली है. इसमें चिकित्सा विभाग की विभिन्न योजनाओं में संविदा पर काम करने वाले नर्सिंग ऑफिसर को एक साल के लिए दस अंक व तीन साल के अधिकतम तीस बोनस अंक का लाभ दिया जा रहा है. प्रार्थी भी एनजीओ के जरिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चिकित्सा अधिकारियों ने अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया.

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जिस पर हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2022 को उनकी याचिका पर विभाग को उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन अदालती आदेश के बाद भी उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए. ऐसे में अदालती आदेश की पालना कराई जाए और दोषी अफसरों को अवमानना के लिए दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, निदेशक समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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